राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-300/2017
(सुरक्षित)
1. Kumar Rajan aged about 58 years S/o Late Shri B.N. Singh resident of SBI building 246, Flat No.8, Sangrilla Apartment, 80 Feet Road, Defence Colony, Indira Nagar, Banglore-560038
and also at 2nd Floor, Office Complex Building, SAM Regional Office, SBI-Local Head Office, #65,, St. Marks Road, Banglore-560001
2. Smt. Madhu Singh aged about 52 years wife of Shri Kumar Rajan resident of SBI building 246, Flat No.8, Sangrilla Apartment, 80 Feet Road, Defence Colony, Indira Nagar, Banglore-560038
....................परिवादीगण
बनाम
1. The Unitech Ltd. through it’s The Managing Director having its Registered Office at 6- Community Centre, Saket, New Delhi, and PIN-110017.
2. The Unitech Ltd. through its Chief Executive Officer having its Regional Office at UGCC Pavilion, Sector-96, Express Way (Near Amity Management School) Noida, 201305, U.P
...................विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
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विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : श्री मो0 रफी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 20-08-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह परिवाद परिवादीगण कुमार राजन और श्रीमती मधु सिंह ने धारा-17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत विपक्षीगण यूनीटेक लि0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर और यूनीटेक लि0 द्वारा चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर के विरूद्ध राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है और निम्न अनुतोष चाहा है:-
i. Direct the Opposite Party to handover the possession of flat bearing 0806 on floor No. 8 in Tower H2 Measuring super area of 1268 sq. ft. in UNIHOMES PH-II Complex to the Complainant; or, in alternative,
if, in case, it is not possible to give possession of the flat bearing 0806 on floor No. 8 in Tower H2 Measuring super area of 1268 sq. ft. in UNIHOMES PH-II Complex for any reason, then direct the Opposite Party to refund the entire amount of Rs. 20,07,160/- paid by the complainants against the allotment of flat bearing 0806 on floor No. 8 in Tower H2 Measuring super area of 1268 sq. ft. in UNIHOMES PH-II Complex along with interest @ 24%
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per annum to the Complainants, and
ii. Award compensation to tune of Rs. 5,00,000/- in favour of the Complainants and against the Opposite Party towards harassment and mental agony suffered by the Complainant due to unethical, improper and malpractices and unfair trade practices adopted by the Opposite Party, and
iii. Award the cost of the proceeding in favour of the complainant to the tune of Rs. 75,000/-, and/or
iv. Any other relief which this Hon’ble Commission may deem fit and proper in the facts and circumstances of the present complaint in favour of complainant and against the Opposite Party.
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि विपक्षीगण ने “UNIHOMES PH-II” के नाम से ग्रुप हाउसिंग परियोजना सेक्टर 117, नोएडा, उत्तर प्रदेश में शुरू की और आश्वासन दिया कि आवश्यक औपचारिकतायें परियोजना हेतु पूरी कर ली गयी हैं। परियोजना का निर्माण कार्य नियत समय में पूरा कर लिया जायेगा। अत: विपक्षीगण के आश्वासन पर विश्वास करते हुए परिवादीगण ने 10 जुलाई 2012 को विपक्षीगण की उक्त परियोजना में एक अपार्टमेन्ट 1268 वर्ग फीट सुपर एरिया का अपने निजी प्रयोग हेतु कुल मूल्य 47,83,460/-रू0 में बुक किया
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तब विपक्षीगण ने दिनांक 10.07.2012 को ही अपार्टमेन्ट नं0 0806 आठवें तल पर टावर H2 में 1268 वर्ग फीट का UNIHOMES PH-II काम्प्लेक्स में उन्हें आवंटित किया। परिवादीगण ने विपक्षीगण को 4,24,482/-रू0 रजिस्ट्रेशन एमाउण्ट के रूप में दिया और कांस्ट्रक्शन लिंक पेमेन्ट प्लान चुना, जिसके अनुसार परिवादीगण ने विपक्षीगण को परिवाद प्रस्तुत किये जाने की तिथि तक 20,07,160/-रू0 अदा किया है और उसकी रसीद विपक्षीगण ने दिया है।
परिवाद पत्र के अनुसार एलाटमेन्ट लेटर के क्लाज 5 (A) (i) के अनुसार विपक्षीगण ने कब्जा एलाटमेन्ट लेटर की तिथि से 36 महीने के अन्दर दिये जाने का वादा किया था, परन्तु वे नियत अवधि में कब्जा देने में असफल रहे हैं और निर्माण स्थल पर कोई निर्माण कार्य नहीं दिखायी दे रहा है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि उनकी सूचना के अनुसार विपक्षीगण के पास प्रश्नगत योजना की आवश्यक अनुमति व सैंक्शन भी नहीं है और विपक्षीगण आवंटन की तिथि से 4 साल के बाद भी परिवादीगण को कब्जा नहीं दे पाये हैं। चूँकि भुगतान कांस्ट्रक्शन लिंक प्लान के अनुसार होना है अत: विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को निर्माण के स्तर की सूचना दिया जाना आवश्यक है, परन्तु उन्होंने परिवादीगण को निर्माण की प्रगति के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं दी है। परिवादीगण ने विपक्षीगण के कर्मचारियों से अनेकों बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर
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स्थिति जानने का प्रयास किया, परन्तु विपक्षीगण के कर्मचारियों ने बहाना बनाकर टाला है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि विज्ञापन, विपक्षीगण के आश्वासन एवं एलाटमेन्ट लेटर के अनुसार परिवादीगण को कब्जा दिनांक 10.07.2015 तक दिया जाना था, परन्तु उन्होंने परिवादीगण को कब्जा नहीं दिया है और अपने वचन का पालन नहीं किया है। इस प्रकार उन्होंने सेवा में कमी की है और अनुचित व्यापार पद्धति अपनायी है। अत: परिवादीगण ने परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर उपरोक्त अनुतोष चाहा है।
विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मो0 रफी खान उपस्थित हुए हैं, परन्तु विपक्षीगण की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: साक्ष्य परिवादीगण हेतु तिथि नियत की गयी है और परिवादीगण की ओर से परिवादी कुमार राजन का शपथ पत्र साक्ष्य में प्रस्तुत किया गया है। विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य में कोई शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। उनके विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।
परिवाद की अन्तिम सुनवाई की तिथि पर परिवादीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह और विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मो0 रफी उपस्थित आये हैं।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और पत्रावली का अवलोकन किया है।
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परिवाद पत्र के साथ परिवादीगण ने विपक्षीगण की प्रश्नगत परियोजना में अपार्टमेन्ट आवंटन हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दिनांक 10.07.2012 संलग्नक-1 के रूप में प्रस्तुत किया है और परिवाद पत्र के संलग्नक-2 के रूप में एलाटमेन्ट लेटर दिनांक 10.07.2012 प्रस्तुत किया है।
परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते आवंटन अपार्टमेन्ट एवं विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण के नाम प्रश्नगत अपार्टमेन्ट के आवंटन हेतु जारी एलाटमेन्ट लेटर से स्पष्ट है कि विपक्षीगण की परियोजना “UNIHOMES PH-II” प्लाट नं0 GHP 0001, सेक्टर 117, नोएडा, उत्तर प्रदेश में अपार्टमेन्ट नं0 0806, आठवें तल पर टावर H2 में 117.80 वर्ग मीटर का परिवादीगण को आवंटित किया गया है। परिवादीगण ने 4,38,000/-रू0 की धनराशि आवंटन प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत की है। आवंटन पत्र के अनुसार परिवादीगण को रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन में opt किये गये पेमेन्ट प्लान के अनुसार अवशेष धनराशि का भुगतान करना है और परिवादीगण के अनुसार उन्होंने कांस्ट्रक्शन लिंक प्लान opt किया है।
परिवादीगण ने परिवाद पत्र के साथ 4,38,000/-रू0 की रसीद दिनांक 06.08.2012 संलग्नक-3, 4,69,160/-रू0 की रसीद दिनांक 28.09.2012 संलग्नक-4, 1,00,000/-रू0 की रसीद दिनांक 15.06.2013 संलग्नक-5, 5,00,000/-रू0 की रसीद दिनांक 15.06.2013 संलग्नक-6, और 5,00,000/-रू0 की रसीद
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दिनांक 04.10.2013 संलग्नक-7 प्रस्तुत किया है, जिसके अनुसार परिवादीगण ने विपक्षीगण के यहॉं कुल 20,07,160/-रू0 दिनांक 06.08.2012 से दिनांक 04.10.2013 तक की अवधि में जमा किया है। परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में परिवादीगण की ओर से परिवादी संख्या-1 कुमार राजन ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। विपक्षीगण की ओर से परिवाद पत्र एवं परिवादी संख्या-1 के शपथ पत्र का खण्डन लिखित कथन अथवा प्रति शपथ पत्र प्रस्तुत कर नहीं किया गया है। अत: परिवाद पत्र एवं परिवादी संख्या-1 के शपथ पत्र के कथन एवं परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं दिखता है। अत: यह मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार है कि परिवादीगण ने विपक्षीगण के यहॉं 20,07,160/-रू0 प्रश्नगत फ्लैट के आवंटन हेतु जमा किया है, परन्तु अब तक अपार्टमेन्ट का निर्माण पूरा कर विपक्षीगण ने परिवादीगण को कब्जा नहीं दिया है और उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण द्वारा किये गये तर्क एवं परिवाद पत्र एवं परिवादी संख्या-1 के शपथ पत्र के कथन के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि परिवादीगण को आवंटित अपार्टमेन्ट का निर्माण निकट भविष्य में पूर्ण किये जाने की सम्भावना नहीं दिखती है। एलाटमेन्ट लेटर दिनांक 10.07.2012 को परिवादीगण के पक्ष में जारी किया गया है और दिनांक 04.10.2013 तक की अवधि में परिवादीगण ने विपक्षीगण के यहॉं उपरोक्त धनराशि फ्लैट के सम्बन्ध में जमा की है। उसके बाद करीब 5 साल 10 महीने का
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समय बीत चुका है, परन्तु विपक्षीगण ने निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है और न निकट भविष्य में निर्माण पूरा होने की सम्भावना दिखती है। ऐसी स्थिति में परिवादीगण को फ्लैट के लिए और इन्तजार करने को नहीं कहा जा सकता है।
उपरोक्त विवेचना एवं सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए उचित प्रतीत होता है कि परिवादीगण द्वारा जमा सम्पूर्ण धनराशि उन्हें विपक्षीगण से ब्याज सहित वापस दिलायी जाये।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने CIVIL APPEAL NO(S). 3948 of 2019 SLP(C) 9575 of 2019 M/S KRISHAN ESTATE DEVELOPERS PVT. LTD. बनाम NAVEEN SRIVASTAVA व अन्य में पारित आदेश दिनांक 15.04.2019 के द्वारा बिल्डर द्वारा तय समय के अन्दर निर्माण पूरा कर कब्जा न दिये जाने पर आवन्टी द्वारा जमा धनराशि एक मास के अन्दर जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज के साथ वापस करने हेतु आदेशित किया है और इस अवधि में बिल्डर द्वारा ब्याज सहित धनराशि आवन्टी को वापस न किये जाने पर उसकी जमा धनराशि राज्य आयोग द्वारा आदेशित 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्याज के साथ वापस करने को कहा है।
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सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उपरोक्त निर्णय को दृष्टिगत रखते हुए मैं इस मत का हूँ कि परिवादीगण की जमा धनराशि 20,07,160/-रू0 जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित दो मास के अन्दर परिवादीगण को वापस करने का अवसर विपक्षीगण को दिया जाये और यदि इस अवधि में वे परिवादीगण की जमा धनराशि 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज के साथ जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक वापस करने में असफल रहते हैं तो परिवादीगण की सम्पूर्ण जमा धनराशि पर जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिलाया जाये।
परिवादीगण को 10,000/-रू0 वाद व्यय भी दिलाया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादीगण की जमा धनराशि 20,07,160/-रू0 जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज के साथ दो मास के अन्दर उन्हें वापस करें। यदि इस दो मास की अवधि में विपक्षीगण, परिवादीगण को उनकी जमा यह धनराशि इस दर से ब्याज के साथ वापस नहीं करते हैं तो विपक्षीगण, परिवादीगण को उनकी जमा धनराशि 20,07,160/-रू0 जमा की तिथि से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक की
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दर से ब्याज के साथ वापस करेंगे।
विपक्षीगण, परिवादीगण को 10,000/-रू0 वाद व्यय भी अदा करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1