Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/1722

Meena Devi - Complainant(s)

Versus

N I Co - Opp.Party(s)

A K Mishra

26 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/1722
( Date of Filing : 05 Oct 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Meena Devi
a
...........Appellant(s)
Versus
1. N I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1722/2009

Meena Devi D/O Kedarram

Versus  

Branch Manager, National Insurance Com. Ltd.

समक्ष:-                                                             

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान अधिवक्‍ता 

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- श्री रवि कुमार रावत, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :26.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-54/1998 मीना देवी बनाम प्रबंधक नेशनल इं0कं0लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, बिजनौर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.        निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि समयावधि से बाधित होने के आधार पर परिवाद खारिज किया गया है, परंतु परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार विपक्षी कम्‍पनी द्वारा कभी भी बीमा क्‍लेम को निरस्‍त नहीं किया गया है। बीमा क्‍लेम निरस्‍त होने से पूर्व परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है, जबकि वाद कारण की गणना क्‍लेम निरस्‍त होने के पश्‍चात से की जानी चाहिए थी और प्रस्‍तुत केस में चूंकि क्‍लेम निरस्‍त नहीं हुआ है, इसलिए वाद कारण निरंतर बना रहा, इसलिए समयावधि से बाधित होने के आधार पर परिवादी खारिज करने का निर्णय/आदेश विधि-विरूद्ध है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है एवं प्रकरण प्रतिप्रेषित किया जाना उचित प्रतीत होता है। 

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा परिवाद सं0-54/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2009 अपास्‍त जाता है तथा प्रकरण सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता  आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-54/1998 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण तीन माह के अंदर करना सुनिश्चित करें। 

           पक्षकार दिनांक 20.12.2024 को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।         

         उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

          

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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