Final Order / Judgement | (मौखिक) राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ परिवाद संख्या-57/2008 Quality Flavours Export Mora Industrial Estate, Prem nagar Vs. New India Assurance Co. Ltd 105, Shanti Nagar, Civil समक्ष:- 1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य। 2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य। परिवादीगण की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्डन, विद्धान अधिवक्ता विपक्षीगण की ओर से उपस्थित: श्री बी0पी0 दुबे, विद्धान अधिवक्ता दिनांक : 27.03.2024 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय - यह परिवाद बीमा कम्पनी के विरूद्ध अंकन 21,54,600/-रू0 की क्षतिपूर्ति 24 प्रतिशत ब्याज के साथ प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। मानसिक प्रताड़ना के मद में अंकन 10,00,000/-रू0, साथ ही हानि के मद में अंकन 10,00,000/-रू0 तथा परिवाद व्यय के रूप में अंकन 10,000/-रू0 की मांग भी की गयी है।
- परिवाद के तथ्य के अनुसार परिवादी एक भागीदारी फर्म है। व्यापार की सुरक्षा के लिए अंकन 13,50,00,000/-रू0 रूपये की बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी है, जिसकी अवधि 14.03.2007 से 13.03.2008 है। दिनांक 15.09.2007 को सायं 5:30 बजे टैंक नं0 3 में धमाके की आवाज हुई, जिसके कारण मेंथा वेपर्स तथा तेल दबाव के साथ बाहर आया, जिसके कारण एक कर्मचारी बेहोश हो गया। इस घटना की सूचना विपक्षी को दिनांक 15.09.2007 को ही दी गयी। विपक्षी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी। परिवादी द्वारा स्टॉक की सूचना उपलब्ध करायी गयी। सर्वेयर श्री एस0के0 अग्रवाल द्वारा कुछ दस्तावेज की मांग की गयी। बीमा कम्पनी द्वारा कुछ पत्र प्रेषित किये गये, जिनकी पूर्ति कर दी गयी। सुरेन्द्र सिंह द्वारा दी गयी सूचना की प्रति भी उपलब्ध करा दी गयी, चूंकि कोई शारीरिक क्षति नहीं हुई थी, इसलिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी, इस घटनाक्रम के कारण कुछ कृषि उपज जैसे कि सब्जियां, चावल प्रभावित हुए। सम्पूर्ण कच्चा माल नष्ट हो गया। सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि विस्फोट के कारण नुकसान कारित हुआ है, परंतु बीमा कम्पनी द्वारा कोई क्षतिपूर्ति नहीं की गयी, जबकि परिवादी को कुल 21,54,600/-रू0 की क्षति कारित हुई है।
- परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र तथा दस्तावेज सं0 15 लगायत 219 प्रस्तुत किये गये हैं।
- बीमा कम्पनी की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र या दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं की गयी।
- दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- घटनाक्रम के पश्चात बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी। सर्वेयर की रिपोर्ट दिनांक 28.06.2008 पत्रावली पर दस्तावेज सं0 199 लगायत 210 पर मौजूद है। सर्वेयर द्वारा अंकन 12,07,999/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है, चूंकि यह रिपोर्ट स्वयं बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर द्वारा तैयार की गयी है। अत: इस रिपोर्ट के आधार पर इस तथ्य की पुष्टि होती है। परिवादी के परिसर में धमाके के कारण स्टॉक तथा उत्पादित माल एवं अन्य पदार्थों की हानि हुई कारित हुई है। इन सभी हानि का उल्लेख सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में किया गया है। यद्यपि बहस के दौरान बीमा कम्पनी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा यह बहस की गयी है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी। आग बुझाने वाली फायर ब्रिगेड को सूचना नहीं दी गयी, इसलिए अग्निकाण्ड का कोई तथ्य स्थापित नहीं है, परंतु चूंकि सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में विस्फोट के कारण हुई हानि का आंकलन किया है तथा परिवाद में वर्णित तथ्य का कोई खण्डन् बीमा कम्पनी की ओर से नहीं किया गया। परिवादी द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र का भी कोई खण्डन नहीं किया गया, इसलिए अखण्डनीय साक्ष्य के आधार पर तथा सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर यह तथ्य स्थापित होता है कि परिवादी अंकन 12,07,999/-रू0 की क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार परिवाद इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि परिवादी क्षतिपूर्ति की राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज प्राप्त करने के लिए अधिकृत है एवं परिवाद व्यय के रूप में 15,000/-रू0 भी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को अंकन 12,07,999/-रू0 (बारह लाख सात हजार नौ सौ निन्यानवे मात्र) की क्षतिपूर्ति की राशि परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित अदा करे। साथ ही परिवाद व्यय के मद में अंकन 15,000/-रू0 भी विपक्षी बीमा कम्पनी, परिवादी को अदा करे। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे। (सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार) सदस्य सदस्य संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3 | |