सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद संख्या 87 सन 2008 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.11.2009 के विरूद्ध)
अपील संख्या 794 सन 2010
रामलाल पुत्र श्री झम्मन लाल निवासी ग्राम श्यामपुर नन्दौना (पूर्वी) परगना व तहसील धरसावन जिला बहराइच ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 शाखा बहराइच, द्वारा शाखा प्रबन्धक ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री एन0सी0 उपाध्याय।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री एस0पी0सिंह के सहयोगी श्री आशीष
जायसवाल।
दिनांक:-05-08-19
श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद संख्या 87 सन 2008 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.11.2009 प्रस्तुत की गयी है ।
संक्षेप में, प्रकरण के आवश्यक तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर दिनांक 30.05.2005 को एक भैंस क्रय की तथा उसका बीमा नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 से कराया । दिनांक 16.06.2005 को उक्त बीमित भैंस अचानक बीमार होकर मर गयी। परिवादी ने भैंस के मरने की सूचना श्र्रावस्ती ग्रामीण बैंक तथा बीमा कम्पनी को दी। भैंस के मरने की सूचना प्राप्त होने पर विपक्षीगण द्वारा उसी दिन बीमित भैंस का पोस्ट मार्टम कराया गया लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिनांक 03.08.2005 की तिथि अंकित कर दी गयी। परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण कर बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया तथा उल्लिखित किया गया कि मृत भैंस का शव परीक्षण करने वाले चिकित्सक के अभिलेख मंगवाकर भैंस की मृत्यु की तिथि की भिन्नता की जांच कर ली जाए, लेकिन बीमा कम्पनी द्वारा भैंस के मरने की तिथि तथा पोस्टमार्टम की तिथि में भिन्नता होने के आधार पर परिवादी के क्लेम को निरस्त कर दिया, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी ने जिला मंच के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया।
जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्य एवं अभिवचनों के आधार पर यह अवधारित करते हुए कि बीमित भैंस की मृत्यु दिनांक 05.09.2005 को हुयी जबकि भैंस के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भैंस के मरने की तिथि 03.08.2005 अंकित है। जिला मंच ने उल्लिखित किया है कि क्लेम फार्म में कमी होने के कारण परिवादी को क्लेम फार्म दुरूस्त करने हेतु भेजा गया तथा इस संबंध में कई अनुस्मारक भेजे गए लेकिन परिवादी द्वारा वांछित त्रुटियों का निराकरण नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त जांच में सर्वेयर द्वारा यह भी पाया गया कि भैंस के कान में छल्ला नही लगा था, परिवादी का परिवाद निरस्त कर दिया।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी है।
अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा सम्पूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्त किए जाने योग्य है।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क विस्तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक अवलोकन किया।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी ने ऋण लेकर एक भैंस क्रय की तथा उसका बीमा कराया। उक्त भैंस बीमार होकर मर गयी । परिवादी द्वारा भैंस का पोस्टमार्टम कराया गया लेकिन भैंस के मरने की तिथि तथा पोस्टमार्टम की तिथि में भिन्नता होने के कारण बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम नहीं दिया गया।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट यह भी है कि भैंस के मरने की तिथि तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकित तिथि में भिन्नता है। इसके संबंध में बीमा कम्पनी द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु परिवादी को कई बार पत्र लिखे गए लेकिन परिवादी द्वारा उल्लिखित औपचारिकताओं की पूर्ति नहीं की गयी इसके अतिरिक्त सर्वेयर द्वारा सर्वे के दौरान पाया गया कि भैंस के कान में कर्णछल्ला भैंस के मरने के बाद लगाया गया था जिसकी पुष्टि परिवादी बीमाधारक द्वारा भी की गयी, जिससे मृतक भैंस के बीमित होने में संदेह होना स्वाभाविक है।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्चात हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा साक्ष्यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्नगत परिवाद में विवेच्य निर्णय पारित किया है, जो कि विधिसम्मत है एवं उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
तद्नुसार प्रस्तुत अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-2
(S.K.Srivastav,PA)