Smt. Vashali Khanna filed a consumer case on 09 Feb 2018 against M/s Vews Retails in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/24/2016 and the judgment uploaded on 19 Feb 2018.
Uttar Pradesh
Muradabad-II
CC/24/2016
Smt. Vashali Khanna - Complainant(s)
Versus
M/s Vews Retails - Opp.Party(s)
Shri R.K Sigh
09 Feb 2018
ORDER
परिवाद प्रस्तुतिकरण की तिथि: 26-04-2016
निर्णय की तिथि: 09.02.2018
कुल पृष्ठ-4(1ता4)
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
उपस्थिति
श्री पवन कुमार जैन, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
परिवाद संख्या-24/2016
श्रीमती वैशाली खन्ना पत्नी श्री रजनीश खन्ना निवासी मौ. कटघर, वीरशाह हजारी तहसील व जिला मुरादाबाद। …....परिवादी
इस परिवाद के माध्यम से परिवादनी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित एलईडी को बदलकर दूसरा एलईडी दिलाया जाये। क्षतिपूर्ति की मद में अंकन-20,000/-रूपये और परिवाद व्यय की मद में अंकन-5500/-रूपये परिवादनी ने अतिरिक्त मांगा है।
संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 13-7-2015 को विपक्षी-1 के शोरूम से परिवादनी ने अंकन-26300/-रूपये का एक एलईडी खरीदा था। कुछ समय तक एलईडी ठीक चला किन्तु बाद में उसकी स्क्रीन में लाइनिंग आने लगी। विपक्षी-1 से परिवादनी ने कई बार मौखिक रूप से शिकायत की किन्तु विपक्षी-1 ने कोई कार्यवाही नहीं की, अन्तत: परिवादनी ने टोलफ्री नम्बर पर फोन करके एलईडी की निर्माता कंपनी विपक्षी-2 से अपनी समस्या बतायी, उन्होंने अपने इंजीनियर को भेजा, इंजीनियर ने एलईडी को चैक किया तो उसने यह रिपोर्ट दी कि एलईडी का पैनल डैमेज्ड है। परिवादनी के अनुसार उक्त कारण बताकर विपक्षीगण ने एलईडी को ठीक नहीं किया और न ही बदला। परिवादनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 04-3-2016 और 16-3-2016 को दो कानूनी नोटिस विपक्षी-1 को भिजवाये किन्तु उक्त नोटिस तामील नहीं हुए और इस टिप्पणी के साथ वापस आ गये कि विपक्षी-1 की दुकान का पता नहीं चला। परिवादनी के अनुसार विपक्षीगण के कृत्य सेवा में कमी है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की है।
परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादनी ने अपना शपथपत्र कागज सं.-3/4 दाखिल किया। इस शपथपत्र के साथ उसने एलईडी की इंवायस, विपक्षी कंपनी के इंजीनियर की सर्विस काल रिपोर्ट तथा विपक्षी-1 को भिजवाये गये कानूनी नोटिसों की छायाप्रतियों और भिजवाये गये मूल नोटिस के वापसी लिफाफों को दाखिल किया। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-3/5 लगायत 3/13 हैं।
विपक्षी-2 व 3 तामील के बावजूद भी उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने कोई प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं किया। अतएव फोरम के आदेश दिनांकित 21-9-2016 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई विपक्षी-2 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय की गई।
विपक्षी-1 की ओर से प्रारम्भिक आपत्ति कागज सं.-5/1 सहित प्रतिवाद पत्र कागज सं.-6/1 लगायत 6/5 दाखिल किया गया। जिसमें विपक्षी-1 द्वारा परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित एलईडी परिवादनी द्वारा खरीदा जाना तो स्वीकार किया गया है किन्तु शेष परिवाद कथनों से इंकार किया गया। विपक्षी-1 की ओर से अग्रेत्तर कथन किया गया कि उत्तरदाता एच.पी. कंपनी का रिटेल आउटलेट है किन्तु वारंटी आदि की समस्त जिम्मेदारी निर्माता कंपनी की है। परिवादनी ने एलईडी का 6 माह तक इस्तेमाल किया और इस दौरान एलईडी ठीक प्रकार से चला किन्तु उसके बाद गलत इस्तेमाल की वजह से एलईडी की टीएफटी डैमेज होने पर डैमेज आर्टिकल बदलने अथवा उसे ठीक करने की कंपनी की कोई वारंटी नहीं है। परिवादनी ने एलईडी को देखभाल कर और सही तथा चालू हालत में खरीदा था। एलईडी में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं थी। परिवादनी की शिकायत पर कंपनी के इंजीनियर ने आकर एलईडी को चैक किया था। चैक करने पर उसने एलईडी का पैनल डैमेज्ड पाया था। जिसका उल्लेख उसने सर्विस काल रिपोर्ट में भी कर दिया था, उक्त अभिकथनों के आधार पर और यह कहते हुए कि विपक्षीगण ने परिवादनी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की है, परिवाद को सव्यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
परिवादनी ने अपना साक्ष्य शपथपत्र कागज सं.-16/1 लगायत 16/2 दाखिल किया।
विपक्षी-1 की ओर से उसकी प्रोपराइटर रूचि गुप्ता ने अपना साक्ष्य शपथपत्र कागज सं.-18/1 लगायत 18/4 दिया।
परिवादनी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की।
हमने परिवादनी तथा विपक्षी-1 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
विपक्षी-2 व 3 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादनी ने प्रश्नगत एलईडी दिनांक 13-7-2015 को विपक्षी-1 से खरीदा था। परिवादनी द्वारा टोल फ्री नम्बर पर की गई शिकायत के आधार पर कंपनी के सर्विस इंजीनियर ने आकर प्रश्गनत एलईडी को चैक किया था। इंजीनियर की सर्विस काल रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं.-3/6 है। इस रिपोर्ट को स्वयं परिवादनी ने दाखिल किया है। इंजीनियर ने एलईडी को चैक करने पर पाया कि एलईडी का पैनल डैमेज्ड है। इंजीनियर ने एलईडी का फोटो भी खींचा था, भी इस रिपोर्ट में लिखा है। एलईडी की इंवायस में यह स्पष्ट उल्लेख है कि फिजीकली डैमेज सामान की कोई वारंटी नहीं होगी। विपक्षी-1 के विद्वान अधिवक्ता ने उक्त तथ्यों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुए तर्क दिया कि चूंकि एलईडी का पैनल डैमेज्ड था, अतएव एलईडी को वारंटी के अधीन रिपेयर करने अथवा उसे बदलने की विपक्षी अथवा कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
प्रतिउत्तर में परिवादनी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क किया है कि उसने प्रश्गनत एलईडी को चलाने में कोई लापरवाही नहीं बरती और एलईडी के स्क्रीन के अंदर लाईनिंग आने की समस्या एलईडी के चलते-चलते स्वत: उत्पन्न हुई थी। उन्होंने इस समस्या को निर्माण संबंधी त्रुटि बताते हुए परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की। हम परिवादनी पक्ष के तर्कों से सहमत नहीं हैं। परिवादनी की ओर से कोई ऐसा एक्सपर्ट साक्ष्य अथवा ओपिनियन दाखिल नहीं की गई है, जिसके आधार पर कंपनी के सर्विस इंजीनियर द्वारा एलईडी पैनल डैमेज होने संबंधी अंकित टिप्पणी को दरकिनार करते हुए यह मान लिया जाये कि एलईडी का पैनल एलईडी के चलते-चलते स्वत: डैमेज हुआ था। ऐसी दशा में यह माने जाने योग्य नहीं है कि एलईडी में आयी समस्या निर्माण संबंधी किसी दोष की वजह से उत्पन्न हुई थी। चूंकि डैमेज्ड आर्टिकल को बदलने अथवा उसे ठीक करने की कोई वारंटी नहीं थी। अत: हमारे विनम्र अभिमत में परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत उभयपक्ष अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक: 09-02-2018
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