मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ
अपील संख्या- 1600/2007
एस०पी० मोटर्स
बनाम
मुन्ना खान व एक अन्य
समक्ष:-
- माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य
- माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्या
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई उपस्थित नहीं।
दिनांक- 21.03.2024
माननीय सदस्या श्रीमती सुधा उपाध्याय द्वारा उदघोषित
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी एस०पी० मोटर्स की ओर से विद्वान जिला आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्या– 60/2005 मुन्ना खान व एक अन्य बनाम मेस्ट्रो मोटर्स लि० व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 23-06-2007 के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक रूप से परिशीलन किया गया।
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परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसने अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 से ट्रक संख्या– यू०पी० 75 बी-9691 1,70,000/-रू० में क्रय किया तथा उसके एक माह के अन्दर ही "टी" टूट गयी जिसे विपक्षी संख्या-2 ने 15 दिन बाद बदला कुछ दिनों बाद दोनों एक्सल टूट गये जिसकी सूचना विपक्षी संख्या-2 को दी गयी बाद में स्टीयरिंग टूट गया जिसे विपक्षी संख्या-2 ने बदल दिया, फिर ड्रम प्लेट व ब्रेक शू टूट गया जिसे विपक्षी संख्या-2 द्वारा बदला गया। प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि उक्त ट्रक धोखा देकर उसे बिक्रय कर दिया गया जबकि ट्रक में निर्माण संबंधी दोष था तथा ट्रक चलने योग्य नहीं था। वाहन खड़े रहने से प्रत्यर्थी/परिवादी को आर्थिक एवं मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ा, अत: परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी जिला आयोग के समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ, अत: उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया:
परिवादीगण का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण एक माह के अन्दर परिवादीगण को उनके ट्रक के बदले नया ट्रक दें या ट्रक की कीमत मय बाडी की कीमत 1,90,500/-रू० मय 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से एवं 10,000/-रू० हर्जा तथा 300/-रू० वाद व्यय भी अदा किये जाने हेतु आदेशित किया है।
जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय के विरूद्ध यह अपील योजित की गयी है।
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पीठ द्वारा जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय के विरूद्ध यह अपील योजित की गयी है।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोई भी मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट की रिपोर्ट अभिलेख के रूप में नहीं लायी गयी है। अत: यह सिद्ध नहीं होता है कि प्रश्नगत ट्रक में कोई मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट था। बिना किसी विशेषज्ञ रिपोर्ट के मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट होना साबित नहीं होता है। अत: पीठ इस मत की है कि जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तथ्यों एवं साक्ष्यों उचित विवेचना पर आधारित नहीं है अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।..
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 3.