मौखिक
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1311/2004
संजय कुमार अग्रवाल
बनाम
नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0 के0 गुप्ता, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नही
दिनांक :21.02.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. प्रस्तुत अपील, संजय कुमार अग्रवाल की ओर से विद्वान जिला आयोग, द्धितीय बरेली द्वारा परिवाद संख्या– 69/2000, संजय कुमार अग्रवाल बनाम नेशनल इंश्योरेन्स में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.06.2004 के विरूद्ध योजित की गयी है।
2. अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ट्रक संख्या यूजी एल 188 का स्वामी है जिसका बीमा विधिवत किया गया है। दिनांक 12.01.1998 को ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सर्वेयर ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये अंकन 52,533.00 रूपये क्षति का आंकलन किया परन्तु विपक्षी द्धारा बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया गया।
4. विपक्षी का कथन है कि उनके द्धारा सर्वेयर नहीं नियुक्त किया गया था। परिवादी द्धारा अन्य दुर्घटना की फर्जी अख्या सर्वेयर से मिलकर तैयार करवाई गई। परिवादी का लाइसेन्स मोटर साईकिल चलाने हेतु वैध है।
5. जिला आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं पत्रावली का अवलोकन करते हुये परिवाद को खंडित करते हुये परिवादी को अंकन 10,000.00 हर्जाने अदा करने का आदेश दिया है।
4. अपीलार्थी के विद्धान द्धारा केवल हर्जा को वापस लिये जाने का अनुरोध किया गया है। जिला आयोग ने बीमित वाहन के दुर्घटना होने के तथ्य को सही नहीं पाया है इस लिये परिवादी पर अंकन 10,000.00 हर्जाना अधिरोपित किया गया है। परन्तु किसी पर आरोप साबित होना अथवा विफल होना दोनो भिन्न अवस्थायें है। इस लिये जिला आयोग द्धारा पारित हर्जाने का आदेश अंकन 10,000.00 अपास्त किया जाता है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश में हर्जे की धनराशि अंकन 10,000.00 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि राज्य आयोग के समक्ष जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित नियमानुसार वापस की जावेगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
रंजीत, पी0 ए0,
कोर्ट-03