Uttar Pradesh

Chanduali

CC/44/2014

JITENDAR KUMAR - Complainant(s)

Versus

Mukhya Chikitsa Adhikari - Opp.Party(s)

04 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/44/2014
 
1. JITENDAR KUMAR
KUNTHIYA,BABURI, CHANDAULI
...........Complainant(s)
Versus
1. Mukhya Chikitsa Adhikari
Chandauli
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 44                              सन् 2014ई0
जितेन्दर कुमार पुत्र श्री हनुमान प्रसाद ग्राम कुर्थियां थाना बबुरी जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
1-मुख्य चिकित्साधिकारी चन्दौली ।
2-डा0 आर0वी0 एस0 यादव सम्बद्ध पं0 कमलापति राजकीय जिला चिकित्सालय चन्दौली।
3-महानिदेशक,परिवार कल्याण महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ।
                                              .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण  के विरूद्ध परिवादी कीे पत्नी के बन्ध्याकरण के उपरान्त आकस्मिक मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप आर्थिक सहायता एवं अन्य मदों में कुल मु05,00000/- मय 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद में संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी ने अपनी पत्नी श्रीमती बैजन्ती देवी उम्र 26 वर्ष  के बन्ध्याकरण का आपरेशन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के तहत दिनांक 07-01-2014 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चहनियां पर विपक्षी संख्या 2 से कराया जिसका पंजीकरण क्रमांक 101/05 तथा क्रम संख्या 3265 है। विपक्षी संख्या 2 द्वारा बन्ध्याकरण आपरेशन के बाद परिवादी के पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया, परिवादी अपनी पत्नी को लेकर घर पर आया। दिनांक 08-1-2014 को घर आने पर परिवादी की पत्नी की तबियत अत्यधिक खराब होने लगी तो परिवादी ने बन्ध्याकरण आपरेशन के बाद स्वास्थ्य केन्द्र पर दी गयी दवाओं को अपनी पत्नी को दिया किन्तु कोई फायदा न होने पर परिवादी ने अपनी पत्नी को मुगलसराय में प्राइवेट डाक्टर को दिखाया, किन्तु वहाॅं पर परिवादी के पत्नी को कोई फायदा न होने पर दिनांक 9-1-2014 को शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल वाराणसी में ले जाकर भर्ती किया। शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल,वाराणसी में भी कोई फायदा न होने पर वहाॅं के डाक्टरों ने दिनांक 10-1-2014 को परिवादी के पत्नी को बी0एच0यू0 के लिए रेफर कर दिया जहाॅं पर इलाज के दौरान दिनांक 10-1-14 के रात्रि में परिवादी के पत्नी की मृत्यु हो गयी। परिवादी अपनी पत्नी के शव को लेकर अपने घर चला आया और दिनांक 11-1-14 को थानाध्यक्ष मुगलसराय द्वारा परिवादी की पत्नी का पंचनामा करके पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय चन्दौली भेज दिया। तदोपरान्त विपक्षी संख्या 1 द्वारा अपने पत्रांक संख्या मु.च.अ./नसबन्दी मृत्यु/ 2013-14/2251 के द्वारा फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के अन्र्तगत मुआवजा का भुगतान दिये जाने हेतु महानिदेशक, परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखा किन्तु आजतक परिवादी को कोई क्षतिपूर्ति,आर्थिक सहायता विपक्षीगण द्वारा प्रदान 
                                                                                     2
नहीं किया गया। परिवादी का आगे कथन है कि विपक्षी संख्या 2 के द्वारा बन्ध्याकरण आपरेशन में लापरवाही बरतने के कारण परिवादी के पत्नी की मृत्यु हो गयी। इस आधार पर परिवादी द्वारा विपक्षीगण से उपरोक्त धनराशि दिलाये जाने हेतु प्रार्थना किया गया है।
3-    विपक्षीगण की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी की पत्नी बैजन्ती देवी के बन्ध्याकरण आपरेशन उसके पति के अनुरोध पर दिनांक 7-1-2014 को महिला चिकित्सालय मुगलसराय में हुआ है। मरीज की सामान्य स्थिति के बाद उसके पति के अनुरोध पर डिस्चार्ज किया गया जिसके बाद परिवादी अपनी पत्नी को घर ले गया। परिवादी के कथनानुसार दिनांक 8-1-2014 की रात में परिवादी की पत्नी की तबियत खराब होने पर उसने मुगलसराय में प्राइवेट डाक्टर को दिखाया और कोई फायदा न होने पर उसे शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल ले गया, जबकि महिला चिकित्सालय मुगलसराय 24 घण्टे सेवा प्रदान कर रहा है वहीं पर उसे अपनी पत्नी को दिखाना चाहिए था और आवश्यक व उचित इलाज महिला चिकित्सालय में कराया जाता तो इस आकस्मिक घटना से बचा जा सकता था,जिसके लिए परिवादी स्वयं जिम्मेदार है। क्योंकि वही पर उसके पत्नी का आपरेशन हुआ था। विपक्षीगण की ओर से आगे कथन किया गया है कि विपक्षी संख्या 2 डा0 आर0बी0एस0 यादव द्वारा दिनांक 7-1-2014 को कुल 24 महिला 06 पुरूष के बन्ध्याकरण का आपरेशन किया गया है जिसमे परिवादी की पत्नी बैजन्ती देवी को छोड़कर सभी लाभार्थी स्वस्थ्य है, और किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की गयी है। परिवादी के पत्नी के बन्ध्याकरण का आपरेशन पूर्ण सावधानीपूर्वक किया गया है। परिवादी की पत्नी का बन्ध्याकरण आपरेशन निःशुल्क किया गया है। अतः यह सेवा उपभोक्ता अधिनियम के अन्र्तगत नहीं है। बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान व बाद में मृत्यु होने पर फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के अन्र्तगत मु0 200000/- दिये जाने का प्राविधान है, जिसके भुगतान हेतु प्रक्रिया की गयी है। इस आधार पर विपक्षीगण द्वारा परिवादी के परिवाद को निस्तारित किये जाने की प्रार्थना की गयी है। 
4-    परिवादी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में बन्ध्याकरण प्रमाण पत्र कागज संख्या 4/1,प्रभारी चिकित्साधिकारी मुगलसराय 4/2,शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल का पर्चा 4/3,सरसुन्दर लाल चिकित्सालय का पर्चा 4/4,कानूनी जांच का पर्चा 4/5,पोस्टमार्टम रिर्पोट 4/7ता 4/10,मुख्य चिकित्साधिकारी का पत्र 4/11,रजिस्ट्री रसीद की छायाप्रति 4/13 दाखिल किया गया है। विपक्षी की ओर से साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया है।
5-    बहस के समय विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आये। अतः हम लोगों ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के बहस को सुना तथा पत्रावली का भलीभांति अवलोकन किया है।

                                                                           3
6-    उभय पक्षों के कथनों से यह निर्विवादित एवं स्वीकृत तथ्य है कि पंडित कमलापति राजकीय जिला चिकित्सालय चन्दौली में कार्यरत डा0आर0बी0एस0 यादव (विपक्षी संख्या 2)ने दिनांक 7-1-2014को परिवादी की पत्नी श्रीमती बैजन्ती देबी का आपरेशन किया तथा उसी दिन उसे डिस्चार्ज करके घर भेज दिया। दिनांक 8-1-2014 को परिवादी की पत्नी की हालत खराब हो गयी इसके उपरान्त उसने मुगलसराय में प्राइवेट चिकित्सक को दिखाया। तत्पश्चात कबीर चैरा अस्पताल में भर्ती कराया जहाॅं से उसे बी0एच0यू0 रेफर कर दिया। दिनांक 10-1-2014 को इलाज के दौरान बी0एच0यू0 में परिवादी की पत्नी का निधन हो गया। परिवादी की पत्नी के शव का पुलिस द्वारा पंचायतनामा तैयार किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिवादी की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज संख्या 4/4 तथा पोस्टमार्टम रिर्पोट की छायाप्रति कागज संख्या 4/7लगा.4/10 दाखिल किया गया है इसके परिशीलन से पाया जाता है कि बन्ध्याकरण आपरेशन में जो घाव की सिलाई की गयी थी वह लोवर एक्डोमन के हिस्से में फट गयी जिसकी वजह से रक्तस्राव एवं सेप्टीसीमिया हो गया,तथा परिवादी की पत्नी की मृत्यु बन्ध्याकरण आपरेशन के मात्र तीसरे दिन दिनांक 10-1-2014 को हो गयी। मृत्यु प्रमाण पत्र में भी स्पष्ट उल्लेख है कि गेस्ट्रोइन्टेस्टाइनल फरफोरेशन एवं सेप्टिकशाक के कारण श्रीमती बैजन्ती देबी का निधन हुआ। यदि बन्ध्याकरण आपरेशन सही ढंग से करके घाव का समुचित ढंग से सिलाई की गयी होती तो घाव नहीं फटता और न तो परिवादी की पत्नी के घाव फटने और सेप्टिकशाक के कारण मृत्यु होती। मृत्यु प्रमाण पत्र एवं पोस्टमार्टम की रिर्पोट से यह तथ्य साबित होता है कि बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान राजकीय जिला चिकित्सालय के डाक्टर विपक्षी संख्या 2 श्री आर0बी0एस0 यादव द्वारा घोर लापरवाही की गयी जिसके फलस्वरूप घाव फट गया तथा रक्तस्राव व सेप्टिकशाक के कारण परिवादी के पत्नी का निधन हो गया।
7-    विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा में यह कथन किया गया है कि बन्ध्याकरण आपरेशन निःशुल्क किया जाता है इसलिए परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं है। हम लोगों के विचार से इस कथन में कोई बल नहीं है क्योंकि बन्ध्याकरण आपरेशन के संदर्भ में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम जारी किया गया है जो दिनांक 1-4-2013 से 31-3-2014 तक प्रभावी रहा है और इसी प्रभावी अवधि में दिनांक 7-1-2014 को परिवादी की पत्नी का नसबन्दी हुआ है तथा उसका निधन दिनांक 10-1-2014 को आपरेशन में बरती गयी घोर लापरवाही के कारण हो गया है। उपरोक्त स्कीम में यह प्राविधान दिया गया है कि बन्ध्याकरण आपरेशन के दौरान अथवा बन्ध्याकरण आपरेशन के 7 दिन के भीतर यदि आपरेशन कराने वाली महिला का निधन हो जाता है तो मु0 2,00000/- क्षतिपूर्ति उसके विधिक उत्तराधिकारी को दी जायेगी। तद्नुसार स्पष्ट है कि उपरोक्त स्कीम के अन्र्तगत लाभार्थी होने के कारण परिवादी के पत्नी का नसबन्दी आपरेशन के 3 दिन के अन्दर मृत्यु हो जाने की वजह 
                                                                                               4
से मु0 2,00000/- क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है, तथा उपभोक्ता की श्रेणी में है।
8-    विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा से स्पष्ट है कि मुख्य चिकित्साधिकारी चन्दौली ने परिवादी के पत्नी के नसबन्दी आपरेशन के उपरान्त निधन हो जाने के फलस्वरूप उपरोक्त स्कीम के अन्र्तगत मु0 2,00000/- प्रदान किये जाने हेतु पत्र विपक्षी संख्या 3 महानिदेशक,परिवार कल्याण,महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ को भेजा है लेकिन आजतक कोई भुगतान परिवादी को नहीं किया गया। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा मु0 2,00000/-का भुगतान न करके सेवा में कमी किया गया है। इसलिए प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
                                                                                        आदेश
    प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 3 महानिदेशक,परिवार कल्याण,महानिदेशालय जगत नारायण रोड़ लखनऊ एवं विपक्षी संख्या 1 व 2 को आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय की तिथि से 2 माह के अन्दर परिवादी को फेमिली प्लानिंग इन्डेमिनिटी स्कीम के तहत मु0 2,00000/-(दो लाख)क्षतिपूर्ति का भुगतान करें। यदि इस उक्त निर्धारित अवधि में परिवादी को क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जाता है तो विपक्षीगण निर्णय की तिथि से उपरोक्त देय धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने के लिए उत्तरदायी होगे।

(मारकण्डेय सिंह)                                               (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                                                        अध्यक्ष
                                                           दिनांक 04-3-2015

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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