Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/1397

Sukesh Kumar Sharma - Complainant(s)

Versus

M/s Vrindawan Bewerages - Opp.Party(s)

A Tandon

18 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/1397
( Date of Filing : 29 Jun 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sukesh Kumar Sharma
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Vrindawan Bewerages
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Oct 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1397/2009

Sukesh Kumar Sharma

Versus    

M/S Vrindawan Bewerages P. Ltd. & others

समक्ष:-                                               

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्‍डन, विद्धान

                          अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनां: 18.10.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-75/2006, सुकेश कुमार शर्मा बनाम मे0 वृन्‍दावन बेवरेज प्राइवेट लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) बरेली द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 26.05.2007 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अन्‍य परिवाद के साथ स्‍वीकार करते हुए मै0 वृन्‍दावन बेवरेजस को निर्देश दिया है कि क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू0 दोनो परिवादीगण को अदा करें। 06 प्रतिशत ब्‍याज की अदायगी की जाए।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार दिनांक 25.05.2006 को वादी ने 04 सील्‍ड 200 एम0एल0 बोतलें कोका कोला शीतल पेय मेहमानों को पिलाने के लिए 24/-रू0 भुगतान करने के पश्‍चात विपक्षी सं0 3 से क्रय की थी, जिनमें से एक बोतल का पेय पदार्थ दूषित मिला। प्रयोग की अवधि समाप्‍त होने के बावजूद भी यह पदार्थ बाजार में विक्रय किया गया, जिसके कारण मेहमानों के सामने परिवादी शर्मिंदा होना पड़ा। क्षतिपूर्ति के लिए नोटिस भेजी, कोई उत्‍तर प्राप्‍त न होने पर यह परिवाद योजित किया गया।

4.           विपक्षी का कथन है कि वह अधिकृत विक्रेता नहीं है और परिवादी से शुल्‍क प्राप्‍त नहीं किया है न ही रसीद जारी है न ही सेवा प्रदान किया है। कम्‍पनी की साख को बदनाम करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

5.         दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करते हुए जिला उपभोक्‍ता  आयोग ने यह निर्णय दिया है कि परिवादी ने बोतल क्रय करने की रसीद प्राप्‍त की है तथा बोतल को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जिस पर एक्‍सपायरी तिथि अंकित है तथा देखने से बोतल दूषित प्रतीत होती है। तदनुसार अंकन 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है।

6.       इस निर्णय एवं आदेश को केवल एक परिवादी द्वारा चुनौती दी गयी है और यह कथन किया गया है कि क्षतिपूर्ति अत्‍यधिक कम निर्धारित की गयी है।

7.        जिला उपभोक्‍ता आयोग ने इस तथ्‍य को स्‍थापित माना है कि एक्‍सपायरी बोतल विक्रय की गयी है तथा इस बोतल का पेय दूषित था।  अत: इस स्थिति में अंकन 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश करना अनुचित है। न्‍यूनतम अंकन 10,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया जाना चाहिए।

आदेश

              प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 5,000/-रू0 के स्‍थान पर 10,000/-रू0 देय होगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

                  

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

             संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं 2

 

  

 

 

 

 

                  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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