(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2018/2008
Smt. Mamta Devi Vs. M/S The new India Insurance Company Limited
दिनांक : 26.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-66/2000, श्रीमती ममता देवी बनाम दी न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि0 व अन्य में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) आगरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.08.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री बी0पी0 दुबे को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि परिवाद समयावधि से बाधित है।
परिवाद के तथ्यों के अनुसार बीमित वाहन की दुर्घटना दिनांक 24.06.1994 को हुई है। बीमित अवधि दिनांक 27.03.1993 से 26.07.1994 थी। दुर्घटना के पश्चात क्लेम प्राप्त होने पर बीमा कम्पनी द्वारा 17,100/-रू0 की सीमा तक बीमा क्लेम स्वीकार किया गया, जिसकी सूचना परिवादी को दी गयी, परंतु परिवादी द्वारा इस राशि को स्वीकार नहीं किया गया और पुन: विचार करने का अनुरोध किया गया, इसके पश्चात उपभोक्ता परिवाद वर्ष 2000 में प्रस्तुत किया गया, चूंकि बीमा कम्पनी द्वारा बीमा क्लेम का निस्तारण 1995 में कर दिया गया था, इसलिए वर्ष2000 में उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत करना निश्चित रूप से समयावधि से बाधित है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2