जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नारावत ।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 10.02.2014
मूल परिवाद संख्या:- 13/2014
1. खलील पुत्र काजी फकरूदीन जाति मुसलमान निवासी वार्ड नं. 01 पोकरण तहसील पोकरण जिला जैसलमेर।
............परिवादी ।
बनाम
1. मुरली मधुर इलेक्ट्रोनिक फोर्ट रोड पोकरण जिला जैसलमेर।
2. वरफूल आॅफ इंडिया लि0 प्लाॅट नम्बर ए 40 सेक्टर 44 गुडगांव टेलीफोन ए-91-124-445 बी।
3. वरफूल आॅफ इंडिया लि0 प्लाॅट नम्बर ए 4 एम.आई.डी.सी राजनगोन तालुका सिरपुर जिला पूणे, महाराष्ट्र-411220।
4. विजय लक्ष्मी इलेक्ट्रोनिक्स, बेरारोड़ जैसलमेर।
5. एल.जी.एंड वरपुल सर्विस सेन्टर मधुबन काॅलोनी नेहरू यूवा केन्द्र बाड़मेर।
.............अप्रार्थीगण।
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री उम्मेदसिंह नरावत़, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. अप्रार्थी सं. 1 की ओर से कोई उपस्थित नही।
3. अप्रार्थी सं. 2 व 3 की ओर से जोधाराम अधिवक्ता उपस्थित।
4. अप्रार्थी सं. 4 की ओर से शैतानसिंह उपस्थित।
5. अप्रार्थी सं. 5 की ओर से कोई उपस्थित नही।
.............परिवादीगण।
ः- निर्णय -ः दिनांक ः 19.06.2015
1. परिवाद के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने अप्रार्थी सं 2 व 3 का उत्पाद वरफूल कम्पनी का फ्रीज दिनांक 09.03.2013 को रू 9500 मे अप्रार्थी सं. 1 से खरीदा। तथा अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादी को बिल सं. 7319 जारी किया। उक्त फ्रीज खरीदने के 4-5 माह बाद ही खराब हो गया। इस फ्रीज के फ्रीजर मे बर्फ जमना बन्द हो गया फ्रीज मे पानी ठण्डा होना भी बन्द हो गया तो वह अप्रार्थी सं. 1 के पास फ्रिज ठीक करने के सम्बध मे सम्पर्क किया तो उसने कहा कि कम्पनी के कस्टमर केयर पर षिकायत दर्ज कराओं तो उसने कम्पनी के कस्टमर केयर पर षिकायत दर्ज करायी। काफी दिन बाद अप्रार्थी सं. 3 के यहा से फ्रिज रिपेयर हैतु सर्विस मैन आया तथा उसने 3100 रू फ्रिज ठीक करने के बाद लिये लेकिन फ्रिज ठीक नही हुआ उसकी पुनः कस्टमर केयर पर 16.12.2013 को व 23.12.2013 को षिकायत दर्ज करायी लेकिन कोई ठीक कराने नही आया परिवादी का फ्रिज वर्तमान मे खराब है उक्त फ्रिज खरीदने से 4 माह पश्चात् ही खराब हो गया उक्त फ्रिज मे प्रारम्भ से ही उत्पाद त्रृटि है। उसे नया फ्रिज बदलकर दिलाया जावें तथा साथ ही मानसिक हर्जाना पेटे 50,000 रू आर्थिक नुकसान पेटे 10,000 रू परिवाद व्यय 5,000 व वसूल की गई राषि 3100 रू अप्रार्थीगण से दिलाये जाने का निवेदन किया।
2. अप्रार्थी सं. 1 का जवाब है कि परिवादी अपनी समस्या लेकर आया तो कम्पनी के कस्टमर केयर पर षिकायत दर्ज कराने का कहा क्योंकि वारंटी की सुविधा कम्पनी द्वारा दी जाती है। अप्रार्थी सं. 2 व 3 का जवाब है कि परिवादी को विक्रय किया गया फ्रिज उच्च गुणवता का बैहतरीन उत्पाद है। इस उत्पाद को मिस यूज, मिस हैण्डलिग व वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण इसकी कार्य क्षमता प्रभावित होना स्वाभिक है इस दषा मे कम्पनी की वारंटी समाप्त हो जाती है। नया फ्रिज बदलकर दिये जाने का कोई प्रावधान नही है। अप्रार्थी सं. 4 का जवाब है कि फ्रिज को ठीक करके दिया था फ्रिज सही हो जाने के बाद परिवादी ने रसीद पर हस्ताक्षर करके दिये थे अतः परिवादी सन्तुष्ट था दूबारा उसने कोई षिकायत नही की। अप्रार्थी सं. 5 की ओर से कोई उपस्थित नही उसके विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही की गई। अप्रार्थीगण का कथन है कि उन्होने कोई सेवा दोष कारित नही किया है। इसलिए परिवाद मय हर्ज खर्च के खारिज किये जाने का निवदेन किया।
3. हमने विद्वान अभिभाषक पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
विद्वान अभिभाषक पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1. क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
4. बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 से 9500 रू का भुगतान कर नया फ्रिज खरीदा है तथा अप्रार्थी सं.4 का फ्रिज रिपेयरिग के लिये 3100 रू का भुगतान किया है जिसे अप्रार्थीगण द्वारा माना गया है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
5.बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ?
इस सम्बध मे विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है कि अप्रार्थी सं 01 से दिनांक 09.03.2013 को परिवादी ने एक फ्रिज वरफूल कम्पनी का खरीदा जो 4-5 माह के पश्चात् खराब हो गया तथा फ्रिज के फ्रिजर मे बर्फ जमना बन्द हो गया फ्रिज मे पानी ठण्डा होना भी बन्द हो गया। जिसकी षिकायत कस्टमर केयर पर दर्ज कराई उसके बाद अप्रार्थी सं.03 के यहां से फ्रिज रिपेयरिग हेतु सर्विस मैन आया ओर उसने 3100 रू ठीक करने के लिये लैकिन फ्रिज ठीक नही हुआ उसकी पुनः कस्टमर केयर पर 16.12.2013 को तथा 23.12.2013 को षिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोई ठीक करने नही आया परिवादी का फ्रिज खराब पड़ा है। ठीक करने के बाद वह काम नही कर रहा है। परिवादी का यह फ्रिज वारंटी पीरीयड़ मेें खरीद से 4-5 माह पश्चात् ही खराब हो गया अतः फिंज मेें प्रारम्भ से ही उत्पाद त्रृटि है। अतः उसे नया फ्रिज बदलकर दिलाया जावें साथ ही मानसिक वेदना व परिवाद व्यय तथा ठीक करने के लिये वसूल की गई राषि दिलाये जाने की प्रार्थना की गई।
6. अप्रार्थी सं. 1 मुरली मधुर इलेक्ट्रनिक्स का जवाब है कि परिवादी अपनी समस्या लेकर आया तो कम्पनी के कस्टमर केयर पर षिकायत दर्ज करने का कहा, और वारंटी की सुविधा कम्पनी द्वारा दी जाती है। उक्त अवधि मे फ्रिज खराब हुआ हो तो कम्पनी की ही जिम्मेदारी है।
अप्रार्थी सं. 2 व 3 वरफूल इण्डिया लि0 के विद्वान अभिभाषक की दलील है कि परिवादी को विक्रय किया गया फ्रिज उच्च गुणवता का बेहतरीन उत्पाद है। मिस यूज व मिस हेण्डलिंग व वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण इसकी कार्य क्षमता प्रभावित होना स्वाभाविक है। इस दषा मे वारंटी स्वंय समाप्त हो जाती है। परिवादी परिवाद की आड़ मे नया फ्रिज लेना चाहता हैै। जो कि उत्पाद को बदलने का कोई प्रावधान नही है।
अप्रार्थी सं. 04 विजय लक्ष्मी इलेक्ट्रोनिक्स के विद्वान अभिभाषक की दलील है कि दुकान पर रखे फ्रिज को ठीक करने दिया था ओर फ्रिज सही हो गया तो परिवादी ने रसीद पर हस्ताक्षर करके दिये और परिवादी सतुष्ट था। दूबारा उसने कोई षिकायत नही की। अतः अप्रार्थीगण का तर्क है कि उन्होने कोई सेवा दोष कारित नही किया है। परिवाद खारिज किया जावें।
7. उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर हमारी राय इस प्रकार है कि परिवादी खलील ने परिवाद व सषपथ बयान मे यह प्रकट किया है कि उसने अप्रार्थी सं. 1 मुरली मधुर इलेक्ट्रिोनिक्स पोकरण दुकान से दिनांक 09.03.2013 को एक वरफूल कम्पनी द्वारा निर्मित फ्रिज जरिये बिल सं. 7319 रूपये 9500 मे खरीदा था। उक्त खरीदसुदा फ्रिज मे बर्फ जमना व पानी ठण्डा होना फ्रिज खरीदने के तुरन्त बाद ही बन्द हो गया। तो इस बाबत् अप्रार्थी सं. 1 को यह बात बताई तो उसने फ्रिज निर्माता कम्पनी के कस्टमर केयर के नम्बर पर षिकायत दर्ज करने को कहा। जिस पर परिवादी ने षिकायत दर्ज कराई। षिकायत दर्ज होने के काफी समय पश्चात् दिनांक 07.12.2013 को कम्पनी का सर्विस मैन आया ओर उसने फ्रिज को ठीक किया ओर 3100 रू वसूल किये लैकिन फ्रिज ठीक नही हुआ। इसकी षिकायत अप्रार्थी सं. 1 बेचानकर्ता को बताई ओर बार-बार षिकायत भी दर्ज कराई लैकिन फ्रिज को ठीक करने अप्रार्थीगण की तरफ से कोई नही आया तब से फ्रिज खराब पड़ा हुआ है। अतः परिवादी की साक्ष्य से यह प्रमाणित है कि फ्रिज खरीदने के बाद वारंटी पीरियड़ मे खराब हो गया और उसका फ्रिजर तथा पानी ठण्डा होना बन्द हो गया। जिसकी षिकायत अप्रार्थी सं. 1 के यहां की जिसे अप्रार्थी सं. 1 ने अपने जवाब में भी माना है कि उसने प्रार्थी की समस्या को सुनकर कम्पनी के कस्टमर केयर के नम्बर पर षिकायत दर्ज करने को कहा, अप्रार्थी सं. 4 ने अपने जवाब मे माना है कि कम्पनी के सेल्समेन द्वारा ही फ्रिज ठीक किया गया ओर एक रसीद 3100 रू की श्री गणेष इलेक्ट्रीक्स की दी गई। अतः अप्रार्थी सं. 4 के जवाब से भी यह प्रकट है कि परिवादी का फ्रिज खराब हो गया था जिसको उसने ठीक किया लेकिन परिवादी ने अपने सषपथ बयानों मे यह बताया है कि उसका फ्रिज ठीक करने के बाद भी ठीक नही हुआ तथा षिकायत करने के बाद भी ठीक करके नही दिया और वह खराब होकर आज भी बन्द पड़ा है। इस बात की पुष्टि परिवादी द्वारा दिनांक 16.12.2013 को षिकायत नम्बर 12130025191 तथा पुनः षिकायत दिनांक 21.12.2013 व 23.12.2013 में जो दर्ज कराई से भी प्रमाणित है। अतः ठीक करने के बाद भी परिवादी का फ्रिज ने काम करना शुरू नही किया। और वह बन्द हो गया इसका खण्डन अप्रार्थी सं. 1, अप्रार्थी सं. 4 ने अपनी साक्ष्य से नही किया है। अप्रार्थी सं. 2 व 3 वरफूल इण्डिया कम्पनी लि0 की तरफ से जो जवाब पेष किया गया है। उसमे फ्रिज की उच्च गुणवता का बेहतरीन उत्पाद होना बताया है। और जवाब मे यह भी बताया है कि यह मिस यूज व मिस हेण्डलिग व वोल्टेज फल्च्यूरेषन के कारण कार्यक्षमता प्रभावित होना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति में वारंटी स्वतः ही समाप्त हो जाती है। लेकिन फ्रिज मिस यूज व मिस हेण्डलिग व वोल्टेज फल्च्यूरेषन के कारण खराब हुआ हो ऐसा अप्रार्थीगण की साक्ष्य नही है। अप्रार्थी सं. 4 जिसने फ्रिज को ठीक किया उसने भी अपने जवाब मे इस प्रकार की कोई बात नही बताई है कि फ्रिज उक्त कारणों से खराब हुआ हो। अतः अप्रार्थीगण 2 व 3 वरफूल इण्डिया लि0 की इस बात को मानने का कोई आधार नही है कि किसी अन्य कारण से फ्रिज खराब हुआ हो बल्कि परिवादी ने अपनी सषपथ साक्ष्य से यह प्रकट किया है कि उसका फ्रिज वारंटी पीरीयड़ मे खराब हो गया जिसको ठीक कराया गया उसके बाद भी वह ठीक नही हुआ अतः फ्रिज मे प्रारम्भ सेे ही उत्पाद त्रृटि थी इस कारण वह ठीक करने के बावजूद भी सही कार्य नही किया वह बन्द हो गया ओर वह आज भी बन्द है ऐसी स्थिति में अप्रार्थीगण का कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। इस प्रकार अप्रार्थीगण ने सेवा दोष कारित किया है।
फलतः बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थीगण के विरूद्व निस्तारित किया जाता है ।
8. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थीगण के विरूद्व निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है । जो स्वीकार किया जाकर उक्त फ्रिज जो अप्रार्थीगण के यहां से खरीदा उसे ठीक कराने के बावजूद भी सही ढ़ग से काम नही किया तथा उसका फ्रिजर खराब होने के कारण वह बन्द हो गया जिस कारण उसे काफी परेषानी का सामना करना पड़ा वह खरीदे गये फ्रिज के उपयोग से भी वंचित रहा जिस कारण परिवादी अप्रार्थीगण से उसके द्वारा फ्रिज खरीदने के समय अदा की गई राषि 9500/- रू या उसके एवज् मे नया फ्रिज बदलकर प्राप्त करने का अधिकारी है। साथ ही मानसिक परेषानी पेटे 2000 रू व परिवाद व्यय पेटे 1000 रू अप्रार्थीगण से प्राप्त करने का भी अधिकारी है।
ः-ः आदेश:-ः
परिणामतः परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर अप्रार्थीगण को आदेषित किया जाता है कि अप्रार्थीगण दो माह के भीतर-भीतर परिवादी को खराब फ्रिज के ऐवज मे उसी कीमत का नया फ्रिज बदलकर देवें या परिवादी से दिनांक 09.03.2013 को अप्रार्थीगण द्वारा फ्रिज के पेटें वसूली गई राषि 9500/- अदा करें। इसके अलावा मानसिक हर्जाना पेटे रू 2,000/- रूपये दो हजार मात्र एवं परिवाद व्यय पेटे रू 1000/- रूपये एक हजार मात्र अदा करे। आदेष की पालना 2 माह मे की जावंे ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेश आज दिनांक 19.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।