Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/114/2015

Shri Rajeev Goel - Complainant(s)

Versus

M/s Rajdhani Telecom & Others - Opp.Party(s)

Dr. Anurag Goel

03 Oct 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/114/2015
 
1. Shri Rajeev Goel
R/o Moh. Kothiwal Nagar, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. M/s Rajdhani Telecom & Others
Add:- Budha Bazar Opp. Andra Bank, station Road Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 03 Oct 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षीगण से उसे मोबाइल का मूल्‍य अंकन 49,000/-रूपया 24 प्रतिशत  वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाया जाय। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/-  रूपया और परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-3 द्वारा निर्मित एक मोबाइल अंकन 49,000/-रूपया में विपक्षी सं0-1 से परिवादी   ने दिनांक 29/8/2014 को खरीदा था। मोबाइल एच0टी0सी0 कम्‍पनी का  है जिसका IMEI N0. 352090060440364 है। मोबाइल खरीदने की  तारीख से ही मोबाइल में अनेकों कमियां थी जैसे मोबाइल चलते-चलते  हैंग हो जाता था उसका टच अपने आप काम करने लगता था कई-कई  घण्‍टे चार्जिंग पर लगाने के बाद भी मोबाइल चार्ज नहीं होता था और  उसकी बैटरी डिस्‍चार्ज हो जाती थी इसकी शिकायत लेकर परिवादी विपक्षी सं0-1 के पास गया तो उसने मोबाइल के सर्विस सेन्‍टर विपक्षी सं0-2   के पास जाने के लिए कहा। दिनांक 2/8/2015 को परिवादी विपक्षी सं0-2 के पास पहुँचा उन्‍होंने मोबाइल की जॉंच करने के बाद परिवादी से एक  महीने बाद आने को कहा इस पर परिवादी ने आपत्ति की। उल्‍लेखनीय  है कि विपक्षी सं0-2 नई दिल्‍ली में स्थित है। परिवादी ने विपक्षी सं0-3   को ई-मेल भेजा जिस पर विपक्षी सं0-3 की ओर से परिवादी से पुन: सर्विस सेन्‍टर पर जाने का अनुरोध किया। परिवादी पुन: विपक्षी सं0-2  के पास गया, किन्‍तु हठधर्मिता दिखाते हुऐ विपक्षी सं0-2 ने परिवादी की  कोई बात सुनने से इन्‍कार कर दिया। परिवादी ने पुन: इसकी शिकायत   विपक्षी सं0-3 से की, परन्‍तु आज तक भी विपक्षीगण ने परिवादी की समस्‍या का समाधान नहीं किया। यधपि परिवादी ने विपक्षी सं0-3 के  टोल फ्री नम्‍वर पर अनेकों ई-मेल प्रेषित किये हैं। विपक्षी सं0-3 ने   परिवादी की शिकायत शीघ्र दूर करने का आश्‍वासन दिया किन्‍तु उनका आश्‍वासन कोरा आश्‍वासन साबित हुआ। परिवादी के अनुसार मजबूर होकर  उसने दिनांक 20/8/2015 को विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भेजा जिसका  विपक्षीगण ने आज तक भी कोई उत्‍तर नहीं दिया। परिवादी ने यह कहते  हुऐ कि विपक्षीगण की मनोवृत्ति दूषित हो गई है और वे परिवादी का  मोबाइल हड़प लेना चाहते है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने मोबाइल खरीदने की इनवायस, विपक्षी सं0-3 को भेजे गऐ कानूनी नोटिस तथा नोटिस भेजने की डाकखाने की   रसीद की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज  सं0-3/5 लगायत 3/7 हैं।
  4.   विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 दाखिल किया जिसके समर्थन में विपक्षी सं0-1 के प्रोपराईटर श्री शाहनवाज वसी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-10/3 प्रस्‍तुत किया। विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र में यह तो स्‍वीकार किया है कि दिनांक 29/8/2014 को  मुवलिग 49,000/-रूपया में परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-1 में  उल्लिखित मोबाइल उत्‍तरदाता विपक्षी से खरीदा था, किन्‍तु  शेष  परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विशेष कथनों में उसने कहा कि मोबाइल  खरीदते समय वह सही काम कर रहा था, मोबाइल सीलबन्‍द डिब्‍बे में था  जिसे परिवादी के सामने ही खोला गया था। परिवादी कभी भी मोबाइल  की शिकायत लेकर उसके पास नहीं आया। उत्‍तरदाता विपक्षी ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की। परिवादी को बता दिया गया  था मोबाइल की वारण्‍टी कम्‍पनी के अधिकृत सर्विस सेन्‍टर-विपक्षी सं0-2   की होगी। अग्रेत्‍तर यह कहते हुऐ कि मोबाइल बदलने अथवा उसे ठीक  करने का विषय परिवादी और विपक्षी सं0-2 व 3 के बीच का है, उससे  उत्‍तरदाता विपक्षी का कोई लेना-देना नहीं है, उन्‍होंने अपने विरूद्ध परिवाद   को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध फोरम के आदेश दिनांक  9/12/2015 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
  6.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/4  दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से पृथक से साक्ष्‍य शपथ पत्र  दाखिल नहीं हुआ। विपक्षी सं0-1 की ओर से कहा गया कि प्रतिवाद पत्र  के समर्थन में दाखिल शाहनवाज वसी का शपथ पत्र कागज सं0-10/3 को   विपक्षी सं0-1 के साक्ष्‍य के रूप में स्‍वीकार कर लिया जाय।
  7.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  8.  हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों  को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी  सं0-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।      
  9. विपक्षी सं0-1 प्रश्‍नगत मोबाइल का विक्रेता है जिससे परिवादी ने  मोबाइल खरीदा था। विपक्षी सं0-2 प्रश्‍नगत मोबाइल का सर्विस सेन्‍टर तथा  विपक्षी सं0-3 मोबाइल की निर्माता कम्‍पनी है। सर्विस सेन्‍टर दिल्‍ली में  है।
  10. तामील के बावजूद चॅूंकि विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 फोरम के  समक्ष उपस्थित नहीं हुऐ अत: उनके विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय  हुई। यहॉं यह भी उल्‍लेख करना प्रासंगिक होगा कि विपक्षी सं0-2 एवं  विपक्षी सं0-3 की ओर से प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं हुआ है।
  11. पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-3/5 मोबाइल की सेल्‍स इनवायस   है जिसके अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने प्रश्‍नगत मोबाइल दिनांक  29/8/2014 को विपक्षी सं0-1 से अंकन 49,000/-रूपया में खरीदा था।   इस सेल्‍स इनवायस में उल्‍लेख है कि मोबाइल की वारण्‍टी सर्विस सेन्‍टर-  विपक्षी सं0-2 द्वारा दी जायेगी। प्रकट है कि मोबाइल को ठीक करने अथवा  उसे बदलने की विपक्षी सं0-1 की कोई जिम्‍मेदारी नहीं है।
  12. परिवादी के इन आरोपों का उत्‍तर देने के लिए विपक्षी सं0- 2 अथवा विपक्षी सं0-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ कि मोबाइल खरीदने की  तारीख से ही इसमें अनेकों खामियां थीं। जैसे चलते-चलते यह हैंग हो  जाता था, उसका टच अपने आप काम करने लगता था तथा कई बार कई-कई घण्‍टे चार्जिंग में लगाने के बाद मोबाइल चार्ज नहीं होता था और इसकी बैटरी डिसचार्ज हो जाती थी। पत्रावली में अवस्थित ई-मेल कागज सं0-3/6  के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षी सं0-2 ने परिवादी का मोबाइल ठीक   नहीं किया। इसकी शिकायत परिवादी ने  विपक्षी सं0-3 से की, किन्‍तु  उनके आश्‍वासन के बाद भी परिवादी का मोबाइल ठीक नहीं किया गया।  परिवादी द्वारा पंजीकृत डाक से तीनों विपक्षियों को कानूनी भेजे गऐ इसके बावजूद विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 ने परिवादी की शिकायत को दूर   नहीं किया। प्रकट है कि परिवादी द्वारा दिनांक 29/8/2014 को खरीदा गया मोबाइल शुरू से ही डिफेक्टिव था और इसे विपक्षी सं0-2 व 3 ने  अनुरोध के बावजूद ठीक नहीं किया तथा परिवादी को सेवाऐं प्रदान नहीं की। उचित यह दिखाई देता है कि परिवादी को मोबाइल की कीमत विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 से ब्‍याज सहित वापिस दिलाई जाऐ।
  13. उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि   विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 से परिवादी को परिवाद के पैरा सं0-1   में उल्लिखित मोबाइल का मूल्‍य अंकन 49,000/-रूपया तथा इस पर  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक  की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाया जाऐ। क्षतिपूर्ति  की मद में इन विपक्षीगण से परिवादी को एकमुश्‍त 2500/- (दो हजार  पाँच सौ रूपया) तथा परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ  रूपया) अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। तदानुसार  परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

     परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित मोबाइल का मूल्‍य  49,000/- (उड़नचास हजार रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षीसं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। इन विपक्षीगण से परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्‍त 2500/- (दो  हजार पाँच सौ रूपया) तथा परिवाद व्‍यय की मद में 2500/-(दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अ‍धिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान दो माह में किया जाय।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     03.10.2016           03.10.2016        03.10.2016

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.10.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       03.10.2016           03.10.2016        03.10.2016

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.