(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-378/2011
जसविन्दर सिंह पुत्र श्री स्वर्ण सिंह
बनाम
न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0
एवं
अपील संख्या-69/2011
दि न्यू इण्डिया एश्योरेंस कं0लि0
बनाम
जसविन्दर सिंह पुत्र श्री स्वर्ण सिंह
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी/परिवादी की ओर से : श्री एस.के. श्रीवास्तव।
प्रत्यर्थी/विपक्षी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक : 28.03.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-292/1994, जसविन्दर सिंह बनाम प्रबंधक न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी में विद्वान जिला आयोग, लखीमपुर-खीरी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.12.2010 के विरूद्ध अपील संख्या-378/2011, स्वंय परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ौत्तरी के लिए प्रस्तुत की गयी है, जबकि अपील संख्या-69/2011,
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बीमा कंपनी द्वारा प्रश्नगत निर्णय/आदेश को अपास्त करने के लिए प्रस्तुत की गयी है।
2. उपरोक्त दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा एक साथ किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्या-378/2011 अग्रणी अपील होगी।
3. उपरोक्त दोनों अपीलों में परिवादी, जसविन्दर सिंह के विद्वान अधिवक्ता श्री एस.के. श्रीवास्तव को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया। विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी बस संख्या यू.एच.एफ. 9562 का मालिक है, जिसका बीमा बीमा कंपनी से कराया गया था। बीमा अवधि के दौरान दिनांक 22.6.1994 को यह बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी, जिसका क्लेम प्रस्तुत किया गया। बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी, परन्तु बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया गया।
5. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 2,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है।
6. विद्वान जिला आयोग ने वाहन का संचालन लम्बी अवधि से बंद रहने के कारण सम्पूर्ण बीमित राशि अदा करने का आदेश पारित किया है। अत: इस आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है। तदनुसार बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गयी अपील संख्या-69/2011 निरस्त होने योग्य है।
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7. अब इस बिन्दु पर विचार किया जाता है कि क्या परिवादी की ओर से क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ौत्तरी के लिए प्रस्तुत की गयी अपील संख्या-378/2011 में क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ौत्तरी की जानी चाहिए ? विद्वान जिला आयोग द्वारा सम्पूर्ण बीमित राशि को अदा करने का आदेश दिया गया है, इसलिए इस आदेश के पश्चात अन्य कोई अतिरिक्त क्षतिपूर्ति का आदेश पारित नहीं किया जा सकता। तदनुसार यह अपील संख्या-378/2011 भी निरस्त होने योग्य है।
आदेश
8. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्या-378/2011 तथा अपील संख्या-69/2011 निरस्त की जाती हैं।
प्रस्तुत दोनों अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-378/2011 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-3