Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/1111

Ramesh Chandra Agarwal - Complainant(s)

Versus

N I Co - Opp.Party(s)

S K Srivastava

06 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/1111
( Date of Filing : 21 Jun 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ramesh Chandra Agarwal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. N I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Aug 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-1111/2011

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद सं0-40/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15/04/2011 के विरूद्ध)

  Ramesh Chandra Agarwal, S/O S.B. Lal, R/O H.No. 126, Sahukara, Pilibhit.

  1.                                                                                 Appellant  
  2.  

 National Insurance Co. Ltd Through Branch Manager Chatrichowraha Pilibhit.

  •                                                                  

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री अशोक कुमार राय

दिनांक:-06.08.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           जिला उपभोक्‍ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद सं0-40/2009 रमेश चन्‍द्र अग्रवाल बनाम नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15/04/2011 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।
  2.            परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ट्रक सं0 यू0पी0 26-8882 का पंजीकृत स्‍वामी है, जिसका बीमा दिनांक 04.10.2006 से दिनांक 03.10.2007 की अवधि के लिए कराया गया था। दिनांक 21.01.2007 को ट्रक की दुर्घटना बस सं0 यू0पी0 21-8511 से हो गयी, जिसके कारण ट्रक क्षतिग्रस्‍त हो गया। बीमा कम्‍पनी द्वारा सूचना पर सर्वेयर नियुक्‍त किया गया। इसके बाद ट्रक की मरम्‍मत भार्गव मोटर्, बरेली रोड़ हल्‍द्ववानी कस्‍बे में करा ली गयी और क्‍लेम विपक्षी के कार्यालय में जमा किया गया है। सर्वेयर द्वारा अंकन 37,351/-रू0 की क्षति का आंकलन किया, जबकि परिवादी ने 50,000/-रू0 की क्षति बतायी थी, परंतु इसके बावजूद भी बीमा क्‍लेम नकार दिया गया।
  3.         बीमा कम्‍पनी का कथन है कि क्‍लेम प्राप्‍त होने पर अनुसंधान कराया गया और यह पाया गया कि परिवादी द्वारा जो परमिट लिया गया, उसकी अवधि दिनांक 14.10.2005 से 13.10.2006 तक यह परमिट उत्‍तरांचल राज्‍य में वैध नहीं था जबकि दुर्घटना उत्‍तरांचल में हुई है, इसलिए बीमा क्‍लेम नकार दिया गया। बीमा कम्‍पनी के कथन को जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा भी स्‍वीकार किया गया है और परिवाद खारिज कर दिया गया।
  4.            अपील के ज्ञापन तथा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्कों का सार यह है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा मनमाना साक्ष्‍य विहीन निर्णय पारित किया है। परिवाद स्‍वीकार किया जाना चाहिए था। बहस के दौरान यह भी तर्क प्रस्‍तुत किया है कि परमिट के अभाव मे नॉन स्‍टैण्‍डर्ड बेसिस पर क्षतिपूर्ति का आदेश दिया जाना चाहिए था। इस आयोग के समक्ष परमिट की प्रमाणिकता पर कोई बहस नहीं की गयी है। अत: इस बिन्‍दु पर जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निष्‍कर्ष दिया गया है, उसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता। अब प्रश्‍न यह उठता है कि क्‍या वैध परमिट न होने मात्र से दुर्घटना घटित होने पर कोई बीमा क्‍लेम देय बनता है या नहीं?  बगैर परमिट वाहन को संचालित करना बीमा पॉलिसी की शर्त का उल्‍लंघन है, जब व्‍हीकल अधिनियम के अंतर्गत किसी विशेष रूट पर चलने के लिए परमिट जारी किया जाता है तब उसी रूट पर चलने का अधिकार वाहन को प्राप्‍त होता है। परमिट के अभाव में वाहन का संचालन करना पूर्णता अवैध कार्य है। इस अवैध कार्य से दुर्घटना घटित होती है तब इसके लिए बीमा कम्‍पनी उत्‍तरदायी नहीं है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।   

आदेश

अपील खारिज की जाती है।

         प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

उभय पक्ष अपीलीय वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

              आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

  

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

  •  

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0 2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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