राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-1529/2013
(जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-26/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-06-2013 के विरूद्ध)
योगेन्द्र कुमार शर्मा पुत्र श्री ओम प्रकाश शर्मा, निवासी ग्राम उटरावली, पोस्ट आफिस खास, जिला बुलन्दशहर।
...........अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0, 165, सिविल लाइन्स, पुरानी जेल के सामने, बुलन्दशहर द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
............ प्रत्यर्थी/विपक्षी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री जे0एन0 मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : 05-08-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-26/2011 योगेन्द्र कुमार शर्मा बनाम न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-06-2013 के विरूद्ध योजित की गई है।
विद्वान जिला आयोग द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
'' परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 व 2 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर प्रश्नगत ट्रैक्टर की बीमित धनराशि मु0 4,42,605/- रू0 में से 25 प्रतिशत की कटौती करते हुए दसवे की शेष 75 प्रतिशत धनराशि मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दावा दायर करने
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की तिथि से तायोम अदायगी तथा 1000/- रू0 बतौर वाद व्यय अदा करें। ''
पीठ द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को विस्तार से सुना गया गया तथा अपील पत्रावली पर उपलब्ध अपील मेमो/कथनों/अभिकथनों एवं समस्त प्रलेखीय साक्ष्यों तथा प्रश्नगत निर्णय व आदेश का सम्यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।
उक्त निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इस आधार पर प्रस्तुत की गई है कि सम्पूर्ण बीमित धनराशि की अदायगी का आदेश पारित किया जाना चाहिए, परन्तु विद्वान जिला आयोग के निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि स्वयं परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया था कि बीमित धनराशि में से 25 प्रतिशत की कटौती के पश्चात बीमा राशि दी जा सकती है। अत: जो कथन स्वयं परिवादी की ओर से विद्वान जिला आयोग के समक्ष किया गया है, उसी कथन पर आधारित निर्णय पारित किया गया है। तब उक्त निर्णय को अपील में चुनौती देने का कोई अवसर नहीं था।
उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवं सम्पूर्ण विवेचन के उपरान्त पीठ इस मत की है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा दिये गये उक्त निर्णय के विरूद्ध अपील में जो आधार लिए गए हैं, वे सारहीन एवं बलहीन हैं। विद्वान जिला आयोग ने सभी तथ्यों का उचित एवं विधिक रूप से विश्लेषण करते हुए प्रश्नगत आदेश पारित किया है, जिसमें किसी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
तदनुसार अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-26/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-06-2013 की पुष्टि की जाती है।
-3-
अपील व्यय उभय पक्ष अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 05-08-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.