Rajasthan

Jaipur-I

CC/920/2012

PRAHLAD JANGID - Complainant(s)

Versus

M/S WOODLAND (ERO CLUB) - Opp.Party(s)

SUNIL UPPAL

25 Jul 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/920/2012
 
1. PRAHLAD JANGID
VILLAGE UDAYPURIYA, TEH CHOMU, DIST JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S WOODLAND (ERO CLUB)
SHOP NO 284/1, NEAR PANCH BATTI, M.I. ROAD JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Seema sharma PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:
sunil uppal
 
For the Opp. Party:
bharat singh negi
 
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 920/2012
प्रहलाद जांगिड पुत्र श्री धन्नालाल जांगिड, जाति जांगिड, निवासी ग्राम उदयपुरिया, तहसील चैमू, जिला जयपुर Û

                                              परिवादी
               ं     बनाम

मैसर्स वूडलेण्ड (ऐरो क्लब), वूडलेण्ड स्टोर जरिए प्रोपराईटर/डायरेक्टर /अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, पता शाॅप नं0 284/1, पांच बत्ती के पास, एम.आई.रोड़, जयपुर Û

              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री सुनील उप्पल - परिवादी
श्री भरत सिंह नेगी - मैनेजर- विपक्षी

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 31.07.12

                       आदेश     दिनांक: 19.01.2015

यह परिवाद प्रहलाद जांगिड ने मैसर्स वूडलेण्ड(ऐरो क्लब) के प्रोपराईटर/डायरेक्टर/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 पेश किया है परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 21.06.2012 को 3295/- रूपए में वूडलेण्ड लेदर फुटवियर (शूज) खरीद किए थे जिनमें किसी भी प्रकार की खराबी होने पर लेदर फुटवियर को बदलकर नये लेरटर फुटवियर (शूज) देने की गांरटी दी गई थी। परिवादी का कथन है कि खरीद करने के चार दिन पश्चात ही लेदर फुटवियर (शूज) की ऊपर की तरफ की पेस्टिंग उखड गई जिसकी विपक्षी के यहां शिकायत की गई तो विपक्षी ने चार दिन बाद आने के लिए कहा और जब 29.06.2012 को परिवादी करीब 4.30 बजे गया तो शूज छोड़कर जाने के लिए कहा परन्तुु परिवादी को अपने कार्यस्थल जाना था इसलिए वह इसमें असमर्थ था । परिवादी का कथन है कि विपक्षी के  कर्मचारियों द्वारा उससे अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया गया जिससे उसे शारीरिक व मानसिक संताप हुआ । परिवादी ने विपक्षी से कुल 2,00,000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी की ओर से अपने जवाब में परिवादी द्वारा जूता क्रय किया जाना स्वीकार किया है । कम्पनी द्वारा रिप्लेसमेंट गांरटी निर्माता दोष की स्थिति में दी गई थी । विपक्षी का कथन है कि बहुत से प्रकरणों में पाया गया है कि उपभोक्ता जूते में आई खराबी के लिए उत्तरदायी होते हैं । जूतों में कोई भी खराबी के सम्बन्ध में एक्सपर्ट की टीम द्वारा निर्णय लिया जाता है जबकि उनकी सहमति एक समान हो । इस प्रकार के तथ्य व अन्य तथ्य अंकित करते हुए विपक्षी के परिवाद खारिज किए जाने का निवेदन किया है ।   
मंच द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
इस सम्बन्ध में कोई विवाद नहीं है कि प्रहलाद जांगिड ने दिनांक 21.06.2012 को विपक्षी फर्म मैसर्स वूडलेण्ड (ऐरो क्लब), एम.आई.रोड़, जयपुर से वूडलेण्ड लेदर फुटवियर जरिए इनवोईस नंबर 1353 रूपए 3295/- में खरीद किए थे जिसका भुगतान परिवादी द्वारा अपने वीजा डेटिब कार्ड से किया गया था ।
परिवादी का यह कथन है कि क्रयशुदा लेदर फूटवियर की ऊपर की तरफ से पेस्टिंग उखडने पर करीब चार दिन पश्चात उसके द्वारा विपक्षी फर्म से शिकायत की गई तो उन्होंने चार दिन बाद आने के लिए कहा । जब परिवादी चार दिन बाद गया तो उन्होंने फुटवियर छोड़ कर जाने के लिए कहा परन्तु परिवादी को अपने कार्यस्थल जलगांव ग्राम भुरानपुरा (मध्यप्रदेश) जाना था इसलिए वह फुटवियर छोड़कर जाने में असमर्थ था । परिवादी द्वारा खरीदे गए फुटवियर को बदलने की जगह विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया और कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया । परिवादी ने विपक्षी फर्म से खरीदे गए फूटवियर की कीमत 3295/- रूपए एवं शारीरिक व मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति स्वरूप राशि एवं परिवाद व्यय दिलवाए जाने का निवेदन किया है।                                                               
विपक्षी फर्म की ओर से श्री भरत सिंह नेगी अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित हुए और अपने अधिकृत होने का प्रमाण-पत्र जो कम्पनी द्वारा जारी किया गया है पेश किया है । विपक्षी फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि की ओर से यह बहस की गई है कि यदि खरीद किए हुए लेदर फूटवियर में किसी प्रकार की कोई त्रुटि अथवा कोई डिफाल्ट पाया जाता है तो फूटवियर बदलने के लिए एक तरीका अपनाया जाता है जिसके अन्तर्गत क्रेता को एक फार्म भकर देना होता है वह फार्म कम्पनी को भेजा जाता है । फार्म भेजे जाने पर कम्पनी द्वारा बनाई गई कमेटी उस पर विचार करने के उपरांत यह निर्णय लेती है कि फूटवियर को बदला जाना आवश्यक है या नहीं । अधिकृत कमेटी द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फर्म कार्यवाही करती है परन्तु परिवादी ने लेदर फूटवियर को विपक्षी के यहां नहीं छोड़ा न ही फार्म भर कर दिया इसलिए उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी । दौरान बहस फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि की ओर से यह कहा गया है कि परिवादी खरीद किए गए जूते उनके यहां पेश कर देता है तो वह उसकी रकम लौटाने के लिए तैयार हैं ।
हमने उभय पक्ष के तर्को पर गम्भीरतापूर्वक विचार  किया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने यह बात अपने परिवाद में स्पष्ट रूप से कही है कि फूटवियर खरीदने के पश्चात उसे अपने कार्यस्थल जलगांव ग्राम भुरानपुरा (मध्यप्रदेश) जाना था इसलिए उसने विपक्षी के अधिकृत कर्मचारियों से बार-बार लेदर फुटवियर बदलने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया । चूंकि विपक्षी फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा दौराने बहस इस बात को स्वीकार किया गया है कि वह जूते पेश किए जाने पर बदलने अथावा उसकी राशि लौटाने को तैयार है । मंच की राय में विपक्षी फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा रखा गया प्रस्ताव स्वीकार किए जाने योग्य पाया जाता है । यहां इस बात का उल्लेख किया जाना भी आवश्यक है कि विपक्षी फर्म मैसर्स वूडलेण्ड (ऐरो क्लब) एक लेदर फुटवियर बनाने की कम्पनी है उसकी देश और विदेशों में अनेकोेनेक शाखा हैं जिनका यह दायित्व है  कि वह उपभोक्ता को सही प्रकार के लेदर फुटवियर प्रदान करे । परन्तु विपक्षी कम्पनी द्वारा जो लेदर फुटवियर परिवादी को बेचे गए हैं वह त्रुटिपूर्ण थे और लेदर फुटवियर की ऊपर की तरफ की पेस्टिंग खरीद के तुरन्त पश्चात उखड़ गई थी और ऐसी स्थिति में विपक्षी फर्म का यह दायित्व था कि परिवादी द्वारा शिकायत किए जाने पर वह बिना किसी देरी के फुटवियर बदलकर देते या उसकी राशि लौटा देते । कम्पनी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के आधार पर किसी भी उपभोक्ता को उसके विधिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है । परिवादी का यह परिवाद विपक्षी मैसर्स वूडलेण्ड (ऐरो क्लब) के विरूद्ध स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि परिवादी आदेश की दिनांक से 15 दिन के अंदर-अंदर  खरीदे गए लेदर फुटवियर को विपक्षी को पेश करेगा और विपक्षी बिना किसी देरी के उसकी राशि 3295/- रूपए रसीद लेकर अदा करेगा । विपक्षी बिना देरी के उक्त राशि अदा नहीं करता है तो परिवादी इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।   इसके अलावा विपक्षी परिवादी को कारित मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 2,000/- रूपए अक्षरे दो हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 19.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा   (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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