Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/1508

Ashish Agarwal - Complainant(s)

Versus

Mukesh - Opp.Party(s)

M H Khan

12 Jul 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/1508
( Date of Filing : 13 Sep 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ashish Agarwal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mukesh
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Jul 2024
Final Order / Judgement

                                              (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1508/2005

(जिला आयोग, हाथरस द्वारा परिवाद संख्‍या-54/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.8.2005 के विरूद्ध)

                                    

आशीष अग्रवाल पुत्र साधू राम अग्रवाल एवं श्रीमती अंजू रस्‍तोगी पत्‍नी श्री अरविन्‍द कुमार रस्‍तोगी, निवासीगण गौशाला रोड जिला हाथरस, पार्टनर्स मैसर्स भरत ओवसीज।

अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1.    श्री मुकेश पुत्र वीरेन्‍द्र, मैनेजर अग्रवाल कैरिंग कारपोरेशन, ब्रांच आफिस घासमण्‍डी, जिला हाथरस।

2.    श्री वीरेन्‍द्र पुत्र सोहन लाल, प्रोपराइटर मैसर्स अग्रवाल कैरिंग कारपोरेशन, ब्रांच आफिस हाथरस, निवासी पुराना बर्फखाना निकट पुराना तारघर, जिला हाथरस।

3.    प्रोपराइटर, मैसर्स अग्रवाल कैरिंग कारपोरेशन, हेड आफिस 3/87 दरेशी नं0-2, (निकट राजश्री होटल) जिला आगरा।

       प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित              : श्री एम.एच. खान।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 एवं 2 की ओर से उपस्थित    : श्री ए.के. पाण्‍डेय।

प्रत्‍यर्थी सं0-3 की ओर से उपस्थित          : कोई नहीं।

दिनांक:  12.07.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-54/2000, आशीष अग्रवाल बनाम मुकेश व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, हाथरस द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.8.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 एवं 2 के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         विद्वान जिला आयोग ने वाणिज्यिक संव्‍यवहार मानते हुए परिवाद को खारिज कर दिया है।

3.         परिवाद पत्र के विवरण के अनुसार अंकन 2,95,000/-रू0 का माल विपक्षी सं0-1 एवं 2 के माध्‍यम से बुक कराया गया था। यह माल निर्यात के लिए था और विदेश भेजा जाना था तथा साइन ट्रैवल्‍स एवं फारगो पर दिनांक 22.2.2000 को पहुँचना था, इसके बाद यह माल विदेश भेजना था। विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रतिष्‍ठान पर एक ट्रक संख्‍या डी.एल. 1 एल.बी. 1377 आयशर कैंटर शाम को उसी दिन भिजवाया और माल सुबह तक पहुँचने का भरोसा दिलाया। दिनांक 21.2.2000 की रात्रि में माल का लादान कर दिया गया। दिनांक 22.2.2000 की सुबह परिवादी के कर्मचारी रमेश ने फोन पर बताया कि ड्राईवर तथा कंडक्‍टर ने बुलन्‍दशहर में खाना खाया और सिकन्‍दराबाद से पहले रमेश को जंगल में उतार दिया और वाहन से संबंधित कागजात लेकर वाहन को भगा ले गए। अत: परिवाद पत्र के विवरण से स्‍पष्‍ट हो जाता है कि यह परिवाद सेवा प्रदाता एवं सेवा ग्राह्यता से संबंधित है। विपक्षीगण को जो शुल्‍क प्रदान किया गया है, वह सेवा प्रदान करने के लिए प्रदान किया गया था। परिवादी का व्‍यापारिक संव्‍यवहार उस पक्षकार से था, जिसको माल भेजा जाना था न कि विपक्षीगण से, इसलिए विद्वान जिला आयोग का यह निष्‍कर्ष विधि विरूद्ध है कि यह विवाद व्‍यापारिक प्रकृति का विवाद है। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

4.         चूंकि विद्वान जिला आयोग ने गुणदोष पर निर्णय पारित नहीं किया है, इसलिए यह प्रकरण विद्वान जिला आयोग को इस आशय से प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है कि इस विवाद को उपभोक्‍ता विवाद मानते हुए गुणदोष पर अपना निर्णय/आदेश पारित करें। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

5.         प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.08.2005 अपास्‍त किया जाता है तथा प्रकरण विद्वान जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग प्रश्‍नगत परिवाद को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे तथा उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष पर निस्‍तारण करे। चूंकि प्रकरण अत्‍यधिक पुराना है, इसलिए यथासंभव 03 माह के अन्‍दर इस प्रकरण को निस्‍तारित किया जाए।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

           उभय पक्ष दिनांक 20.08.2024 को विद्वान जिला आयोग, हाथरस के समक्ष उपस्थित हों।

यहां यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि प्रस्‍तुत प्रकरण में किसी भी पक्षकार को कोई स्‍थगन (अपरिहार्य परिस्थितियों के अलावा, जो पक्षकारों के नियंत्रण के बाहर हों), स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

सदस्‍य                                सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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