Uttar Pradesh

StateCommission

A/2654/2018

Ex. Engineer Pachimanchal, Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Muniraj - Opp.Party(s)

Isar Husain

19 Dec 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2654/2018
( Date of Filing : 26 Nov 2018 )
(Arisen out of Order Dated 02/11/2018 in Case No. C/76/2017 of District Jyotiba Phule Nagar)
 
1. Ex. Engineer Pachimanchal, Vidyut Vitran Nigam Ltd
EDD Amroha
...........Appellant(s)
Versus
1. Muniraj
S/O Late Sri Jitendra Gupta R/O Mohalla Bara DArbar Near Taj Garden Bypass Road Tehsil and Distt. Amroha
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Dec 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-२६५४/२०१८

 

(जिला मंच, अमरोहा द्वारा परिवाद सं0-७६/२०१७ में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक   ०२-११-२०१८ के विरूद्ध)

 

१. एक्‍जक्‍यूटिव इंजीनियर, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0, इलैक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीबूशन डिवीजन, अमरोहा।

२. जनरल मैनेजर, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0, मेरठ।

                                            ...........  अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।

बनाम

मुनिराज पुत्र स्‍व0 जितेन्‍द्र गुप्‍ता निवासी मोहल्‍ला बड़ा दरबार, निकट ताज गार्डन, बाईपास रोड, तहसील व जिला अमरोहा।            ............       प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

समक्ष:-

 

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित   : श्री इसार हुसैन विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री महेन्‍द्र गुप्‍ता विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- ०९-०१-२०२०.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच, अमरोहा द्वारा परिवाद सं0-७६/२०१७ में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक ०२-११-२०१८ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने अपीलार्थी से ९९/- रू० प्रत्‍येक की दर वाले ०३ बल्‍व तथा ८०/- रू० प्रत्‍येक की दर वाले ०३ बल्‍व क्रय करने हेतु सहमति दी थी। परिवादी ने अपीलार्थी से ५३७/- रू० नगद भुगतान कर बल्‍व क्रय किए। ०६ बल्‍वों का कैश मेमो दिनांकित १८-०६-२०१६ उपलब्‍ध कराया गया। बल्‍व की दो वर्ष की वारण्‍टी थी। ९९/- रू० वाले बल्‍वों में से एक बल्‍व खराब हो गया। बार-बार आग्रह करने पर बदला नहीं कया। अत: परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया।

 

 

 

-२-

अपीलार्थीगण के कथनानुसार तत्‍कालीन सरकार द्वारा फ्रेन्‍चाइजी गठन कर बल्‍वों का वितरण किया गया उसी दौरान् परिवादी ने एल0ई0डी0 बल्‍व खरीदे थे। तत्‍पश्‍चात् नई उ0प्र0 सरकार द्वारा फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी को बदल दिया गया। परिवादी ने नवनियुक्‍त कम्‍पनी से बल्‍व बदलने को कहा तो मना कर दिया। रसीद बल्‍व फ्लेम कम्‍पनी से सम्‍बन्धित है। परिवादी को पक्‍का बिल लेना चाहिए था। परिवादी ने नई फ्लेम कम्‍पनी को पक्षकार नहीं बनाया।

जिला मंच ने परिवाद आंशिक रूप से अपीलार्थीगण के विरूद्ध २०००/- रू० परिवाद व्‍यय सहित स्‍वीकार किया तथा अपीलार्थीगण को निर्देशित किया कि वे परिवादी को ९९/- रू० के बल्‍व को निर्णय की तिथि से एक माह के अन्‍दर बदलकर सही बल्‍व प्रदान करें अथवा उसकी कीमत वापस करें। परिवादी को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु भी अपीलार्थीगण परिवादी को १,०००/- रू० का भुगतान करें। आदेश का पालन निर्णय की तिथि से ३० दिन के अन्‍दर किए जाने हेतु आदेशित किया गया।

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी।

हमने अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री महेन्‍द्र गुप्‍ता के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत एल0ई0डी0 बल्‍व तत्‍कालीन राज्‍य सरकार द्वारा नियुक्‍त फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी से क्रय किए गये थे। नई सरकार के गठन के उपरान्‍त यह कॉण्‍ट्रेक्‍ट नई फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी को दे दिया गया जिसने त्रुटिपूर्ण बल्‍व की वापसी से मना कर दिया। अपीलार्थी प्रश्‍नगत बल्‍व का विक्रेता नहीं है। परिवादी ने पूर्व फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी को पक्षकार नहीं बनाया। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत बल्‍व को परीक्षण हेतु प्रयोगशाला नहीं भेजा गया।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रत्‍यर्थी ने ०६ बल्‍व खरीदे थे जिसकी बाबत् कैश मेमो पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा जारी

 

 

-३-

किया गया। जब बल्‍व खरीदे गये तब अधिशासी अभियन्‍ता विद्युत वितरण खण्‍ड, अमरोहा द्वारा परिवादी को यह नहीं बताया गया कि यह बल्‍व फ्लेम फ्रेन्‍चाइजी द्वारा बेचे जा रहे हैं और इस सम्‍बन्‍ध में उनकी कोई जिम्‍मेदारी नहीं होगी। परिवादी ने ०६ बल्‍व बिजली विभाग के कार्यालय के काउण्‍टर से खरीदे थे। परिवादी को दिया गया कैश मेमो पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 मेरठ का है। इस प्रकार परिवादी ने विद्युत विभाग से ही ये बल्‍व खरीदे हैं। कैश मेमो के निचले भाग में नोट लिखा हुआ है जिसके अनुसार वारण्‍टी दो वर्ष बताई गई है तथा यह अंकित किया गया कि एल0ई0डी0 बल्‍व की पुन: बिक्री दण्‍डनीय अपराध है। पुन: बिक्री को दण्‍डनीय बनाना एक सरकारी विभाग ही सम्‍भव कर सकता है, कोई फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी नहीं। अपीलार्थी के साथ पहले किस फ्रेन्‍चाइजी की संविदा थी तथा वर्तमान कि किस फ्रेन्‍चाइजी कम्‍पनी के साथ संविदा है इस तथ्‍य से परिवादी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और न ही मेरिट पर इस तथ्‍य का कोई प्रभाव पड़ेगा। प्रत्‍यर्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि बल्‍व की जांच प्रयोगशाला से कराए जाने के सन्‍दर्भ में यह तर्क सर्वप्रथम अपीलीय स्‍तर पर उठाया गया। जिला मंच के समक्ष ऐसा कोई तर्क प्रस्‍तुत नहीं किया गया।

अपील मेमो के साथ अपीलार्थी ने प्रश्‍नगत प्रकरण से सम्‍बन्धित परिवादी द्वारा दाखिल की गई रसीद की फोटोप्रति दाखिल नहीं की है किन्‍तु प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से इस सन्‍दर्भ में प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथन की पुष्टि हो होती है। क्‍योंकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रश्‍नगत बल्‍व जिसकी वारण्‍टी ०२ वर्ष की थी, अपीलार्थी से क्रय किए, अत: पूर्व फ्रेन्‍चाइजी को पक्षकार बनाया जाना आवश्‍यक नहीं माना जा सकता। अपीलार्थी ने प्रश्‍नगत बल्‍व के त्रुटिपूर्ण होने से इन्‍कार नहीं किया है, अत: परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजे जाने का कोई औचित्‍य नहीं था। जिला मंच का यह निष्‍कर्ष कि प्रस्‍तुत प्रकरण में अपीलार्थी द्वारा सेवा में त्रुटि की गई हमारे विचार से त्रुटिपूर्ण नहीं है किन्‍तु प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि जिला मंच ने २,०००/- रू वाद व्‍यय के रूप में तथा १,०००/- रू० क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान किए जाने हेतु भी आदेशित किया है। मामले की प्रकृति को देखते हुए यह धनराशि हमारे विचार से अधिक है। वाद व्‍यय

 

 

-४-

एवं क्षतिपूर्ति के रूप में कुल १,०००/- रू० दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। अत: प्रश्‍नगत निर्णय तद्नुसार संशोधित किए जाने योग्‍य है। तद्नुसार यह अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है। 

आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, अमरोहा द्वारा परिवाद सं0-७६/२०१७ में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक ०२-११-२०१८ इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अपीलार्थीगण को निर्देशित किया जाता है कि निर्णय की प्रति प्राप्त करने की तिथि से ३० दिन के अन्‍दर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ९९/- रू० का बल्‍व एक माह के अन्‍दर बदल कर सही बल्‍व प्रदान करें अथवा उसकी कीमत वापस करें। अपीलार्थीगण को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वाद व्‍यय तथा क्षतिपूर्ति के रूप में १,०००/- रू० उक्‍त निर्धारित अवधि में परिवादी को भुगतान करें।

सम्‍बन्धित जिला मंच को निर्देशित किया जाता है कि यदि अपीलार्थीगण द्वारा इस आयोग के अन्‍तरिम आदेश दिनांक २८-११-२०१८ के अनुपालन में कोई धनराशि जमा की गई है तो वह जमा धनराशि परिवादी को देय धनराशि में समायोजित की जाय।

      इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                    

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                   (गोवर्द्धन यादव)

                                                       सदस्‍य

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-१.  

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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