Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/340

M/s Narja Filling Station - Complainant(s)

Versus

N I Co - Opp.Party(s)

Siddharth Srinet & T. H. NaqviM & Mohd Shareef

12 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/340
( Date of Filing : 22 Feb 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Narja Filling Station
a
...........Appellant(s)
Versus
1. N I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-340/2013

मैसर्स नरजा फिलिंग स्‍टेशन

बनाम

नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 त‍था एक अन्‍य

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनां : 12.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-17/2012, मैसर्स नरजा फिलिंग स्‍टेशन बनाम नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.02.2013 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री टी.एच. नकवी एवं मोहम्‍मद शरीफ तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 की विद्वान अधिवक्‍ता सुश्री रेहाना खान तथा प्रत्‍यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आईपीएस चड्ढा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि विपक्षी संख्‍या-1, बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्‍लेम दिनांक 25.05/2007 को नकार दिया गया और विपक्षी संख्‍या-2, बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्‍लेम दिनांक 06.02.2008 को नकार दिया गया और इसके  चार वर्ष पश्‍चात परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है, इसलिए परिवाद समयावधि से बाधित है।

 

-2-

3.        अत: इस अपील के विनिश्‍चय के लिए प्रथम विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या समयावधि के संबंध में दिया गया निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है ?

4.        परिवाद पत्र के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 एवं 2 से दो बीमा पालिसी प्राप्‍त की गई थी। दिनांक 14.10.2005 को शहर में दंगा भड़कने के कारण शरारती तत्‍वों ने परिवादी का कैश, डीजल, पेट्रोल आदि को लूट लिया तथा मशीन को तोड़ दिया। बैंक 12:30 बजे बंद हो गया, इसलिए सूचना दूसरे दिन दी गई और क्‍लेम फार्म प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षीगण द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर द्वारा क्रमश: अंकन 3,48,802/-रू0 तथा अंकन 1,50,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति की संस्‍तुति की गई। राज्‍य सरकार की कमेटी द्वारा बीमे का आंकलन अंकन 40,000/-रू0 से अधिक किया गया तथा अंकन 2,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दी गई, क्‍योंकि क्षतिपूर्ति की राशि राज्‍य सरकार द्वारा अधिकतम अंकन 2,00,000/-रू0 निर्धारित की गई थी, परन्‍तु बीमा क्‍लेम निरस्‍त कर दिया गया। बीमा क्‍लेम निरस्‍त करने की तिथियों का उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है।

5.        बीमा क्‍लेम निरस्‍त होने के पश्‍चात यह परिवाद दिनांक 30.01.2012 को प्रस्‍तुत किया गया है। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 24 क में व्‍यवस्‍था है कि वादकारण उत्‍पन्‍न होने के पश्‍चात परिवाद दो वर्ष की अवधि के अन्‍दर प्रस्‍तुत किया जाएगा। अत: प्रस्‍तुत केस में विचारणीय प्रश्‍न यह है कि वादकारण किस दिन उत्‍पन्‍न हुआ ?

6.        बीमा कंपनी के विद्वान अधिवक्‍ताओं का तर्क है कि वादकारण  बीमा  क्‍लेम नकारने की तिथि क्रमश: दिनांक 25.05/2007

 

-3-

एवं दिनांक 06.02.2008 को उत्‍पन्‍न हुआ, जबकि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ताओं का यह तर्क है कि बीमा क्‍लेम नकारने के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय में रिट याचिका प्रस्‍तुत की गई, जिसमें माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने OMBUDSMAN के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया। अपीलार्थी द्वारा OMBUDSMAN के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, जिसका निर्णय दिनांक 27.12.2011 को हुआ, इसलिए वादकारण दिनांक 27.12.2011 को उत्‍पन्‍न हुआ माना जाना चाहिए। चूंकि परिवाद दिनांक 30.01.2012 को प्रस्‍तुत कर दिया गया था, इसलिए परिवाद समयावधि के अंतर्गत है। नजीर, वेलजन हैड्रेयर लिमिटेड में बीमा कंपनी की संविदा में वादकारण उस दिन उत्‍पन्‍न होता है, जिस दिन बीमा क्‍लेम नकारा गया है। एक अन्‍य नजीर, यूनाइटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम गुलाब नबी भट्ट में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा व्‍यवस्‍था दी गई है कि बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत करने की स्थिति में बीमा क्‍लेम नकारने की तिथि को वादकारण उत्‍पन्‍न होता है। अत: उपरोक्‍त नजीरों के आलोक में कहा जा सकता है कि वादकारण उस दिन उत्‍पन्‍न हुआ जिस दिन बीमा क्‍लेम नकारा गया है, परन्‍तु चूंकि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ताओं का यह तर्क है कि उनके द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय में रिट याचिका प्रस्‍तुत की गई, इसके बाद दिनांक 27.12.2011 को OMBUDSMAN के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया। भारतीय मर्यादा अधिनियम की धारा 9 में यह व्‍यवस्‍था है कि जब एक बार वादकारण प्रारम्‍भ हो जाता है तब इसके बाद की कोई बाधा वादकारण का प्रारम्‍भ होना नहीं रोकती। चूंकि वादकारण उपरोक्‍त वर्णित तिथियों को उत्‍पन्‍न हो चुका था, इसलिए माननीय उच्‍च न्‍यायालय में रिट  याचिका  प्रस्‍तुत  करने  के कारण या OMBUDSMAN के समक्ष

 

-4-

क्‍लेम प्रस्‍तुत करने के कारण वादकारण अग्रसारित नहीं होता। यह अवधि वाद की गणना से बाहर नहीं की जा सकती। फिर यह भी कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय में भी रिट याचिका 08.01.2011 को प्रस्‍तुत की गई, जो पुन: समयावधि से बाधित थी। पुन: दोहराया जाता है कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय में प्रस्‍तुत रिट याचिका या OMBUDSMAN के समक्ष प्रस्‍तुत की गई याचिका का कोई प्रभाव उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 24 क के अंतर्गत दी गई समयावधि को अपवर्जित करने के लिए नहीं हैं। इस धारा के अंतर्गत वादकारण उत्‍पन्‍न होने की तिथि से दो वर्ष के अन्‍दर परिवाद प्रस्‍तुत किए जाने की व्‍यवस्‍था है, इस मध्‍य परिवादी क्‍या कार्यवाही करता है, इसका कोई प्रभाव समय की गणना करने में नहीं है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा दिया गया निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

7.        प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

          प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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