Uttar Pradesh

StateCommission

CC/349/2017

Rajnish Sharma - Complainant(s)

Versus

M/S Unitech Ltd . - Opp.Party(s)

S.K. Srivastava

25 Jun 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/349/2017
( Date of Filing : 31 Aug 2017 )
 
1. Rajnish Sharma
S/O S.C. Ssharma R/O Plot No. 13 Lakhan Puri Colony Op. Cityplex Durgapura Tonk Road Jaipur Rajsthan Pin 302018
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S Unitech Ltd .
UGC Pavillion Sector 96 Express Way (Near Amity Management School) Noida 201305
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 25 Jun 2019
Final Order / Judgement

 

सुरक्षि‍त

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

                                                                                                 परिवाद संख्‍या- 349/2017

 

Rajnish Sharma S/o S.C.Sharma R/o Plot No. 13, Lakhan Puri Colony, Opp. Cityplex, Durgapura, Tonk Road, Jaipur Rajasthan Pin-302018.

                                                                                                                                                                            Complainant.

 

Vs.

M/s Unitech Limited, UGCC Pavillion, Sector-96, Express Way (Near Amity Management School) NOIDA-201305 (U.P.) India through its Managing Director.

                                                                                                                                                                            Opposite Partie.

 

समक्ष :-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

 

परिवादी की ओर से उपस्थित   विद्वान अधिवक्‍ता, श्री एस०के० श्रीवास्‍तव।

विपक्षी की ओर से उपस्थित :  कोई उपस्थित नहीं।

 

दिनांक-. 26-07-2019

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

                                                                                                           निर्णय

 

वर्तमान परिवाद, परिवादी रजनीश शर्मा ने विपक्षी मैसर्स यूनीटेक लिमिटेड  के विरूद्ध धारा-17 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और निम्‍न अनुतोष चाहा है :-

 

 

2

 

  1.  That the Opposite Party be directed to pay a total sum of Rs. 19,99,231/- along with interest @ 18% from the date of deposit till the date of actual Payment.
  2. And also the Opposite Party be directed to pay in addition a sum of Rs. 10,00,000/- being compensation/damages.
  3. That the Hon’ble Commission may be pleased to award cost of this litigation to the complainant at present quantified at Rs. 1,25,000/-
  4. and or any other award or decree which this Hon’ble Commission feels just and necessary in the circumstances of the case.

       परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि नोएडा में स्‍थायी निवास की उसकी इच्‍छा थी, इस कारण उसने विपक्षी से सम्‍पर्क किया और दिनांक 25-09-2012 को विपक्षी के ग्रुप हाउसिंग काम्‍पलेक्‍स जो यूनीहोम्‍स फेस ।। सेक्‍टर-117 नोएडा, उत्‍तर प्रदेश में स्थित है, में एक आवासीय अपार्टमेंट के लिए आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया। तब पत्र दिनांक 19-08-2013 के द्वारा विपक्षी ने उसे अपार्टमेंट नं० 308 3rd floor  एच-ब्‍लाक में आंवटित किया जिसका सुपर एरिया 1271.00 Sq. ft. था और फ्लैट 3 बेडरूम सेट का था। फ्लैट की कुल लागत 48,93,153/-रू० थी और भुगतान कंस्‍ट्रक्‍शन लिंक प्‍लान-बी के अनुसार किया जाना था।

   

 

3

 

    परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी को तय शर्त के अनुसार 19,99,231/-रू० का भुगतान दिनांक 31-07-2013 से चौथी किस्‍त तक किया।

   परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी को भुगतान कंस्‍ट्रक्‍शन लिंक प्‍लान-बी के अनुसार करना था और कब्‍जा उसे 36 महीने में अर्थात् दिनांक       18-08-2016  तक दिया जाना था, परन्‍तु मौके पर  निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया और आगे किसी भुगतान की परिवादी से मांग नहीं की गयी।

    परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसने  19,99,231/-रू० का भुगतान विपक्षी को किया है परन्‍तु विपक्षी अपने दायित्‍व का निर्वहन करने में असफल रहा है और फ्लैट के निर्माण हेतु कोई कार्य नहीं किया गया है जिससे परिवादी को भारी क्षति हुयी है। अत: परिवादी ने विपक्षी से अपनी जमा धनराशि वापस चाही है। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी ने विपक्षी को कई ई-मेल भेजे परन्‍तु उन्‍होंने कोई ध्‍यान नहीं दिया। इस प्रकार विपक्षी ने सेवा में कमी किया है और अनुचित व्‍यापार पद्धति अपनायी है। अत: परिवादी ने परिवाद राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और उपरोक्‍त अनुतोष चाहा है।

    विपक्षी को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन की अवधि पूरी होने के बाद नोटिस का तामीला उस पर पर्याप्‍त माना गया है, फिर भी विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है और न ही लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है। अत: विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।

    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में अपना शपथ-पत्र प्रस्‍तुत किया है। इसके साथ ही परिवाद-पत्र के साथ आवेदन-पत्र की प्रति संलग्‍नक-1,

4

 

प्रोविजनल एलाटमेंट लेटर की प्रति, संलग्‍नक-2 और प्रश्‍नगत फ्लैट के मूल्‍य के भुगतान हेतु अदा की गयी धनराशि की रसीदें एवं विपक्षी के पत्र की प्रतियां भी प्रस्‍तुत किया है। परिवाद-पत्र का संलग्‍नक पेमेण्‍ट प्‍लान भी परिवादी ने प्रस्‍तुत किया है।

   परिवाद की अंतिम सुनवाई के समय परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस०के० श्रीवास्‍तव उपस्थित आए हैं। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

   मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और पत्रावली का अवलोकन किया है।

   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद पत्र के संलग्‍नक-2 प्रोविजनल एलाटमेंट लेटर से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी को प्रश्‍नगत फ्लैट का आवंटन विपक्षी द्वारा किया गया है और फ्लैट का कुल मूल्‍य 48,93,153/-रू० है। पेमेण्‍ट प्‍लान परिवाद पत्र के संलग्‍नक-3 से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी को भुगतान कंस्‍ट्रक्‍शन लिंक प्‍लान के अन्‍तर्गत करना था जिसके अनुसार बुकिंग/रजिस्‍ट्रेशन की धनराशि दिनांक 25-09-2012  को 4,47,240/-रू० परिवादी ने अदा किया है और उसके 45 दिन के बाद दूसरी किस्‍त दिनांक 09-11-2012 को 4,47,240/-रू० अदा किया है। तीसरी किस्‍त बुकिंग/रजिस्‍ट्रेशन से 90 दिन के अन्‍दर दिनांक 24-12-2012 को परिवादी ने 4,47,240/-रू० विपक्षी को अदा किया है इसके साथ ही परिवादी ने दिनांक 31-07-2013  को 6,15,695/-रू० विपक्षी के यहॉं रसीद दिनांक 31-07-2013 के द्वारा जमा किया है। इस प्रकार परिवादी ने विपक्षी को 19,57,415/-रू० अदा किया है।

  

5

 

      विपक्षी की ओर से परिवाद के विरोध हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ है और न ही लिखित कथन या प्रति शपथ-पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। अत: परिवाद पत्र एवं परिवादी के शपथ-पत्र के कथन और परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेखों पर अविश्‍वास करने का कोई कारण नहीं है।

   परिवादी को आवंटन पत्र दिनांक 25-09-2012 को जारी किया गया है, करीब 6 वर्ष 10 महीने का समय बीत चुका है परन्‍तु अब तक निमार्ण कार्य पूर्ण कर परिवादी को कब्‍जा नहीं दिया गया है। परिवादी के अनुसार निर्माण कार्य प्रगति पर नहीं है और न ही निकट भविष्‍य में निर्माण कार्य पूरा होने की कोई सम्‍भावना है।

   सम्‍पूर्ण तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि परिवादी की जमा सम्‍पूर्ण धनराशि परिवादी को विपक्षी से जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्‍याज के साथ वापस दिलायी जाए।  मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा Civil Appeal No. 3948 of 2019 @ SLP(C) No. 9575 of 2019 में M/s Krishan Estate Developers Pvt. Ltd. Vs. Naveen Srivastava and Another में पारित आदेश दिनांक 15 अप्रैल, 2019 को दृष्टिगत रखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को उसकी जमा सम्‍पूर्ण धनराशि इस निर्णय की तिथि से तीन माह के अंदर जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ वापस करें और यदि इस अवधि में विपक्षी द्वारा परिवादी की सम्‍पूर्ण जमा धनराशि 10 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ परिवादी को वापस नहीं की जाती है तब परिवादी की सम्‍पूर्ण जमा धनराशि जमा की तिथि से अदायगी

 

6

 

की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित उसे विपक्षी से वापस दिलाया जाना उचित है।

     सम्‍पूर्ण तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्‍त परिवादी द्वारा याचित अन्‍य अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु उचित आधार नहीं दिखता है, परन्‍तु परिवादी को 10,000/- वाद व्‍यय दिया जाना उचित है।

    उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेशित किया जाता है वह परिवादी की जमा सम्‍पूर्ण धनराशि इस निर्णय की तिथि से तीन माह के अन्‍दर जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ परिवादी को वापस करें। यदि इस अवधि में विपक्षी, परिवादी की जमा सम्‍पूर्ण धनराशि उपरोक्‍त दर से ब्‍याज के साथ वापस करने में असफल रहता है तो वह परिवादी की जमा सम्‍पूर्ण धनराशि, जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ उसे वापस करेगा ।

   विपक्षी, परिवादी को 10,000/-रू० वाद व्‍यय भी अदा करेगा ।

 

                          (न्‍यामूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

                                               अध्‍यक्ष                                                                                           

           

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट नं01

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.