राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-155/2022
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा विविध वाद संख्या 63/2021 में पारित आदेश दिनांक 13.01.2022 के विरूद्ध)
गुलाब सिंह यादव
पुत्र श्री शिव राम सिंह,
निवासी- मकान नं0 190/1, संजीव नगर,
जी0टी0 रोड, अहिरवां, कानपुर नगर
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
मुख्य अभियन्ता,
कानपुर विद्युत आपूर्ति कम्पनी लि0,
स्थित परेड, कानपुर नगर
...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 09.03.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना।
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा विविध वाद संख्या-63/2021 गुलाब सिंह बनाम मुख्य अभियन्ता, कानपुर विद्युत आपूर्ति कम्पनी लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.01.2022 के विरूद्ध योजित की गयी, जिसके द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त वाद अंगीकरण के स्तर पर ही खारिज किया है।
पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश के अवलोकन से यह स्पष्ट है तथा अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि वह एक विद्युत उपभोक्ता है
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विद्युत लाइन खराब होने के कारण विद्युत की सप्लाई सुचारू रूप से अपीलार्थी/परिवादी के मकान में नहीं जा रही थी, जिसके सम्बन्ध में अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी से शिकायत की गयी थी, परन्तु अपीलार्थी/परिवादी के कथनानुसार उक्त शिकायत दूर न होने के कारण अपीलार्थी/परिवादी के घर पर मीटर से भिन्न अर्थात् सीधे लाइन जोड़ ली गयी तथा अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उक्त विद्युत लाइन विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा जोड़ी गयी थी। उक्त कथन के समर्थन में अपीलार्थी/परिवादी द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया तथा यह कि दिनांक 09.07.2021 को अपीलार्थी/परिवादी के घर पर विद्युत विभाग की बिजलेंस टीम द्वारा जब छापा मारा गया और तब अपीलार्थी/परिवादी को अवैध विद्युत उपभोग करते पाया गया, जिसके आधार पर अपीलार्थी/परिवादी के विरूद्ध 1,99,878/-रू0 का मूल्यांकन करके बिल बना दिया गया, जिससे क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वाद योजित किया गया।
अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो निर्णय/आदेश दिनांक 13.01.2022 पारित किया गया है, वह पूर्णत: अवैधानिक एवं तथ्यों के विपरीत है तथा यह कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विद्युत विभाग के सम्मुख जो शिकायतें की गयी उनका संज्ञान न लेते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने विद्युत विभाग के पक्ष को सही दर्शाते हुए प्रश्नगत निर्णय/आदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0 आदि बनाम अनीस अहमद 2013 (8) एस0सी0सी0 491 का उद्धरण दिया, जबकि उपरोक्त वाद में तथ्य पूर्णत: अलग हैं जैसे कि प्रस्तुत वाद में हैं।
हमारे द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना, पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया, तद्नुसार यह तथ्य निर्विवादित पाया गया एवं यह कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा स्वयं इस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि अपीलार्थी/परिवादी के निवास स्थल पर बिजली का मीटर उपलब्ध नहीं था,
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अपीलार्थी/परिवादी द्वारा बिजली के मीटर के अलावा बिजली का कटिया मारकर अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा था। बिजलेंस टीम द्वारा जब छापा मारा गया तब अवैध विद्युत उपभोग का वितरण पाया गया तथा विद्युत विभाग द्वारा विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की गयी।
इस तथ्य का भी कोई उत्तर अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारे सम्मुख नहीं प्रस्तुत किया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विद्युत विभाग को बिना बताये हुए कटिया की कार्यवाही क्यों की गयी अथवा बिजली क्यों जोड़ी गयी। निरीक्षण आख्या के परिशीलन से यह स्पष्ट है कि जांच करने पर निरीक्षण टीम को 2KW केस्को मीटर के इनकमिंग केबिल छत के ऊपर बालकनी में पड़ी पायी गयी तथा यह कि उपभोक्ता द्वारा अतिरिक्त केस्को LT लाइन से डायरेक्ट केबिल कटिया डालकर अवैध रूप से विद्युत का उपभोग घरेलू विधा में करते पाया गया, डायरेक्ट केबिल/कटिया के सम्बन्ध में कोई सम्यक उत्तर उपभोक्ता द्वारा नहीं दिया जा सका, तदोपरान्त उपभोक्ता के उक्त कृत्य को अन्तर्गत धारा 135 इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 कार्यवाही की गयी तथा अपीलार्थी/परिवादी के विरूद्ध 1,99,878/-रू0 का मूल्यांकन (असेसमेन्ट) कर बिल जारी किया गया।
अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय में किसी प्रकार का कोई तथ्य इंगित नहीं किया जा सका, जिससे हम जिला उपभोक्ता आयोग के उपरोक्त निर्णय में कोई त्रुटि पा सकें, अतएव जिला उपभोक्ता आयोग का उपरोक्त निर्णय/आदेश दिनांक 13.01.2022 पूर्णत: विधिक है, हम उसका समर्थन करते हैं। प्रस्तुत अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1