ORDER | न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली। परिवाद संख्या 45 सन् 2014ई0 रामजतन प्रजापति पुत्र स्व0 लोचन प्रजापति ग्राम खड़ेहरा थाना सकलडीहा जिला चन्दौली। ...........परिवादी बनाम 1-मुख्य चिकित्साधिकारी चन्दौली । 2-डा0 आर0वी0 एस0 यादव सम्बद्ध पं0 कमलापति राजकीय जिला चिकित्सालय चन्दौली। 3-महानिदेशक,परिवार कल्याण महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ। .............................विपक्षीगण उपस्थितिः- माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य निर्णय द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष 1- परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध परिवादी की पत्नी का बन्ध्याकरण आपरेशन में लापरवाही करने से हुई आकस्मिक मृत्यु के कारण क्षतिपूर्ति स्वरूप मु05,00000/- मय 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है। 2- परिवाद में संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी ने अपनी पत्नी श्रीमती शकुन्तला देवी के बन्ध्याकरण का आपरेशन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के तहत दिनांक 27-12-2013 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चहनियां पर विपक्षी संख्या 2 से कराया जिसका पंजीकरण क्रमांक 1 तथा क्रम संख्या 3343 है। विपक्षी संख्या 2 ने बन्ध्याकरण आपरेशन के बाद परिवादी के पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया,जिसको लेकर परिवादी अपने घर पर आया। दिनांक 27-12-2013 को घर आने पर परिवादी की पत्नी की तबियत अत्यधिक खराब होने लगी तो परिवादी ने बन्ध्याकरण आपरेशन के बाद स्वास्थ्य केन्द्र पर दी गयी दवाइयों को दिया किन्तु कोई फायदा न होने पर परिवादी ने अपनी पत्नी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सकलडीहा ले गया, जहाॅं पर दिनांक 27/28-12-2013 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सकलडीहा के डाक्टरों ने परिवादी के पत्नी को मृतक घोषित कर दिया। जिसकी सूचना परिवादी ने थानाध्यक्ष सकलडीहा को दिया किन्तु थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिक दर्ज नहीं किया गया। थानाध्यक्ष सकलडीहा द्वारा दिनांक 28-12-2013 को परिवादी की पत्नी का पंचनामा करके पोस्टमार्टम हेतु चन्दौली भेज दिया। तदोपरान्त विपक्षी संख्या 1 ने अपने पत्रांक संख्या मु.च.अ./नसबन्दी मृत्यु/2013-14/2135 के द्वारा फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के अन्र्तगत मुआवजा दिलाये जाने हेतु महानिदेशक, परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखा किन्तु आजतक परिवादी को कोई क्षतिपूर्ति,आर्थिक सहायता विपक्षीगण द्वारा प्रदान नहीं किया गया। परिवादी का आगे कथन है कि विपक्षी संख्या 2 के द्वारा बन्ध्याकरण आपरेशन में लापरवाही 2 बरतने के कारण परिवादी के पत्नी की मृत्यु हो गयी। इस आधार पर परिवादी द्वारा विपक्षीगण से उपरोक्त धनराशि दिलाये जाने हेतु प्रार्थना किया गया है। 3- विपक्षीगण की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी की पत्नी शकुन्तला देवी के बन्ध्याकरण आपरेशन के पूर्व समस्त जांच नार्मल पाये जाने पर पहले नम्बर पर दिन में 11 बजे बन्ध्याकरण आपरेशन किया गया और आपरेशन के लगभग 5 घण्टे बाद तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मृतका शकुन्तला देबी के पूर्णतया स्वस्थ्य रहने पर सांय 4 बजे पूरी जांच,दवा व निर्देश देने के बाद डिस्चार्ज किया गया। परिवादी के द्वारा हम विपक्षी को अवगत कराया गया है कि घर पहुंचने के बाद उसकी पत्नी के पूरे बदन में दर्द होने लगा और उल्टी हुई और लगभग 8-9 बजे रात में उसकी मृत्यु हो गयी। पोस्टमार्टम रिर्पोट में मृत्यु का कारण अत्यधिक रक्त स्राव बताया गया है। जिससे प्रतीत होता है कि बन्ध्याकरण आपरेशन के बाद मृतका को टैम्पो में ले जाते समय उसका कोई लिजेचर खुल गया जिससे आन्तरिक रक्त स्राव होने के कारण 4 घण्टे बाद उसकी मृत्यु हो गयी। विपक्षीगण की ओर से आगे कथन किया गया है कि मृतका के परिजनों को इस सम्बन्ध में कोई सहायता प्रदान नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर एवं फार्म भरकर महानिदेशक परिवार कल्याण महानिदेशालय लखनऊ को प्रेषित किया गया है। जैसे ही सहायता की धनराशि प्राप्त होगी,परिवादी को उपलब्ध करा दिया जायेगा। किन्तु हम विपक्षीगण के स्तर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। परिवादी के मृतक पत्नी के बन्ध्याकरण का आपरेशन शासन द्वारा संचालित परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्र्तगत सावधानी पूर्वक किया गया है जिसमे परिवादी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया है। अतः यह सेवा उपभोक्ता अधिनियम के अन्र्तगत नहीं है। बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान व बाद में मृत्यु होने पर फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के अन्र्तगत मु0 200000/- दिये जाने का प्राविधान है, जिसके भुगतान हेतु प्रक्रिया की गयी है। इस आधार पर विपक्षीगण द्वारा परिवादी के परिवाद को निस्तारित किये जाने की प्रार्थना की गयी है। 4- परिवादी की ओर से शपथ पत्र एवं सूची के साथ बन्ध्याकरण प्रमाण पत्र 4/1 मेडिकल आफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चहनियां का प्रमाण पत्र 4/2,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सकलडीहा का पर्चा 4/3,थाना सकलडीहा का पर्चा 4/4 ता 4/6,पोस्टमार्टम रिर्पोट 4/7,ता4/11,ग्रामपंचायत खड़ेहरा के प्रधान का मृत्यु प्रमाण पत्र 4/12,प्रधानाचार्य प्रा0वि0 खड़ेहरा का प्रमाण पत्र 4/13,मुख्य चिकित्साधिकारी का पत्र4/14 दाखिल किया गया है। विपक्षीगण की ओर से कोई साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया है। 5- बहस के समय विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आये। अतः हम लोगों ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के बहस को सुना तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का भलीभांति परिशीलन किया है। 3 6- उभय पक्षों के कथनों से यह तथ्य स्वीकृत एवं निर्विवादित है कि दिनांक 27-12-2013 को पं0 कमलापति राजकीय जिला चिकित्सालय चन्दौली में कार्यरत सरकारी डाक्टर विपक्षी संख्या 2 श्री आर0बी0एस0 यादव द्वारा परिवादी की पत्नी श्रीमती शकुन्तला देवी का बन्ध्याकरण आपरेशन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चहनियां पर किया गया। आपरेशन के बाद डाक्टर ने उसी दिन श्रीमती शकुन्तला देवी को डिस्चार्ज कर दिया। परिवादी अपनी पत्नी को लेकर घर गया तो वहाॅं पर उसकी पत्नी की तबियत खराब हो गयी इसके बाद वह अपनी पत्नी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सकलडीहा ले गया जहाॅं पर उसी रात में उसकी पत्नी की मृत्यु डाक्टरों ने घोषित कर दिया। परिवादी का कथन है कि बन्ध्याकरण आपरेशन में विपक्षी संख्या 2 द्वारा लापरवाही की गयी जिसके फलस्वरूप आपरेशन के कुछ ही घण्टे बाद उसी दिन परिवादी की पत्नी का निधन हुआ। इस बिन्दु पर विपक्षी की ओर से जबाबदावा में कथन किया गया है कि आपरेशन में कोई लापरवाही नहीं की गयी है। आपरेशन के बाद सांयकाल 4 बजे जब परिवादी की पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया गया तो उसे प्राइवेट टैम्पो से परिवादी द्वारा घर ले जाया गया। टैम्पो में घर ले जाते समय लिजेचर खुल गया जिससे अत्यधिक आन्तरिक रक्तस्राव होने के 4 घण्टे बाद निधन हो गया। उपरोक्त स्थिति में विचारणीय प्रश्न है कि क्या परिवादी के पत्नी के बन्ध्याकरण आपरेशन में कोई लापरवाही हुई है जिसके फलस्वरूप उसका निधन हुआ। 7- उपरोक्त बिन्दु पर हम लोगों द्वारा विचार किया गया। परिवादी की पत्नी के मृत्यु के बाद इसकी सूचना परिवादी ने पुलिस को दिया था जिस पर पुलिस द्वारा परिवादी के पत्नी शकुन्तला देवी के शव का पंचायतनामा किया गया तथा उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय चन्दौली भेजा गया था। पंचायतनामा की छायाप्रति कागज संख्या 4/5 ता 4/6 पत्रावली में दाखिल किया गया है। मृतका श्रीमती शकुन्तला देवी के शव का आन्तरिक परीक्षण जिला चिकित्सालय चन्दौली में दिनांक 28-12-2013 को हुआ जिसके पोस्टमार्टम रिर्पोट की छायाप्रति कागज संख्या 4/7 ता 4/10 पत्रावली में दाखिल किया गया है। पोस्टमार्टम रिर्पोट के अनुसार बन्ध्याकरण आपरेशन के घाव में जो सिलाई की गयी थी वह खुल गयी जिसकी वजह से अत्यधिक रक्तस्राव हुआ जिससे उत्पन्न हेमरेज व सदमा के कारण परिवादी के पत्नी का निधन हुआ। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान घाव की सिलाई में लापरवाही हुआ और आपरेशन के मात्र कुछ घण्टों के बाद परिवादी के पत्नी को घर जाने के लिए छोड़ दिया गया। यदि परिवादी के पत्नी को घर ले जाते समय घाव की सिलाई खुल जाने की सम्भावना विद्यमान थी तो उसे आपरेशन के मात्र 4-5 घण्टे बाद डिस्चार्ज नहीं करना चाहिए था। अगर समुचित ध्यान देकर घाव का सही ढंग से सिलाई की गयी होती तो सिलाई खुलने की नौबत नहीं आती। इससे पाया जाता है कि विपक्षी संख्या 2 डाक्टर आर0बी0एस0यादव ने परिवादी की पत्नी शकुन्तला देवी के बन्ध्याकरण आपरेशन में घोर लापरवाही किया जिसके फलस्वरूप सिलाई खुल गयी 4 और अधिक रक्तस्राव होने के कारण आपरेशन के मात्र लगभग 10-12 घण्टे बाद परिवादी की पत्नी का निधन हो गया। विपक्षीगण की ओर से जबाबदावा में यह भी कथन किया गया है कि बन्ध्याकरण आपरेशन शासन द्वारा संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्र्तगत निःशुल्क किया गया है। अतः उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्र्तगत परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं है। इस बिन्दु पर हम लोगों द्वारा विचार किया गया। बन्ध्याकरण आपरेशन के संदर्भ में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम जारी किया गया है जो दिनांक 1-4-2013 से 31-3-2014 तक प्रभावी रहा है और इसी प्रभावी अवधि में दिनांक 27-12-2013 को परिवादी की पत्नी का नसबन्दी हुआ है तथा उसका निधन दिनांक 27/28-12-2013 को आपरेशन में बरती गयी घोर लापरवाही के कारण हो गया है। उपरोक्त स्कीम में यह प्राविधान दिया गया है कि बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान अथवा बन्ध्याकरण आपरेशन के 7 दिन के भीतर यदि आपरेशन कराने वाली महिला का निधन हो जाता है तो मु0 2,00000/- क्षतिपूर्ति उसके विधिक उत्तराधिकारी को दी जायेगी। तद्नुसार स्पष्ट है कि उपरोक्त स्कीम के अन्र्तगत लाभार्थी होने के कारण परिवादी के पत्नी का नसबन्दी आपरेशन के दौरान 3 दिन के अन्दर मृत्यु हो जाने की वजह से मु0 2,00000/- क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है, तथा उपभोक्ता की श्रेणी में है। 8- विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा से स्पष्ट है कि मुख्य चिकित्साधिकारी चन्दौली ने परिवादी के पत्नी के नसबन्दी आपरेशन के उपरान्त निधन हो जाने के फलस्वरूप उपरोक्त स्कीम के अन्र्तगत मु0 2,00000/- प्रदान किये जाने हेतु पत्र विपक्षी संख्या 3 महानिदेशक,परिवार कल्याण,महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ को भेजा है लेकिन आजतक कोई भुगतान परिवादी को नहीं किया गया। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा मु0 2,00000/-का भुगतान न करके सेवा में कमी किया गया है। इसलिए प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है। आदेश प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 3 महानिदेशक,परिवार कल्याण,महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ एवं विपक्षी संख्या 1 व 2 को आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय की तिथि से 2 माह के अन्दर परिवादी को फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के तहत मु0 2,00000/-(दो लाख)क्षतिपूर्ति का भुगतान करें। यदि इस उक्त निर्धारित अवधि में परिवादी को क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जाता है तो विपक्षीगण निर्णय की तिथि से उपरोक्त देय धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने के लिए उत्तरदायी होगे। (मारकण्डेय सिंह) (जगदीश्वर सिंह) सदस्य अध्यक्ष दिनांक 04-3-2015
| |