(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1793/2011
Rashmi Khadi Gram-Udyog Sewa Sansthan through President Muktar Ahmad
Versus
Manager, National Insurance Co. Ltd & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री नीरज पॉलीवाल, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :06.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-69/2007, रेशमी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान बनाम क्षेत्रीय प्रबन्धक नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 में जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 17.01.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच ने बीमा कम्पनी को आदेशित किया है कि अंकन 77,255/-रू0 का भुगतान किया जाए।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने अपने संस्थान का बीमा कराया था। दिनांक 16.10.2005 को मऊ शहर में दंगा भड़कने के एक परिवादी की फैक्ट्री मे लूटपाट की गयी और सामान उठा लिया गया। उसके बाद आग लगा दी गयी, जिसमें कई लाख रूपये का नुकसान हुआ। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया। सर्वेयर द्वारा अंकन 5,14,251/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दंगों से प्रभावित होने के कारण अंकन 2,00,000/-रू0 सहायता राशि को बीमा कम्पनी द्वारा काट ली गयी है। सर्वेयर द्वारा जिस क्षति राशि का आंकलन किया गया। उसमें भी 25 प्रतिशत की कटौती कर ली गयी। जिला उपभोक्ता मंच ने इसी 25 प्रतिशत कटौती को अवैध मानते हुए अदा करने का आदेश पारित किया है, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दंगा पीडि़त व्यक्ति को दी गयी सहायता अंकन राशि 2,00,000/-रू0 है।
4. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि दंगा पीडि़त व्यक्ति को राज्य सरकार के स्तर से दी गयी सहायता का लाभ बीमा कम्पनी प्राप्त नहीं कर सकती। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क इस आधार पर स्वीकार होने योग्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने नागरिक को दंगे से प्रभावित होने के कारण सांत्वना राशि के रूप में अंकन 2,00,000/-रू0 अदा किये गये हैं। यह राशि अदा करते समय क्षति का वास्तविक क्षति का आंकलन नहीं किया गया, जबकि बीमा कम्पनी का उत्तरदायित्व एक समझौते के आधार पर क्षति कारित होने पर क्षति की पूर्ति करने के लिए है, इसलिए बीमा कम्पनी यह आधार नहीं ले सकती है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो सहायता उपलब्ध करायी गयी है उस सहायता राशि की कटौती कर ली जाए और उसके पश्चात अवशेष राशि उनके स्तर से अदा की जाए। अत: अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार करते हुए प्रश्नगत निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश के अतिरिक्त प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी, अपीलार्थी/परिवादी को राज्य सरकार द्वारा सांत्वना राशि 2,00,000/-रू0 की राशि भी उपलब्ध कराये। इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज भी देय होगा।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3