(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2157/2008
Kanpur Development Authority Vs. Sri Munna Lal Dhobi & others
दिनांक : 26.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-337/2003, मुन्नालाल धोबी व अन्य बनाम कानपुर विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.06.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी एवं प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्तव को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने 30 दिन के अंदर परिवादीगण के पक्ष में आवंटित भवनों को आवंटन के समय की धनराशि के अनुसार रजिस्ट्री करने का आदेश पारित किया है। विकल्प में निर्देश दिया गया है कि आदेश पालन न करने पर जमा राशि पर 18 प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज दिया जाए।
प्राधिकरण की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता को यह तथ्य स्वीकार है कि सभी परिवादीगण के पक्ष में 7 भवन आवंटित किया गया था। बहस के दौरान प्रत्यर्थीगण के विद्धान अधिवक्ता ने तर्क दिया है कि इस आदेश का अनुपालन में 06 परिवादीगण के पक्ष में विक्रय पत्र निष्पादित हो चुका है। विक्रय पत्रों की प्रतियां अवलोकनार्थ भी उपलब्ध करायी गयी है। अत: चूंकि 6 परिवादीगण के पक्ष में विक्रय पत्र निष्पादित हो चुका है। यह विक्रय पत्र अवशेष राशि प्राप्त करने के पश्चात निष्पादित हुआ है। अत: इस अपील का निस्तारण इस प्रकार किया जाना उचित है कि जिन 6 आवंटियों के पक्ष में जिस शर्त पर जिस दर से धनराशि जमा कराने के पश्चात विक्रय पत्र निष्पादित किये गये हैं, उसी दर के अनुसार अवशेष आवंटियों से भी धनराशि प्राप्त कर विक्रय पत्र पत्र निष्पादित किया जाए।
अत: प्रस्तुत अपील उपरोक्तानुसार निस्तारित की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2