(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-41/2007
मैसर्स इटको हैण्डीक्राफ्ट्स, रजिस्टर्ड आफिस 34, सागर सराय, जी.एम.डी. रोड, मुरादाबाद 244001, द्वारा प्रोपराइटर श्री विजय कुमार।
परिवादी
बनाम
1. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0, डिविजनल आफिस, स्टेशन रोड, मुरादाबाद, द्वारा डिविजनल मैनेजर एवं डिप्टी अप्वायंटेड अटॉर्नी।
2. जी.जी.एल. लाइन प्रा0लि0, क्लेम्स डेस्क 205-206, प्रगति हाऊस 47-48, नेहरू प्लेस, न्यू दिल्ली 110019.
3. जी.जी.एल. लाइन प्रा0लि0, रजिस्टर्ड आफिस 10-सी फ्लोरेंस चर्च एवन्यू संटा क्रूज (वेस्ट) मुम्बई 400054 रजिस्ट्रेशन नम्बर MTO/DGS/311/2003.
4. जी.जी.एल. फ्लैट नम्बर 116, प्रथम तल पार्श्वनाथ प्लाजा-01 दिल्ली रोड, मुरादाबाद 244001.
विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन।
विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री सैय्यद हसीन।
विपक्षी सं0-2 त 4 की ओर से उपस्थित : श्री गन्तव्य।
दिनांक: 08.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. यह परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्ध अंकन 24,93,844/-रू0 का मूल्य 18 प्रतिशत ब्याज के साथ प्राप्त करने के लिए, अंकन 9,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए तथा अंकन 50,000/-रू0 परिवाद खर्च की प्राप्ति के लिए प्रस्तुत किया गया है।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं परिवादी भागेदारी फर्म है। जर्मनी स्थित फर्म द्वारा क्रय आदेश दिनांक 25.02.2006 के द्वारा रू0 85,35,249.40 पैसे के मूल्य का माल क्रय करने का आदेश CIF के अंतर्गत प्राप्त हुआ। इस माल को प्रेषित करने के लिए बीमा पालिसी अनेक्जर संख्या-B प्राप्त की गई। माल को विधिवत रूप से पैक किया गया, इसके बाद 5 प्लाई के Corrugated Boxes (लहरदार संदूक) में रखे गए, इसके बाद प्रत्येक बाक्स 7 प्लाई के Corrugated Boxes (लहरदार संदूक) में रखे गए, इसके बाद यह चिन्ह अंकित किया गया कि Glass / Fragile, Handle with Care परस्पर सम्पूर्ण तैयारी के पश्चात 102 Master Cartons शिपमेंट के लिए तैयार किए गए, जिनकी मूल कीमत अंकन 24,93,844/-रू0 की थी। विक्रय इन्वाइस तैयार की गई, जिसकी प्रति अनेक्जर संख्या-C है। यह माल स्थानीय कैरियर मैसर्स शिवदुर्गा शक्ति कैरियर, ईदगाह रोड, मुरादाबाद को दिनांक 22.07.2006 को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा माल मुम्बई पोर्ट पर भेजा जाना था। स्थानीय कैरियर को अंकन 10,580/-रू0 का भुगतान किया गया, जिसकी रसीद अनेक्जर संख्या-D है। यह माल मुम्बई पोर्ट पर पहुँचाने के पश्चात सक्षम कस्टमर अधिकारियों द्वारा चेक किया गया और वजन एवं नाप किया गया तथा प्रमाण पत्र जारी किया गया, जो अनेक्जर संख्या-E है। यह माल मुम्बई से मैसर्स जीजीएल लाइन्स प्रा0लि0 द्वारा द्वारा Bill of Lading से प्राप्त किया गया, जिसकी प्रति अनेक्जर संख्या-F है। Humburg Port जर्मनी पहुँचने पर क्रेता को सूचित किया गया और माल की प्राप्ति पर यह पाया गया कि जिन कार्टून्स में माल रखा गया था, वह क्षतिग्रस्त था और इनमें रखा गया Fragile माल पूर्णत: नष्ट हो चुका था। विदेशी क्रेता द्वारा तुरन्त इस तथ्य की शिकायत की गई और बीमा क्लेम अपनी बीमा एजेंसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिनके द्वारा सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर प्रस्तुत की गई, इसके बाद परिवादी फर्म द्वारा अनावश्यक देरी के लिए पत्र लिखा गया, जिसकी प्रति अनेक्जर संख्या-G है और जिसका उत्तर दिनांक 03.01.2007 को प्राप्त किया गया, जिससे ज्ञात हुआ कि क्रेता की बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम नकार दिया गया, जो भी क्षति कारित हुई है, वह अनुचित पैकिंग के कारण हुई है, इस पत्र की प्रति अनेक्जर संख्या-H है। सर्वेयर की यह रिपोर्ट तथ्यों के विपरीत है, क्योंकि प्रत्येक पदार्थ मानक के अनुसार पैक किया गया था। बीमा क्लेम नकारने का कोई आधार नहीं था। बीमा क्लेम अवैध रूप से निरस्त किया गया, जिसके कारण परिवादी को आर्थिक के साथ ख्याति की भी हानि हुई है। तदनुसार उपरोक्त वर्णित अनुतोषों के लिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
3. इस परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र तथा अनेक्जर संख्या-A लगायत अनेक्जर संख्या-H प्रस्तुत किए गए।
4. विपक्षी सं0-2 त 4 द्वारा प्रस्तुत लिखित कथन में उल्लेख किया गया है कि उसके खिलाफ किसी प्रकार का कथन सम्पूर्ण परिवाद में नहीं किया गया है। अत: उनका कोई उत्तरदायित्व अभिकथित नहीं है, इसलिए उनके विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत करने का कोई आधार नहीं है।
5. इस लिखित कथन को शपथ पत्र द्वारा समर्थित किया गया है।
6. विपक्षी संख्या-1 द्वारा बीमा पालिसी जारी करना स्वीकार किया गया है, परन्तु यह उल्लेख किया गया है कि बीमा पालिसी शर्तों के आधीन जारी की गई थी। M/s BITTERMAN & TILLERY Gmbg, German को हानि की सूचना देने की रिपोर्ट प्राप्त करने से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। यह भी कथन किया गया कि माल की क्षति की सूचना विदेशी क्रेता द्वारा समुन्द्र पार बीमा कंपनी M/s BITTERMAN & TILLERY Gmbg, German को दी गई थी, जिनके द्वारा सर्वे किया गया और बीमा क्लेम देने से इंकार किया गया। परिवादी ने दिनांक 03.01.2007 को उत्तरदायी विपक्षी को सूचित किया था कि क्रेता द्वारा क्लेम के सेटेलमेंट की कोई सूचना दी गई, इसके पश्चात उत्तरदायी विपक्षी ने दिनांक 03.01.2007 एवं दिनांक 04.01.2007 को जर्मनी स्थित बीमा कंपनी को पत्र लिखे गए, जिनके द्वारा उत्तरदायित्व निरस्त करने का आधार बताया गया। बीमा कंपनी द्वारा भी परिवादी को पत्र द्वारा सूचित किया गया। एक निष्पक्ष सर्वेयर द्वारा भौतिक सत्यापन के पश्चात यह पाया गया था कि पैकिंग मानक के अनुसार नहीं थी, इसलिए माल टूट गया। कार्टून अत्यधिक कमजोर थे। कार्टून पर निम्न शब्द Susceptible to Breakage अंकित नहीं थे। पालिसी की शर्तों के अनुसार यदि पैकिंग ठीक नहीं हुई थी तब कोई क्लेम देय नहीं था, इसलिए बीमा क्लेम नकारने का आधार विदेशी सर्वेयर की रिपोर्ट पर आधारित है, इसलिए कोई बीमा क्लेम देय नहीं है। यह भी कथन किया गया कि बीमा क्लेम अत्यधिक अनुचित तरीके से एवं उच्च दर से मांगा गया है।
7. इस लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत की गई।
8. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।
9. प्रस्तुत परिवाद के विनिश्चय के लिए वास्तविक विनिश्चायक बिन्दु यह है कि क्या परिवादी के स्तर से मानक के अनुरूप पैकिंग नहीं की गई, जिसके कारण माल को क्षति कारित हुई, जिसके लिए बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है ?
10. इसी अवसर पर यह उल्लेखनीय है कि विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध माल को क्षति पहुँचाने के संबंध में कोई आरोप स्वंय परिवाद पत्र में नहीं लगाया गया है। अत: उनके विरूद्ध किसी प्रकार का विवादक बिन्दु उत्पन्न नहीं होता, क्योंकि विवादक बिन्दु निर्मित करने के लिए विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध किसी आरोप का लगाना और विपक्षी संख्या-2 त 4 द्वारा आरोप से इंकार करना आवश्यक है, क्योंकि प्रस्तुत केस में विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध लापरवाही या सेवा में कमी का कोई आरोप नहीं है, इसलिए विपक्षी संख्या-2 त 4 के विरूद्ध कोई विवादक बिन्दु निर्मित नहीं किया जा रहा है।
11. प्रस्तुत केस में माल का भौतिक निरीक्षण विदेशी विशेषज्ञ सर्वेयर द्वारा किया गया है, जिसकी रिपोर्ट का उल्लेख स्वंय परिवादी की ओर से किया गया है और यह तर्क किया गया कि विदेशी विशेषज्ञ सर्वेयर द्वारा यह पाया गया कि माल की पैकिंग मानक के अनुरूप नहीं थी और जिन कार्टून्स में माल रखा गया था, वह निम्न श्रेणी के थे तथा उन पर निम्न मार्क Susceptible to Breakage अंकित नहीं था। परिवादी द्वारा यह कथन किया गया कि कार्टून्स पर यह मार्क किया गया था Glass / Fragile, Handle with Care । अत: इन दोनों का सावधिक अर्थ एक जैसा ही होता है। कार्टून्स के अंदर टूटने वाले सामान मौजूद है, इसलिए कार्टून को सावधानी से उठाया एवं रखा जाय। अत: इस उल्लेख के आधार पर यह निश्चित नहीं किया जा सकता कि माल समुचित रूप से पैक किया गया था या नहीं।
12. अब प्रश्न यह उठता है कि इस बिन्दु का निस्तारण किस आधार पर किया जाए कि माल समुचित रूप से पैक किया गया था, क्योंकि जर्मनी में माल पहुँचने पर माल का भौतिक सत्यापन केवल विदेशी सर्वेयर द्वारा किया गया, जिसकी रिपोर्ट का हवाला परिवाद पत्र में दिया गया है अन्य किसी प्रकार की कोई साक्ष्य इस पीठ के समक्ष इस बिन्दु पर विचार करने के लिए मौजूद नहीं है कि माल की पैकिंग गुणवत्ता के अनुरूप थी या नहीं, इसलिए सर्वेयर रिपोर्ट पर विश्वास करने के अलावा अन्य कोई विकल्प इस पीठ के समक्ष मौजूद नहीं है। चूंकि जिस व्यक्ति को भौतिक रूप से माल को देखने, माल जिस कार्टून में रखा गया था उस कार्टून को देखने का अवसर मौजूद था, उसके द्वारा ही यह निष्कर्ष दिया गया कि माल की पैकिंग मानक के अनुरूप नहीं थी। इस निष्कर्ष के विपरीत अन्य कोई दूसरा निष्कर्ष देने की कोई साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं है, इस बिन्दु पर दो मत नहीं हैं कि माल की पैकिंग गुणवत्ता के अनुरूप करने का दायित्व माल विक्रेता/परिवादी का था। बीमा पालिसी में यह शर्त स्पष्ट रूप से मौजूद है कि विदेश में माल भेजने से पूर्व गुणवत्तापूर्ण पैकिंग का दायित्व बीमाधारक का होगा। अत: उपरोक्त वर्णित परिस्थितियों से जाहिर होता है कि स्वंय परिवादी द्वारा बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए बीमा क्लेम नकारने का जो आधार बीमा कंपनी द्वारा दर्शित किया गया है, वह विधिसम्मत है। तदनुसार प्रस्तुत परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
13. प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2