राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-364/2022
रनवीर सिंह राजपूत पुत्र श्री शीतला प्रसाद, निवासी मकान नं0-748 शाहगंज सुलतानपुर परगना मीरापुर तहसील सदर जिला सुलतानपुर।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- मै0 युनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड एण्ड कार्पोरेट आफिस युनिट 401 फोर्थ फ्लोर संगम काम्पलेक्स 127 अंधेरी कुर्ला रोड ईस्ट मुम्बई।
2- मेगा आटो डीलर्स (1) प्रा0लि0 10/सीपी/5 समक्ष जगरानी हॉस्पिटल रिंगरोड विकास नगर लखनऊ ।
3- शेवरलेट सेल्स इण्डिया प्रा0लि0 फस्ट फ्लोर, प्लाट नं0-15 सेक्टर 32 मार्गलिस, हरियाणा।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी की अधिवक्ता : श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 18.10.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी रनवीर सिंह राजपूत द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद सं0-248/2014 में पारित आदेश दिनांक 02.12.2021 के विरूद्ध योजित की गई है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त परिवाद जो कि विगत 08 वर्षों से लम्बित था, को परिवादी की अनुपस्थिति एवं परिवाद पुराना होने के कारण व परिवादी का लगातार अनुपस्थित होना पाते हुए निरस्त किया गया।
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अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी एक अशिक्षित व्यक्ति है, जिसके द्वारा अपने परिवाद से सम्बन्धित प्रक्रिया/कार्यवाही अधिवक्ता के माध्यम से अपेक्षित की गई थी, परन्तु अधिवक्ता द्वारा समुचित सूचना न देने के कारण व अनुपस्थिति रहने के कारण, जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को निरस्त कर किया गया, जिस हेतु अपीलार्थी/परिवादी को दण्ड दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।
मेरे द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एक अवसर अपीलार्थी/परिवादी को प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है, अत्एवं प्रस्तुत अपील अपीलार्थी/परिवादी द्वारा रू0 2,000.00 हर्जाना विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख जमा किये जाने पर स्वीकार की जाती है। हर्जाना की उक्त धनराशि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख जमा किये जाने पर विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-248/2014 को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए यथासम्भव बिना स्थगन दिये 02 माह की अवधि में गुणदोष के आधार पर परिवाद को निस्तारित किया जावे।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 10.11.2022 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1