Fasiuddin filed a consumer case on 30 Nov 2015 against M/S Tulip Global pvt. ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/145/2010 and the judgment uploaded on 02 Dec 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-145/10
फसीउद्धीन पुत्र मोहम्मदद्धीन जाति मुसलमान निवासी मार्फत हिन्द इलेक्ट्रोनिक्स, ढाबादेह तहसील रामगंजमंडी जिला कोटा, राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. मैसर्स- टूलिप ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड 305 तृतीय फ्लोर, जयपुर टावर एम.
आई. रोड, जयपुर।
02. यूनाईटेड इंडिया इन्श्योरेन्स कंपनी लि0, ए-501 गणेश प्लाजा नवरगंपुरा
अहमदाबाद (गुजरात) जरिये क्षैत्रिय प्रबंधंक, झालावाड रोड, कोटा, राजस्थान।
03. दी ओरियन्टल इन्श्योरेन्स कंपनी लि0 क्षैत्रीय प्रबंधक, 30/बी स्वास्थिक सेन्टर
स्वास्थिक चार रास्ता नवरंगपुरा अहमदाबाद (गुजरात) जरिये- क्षैत्रीय प्रबंधक, झालावाड रोड, कोटा।
04. नूर मोहम्मद पुत्र हनीफ मोहम्मद निवासी मोडक स्टेशन, जिला कोटा।
-विपक्षीगण
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1. श्री समीउद्धीन, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2. श्री लोकेश गौतम, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 1 की ओर से।
3. श्री विजेन्द्र गौड, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 2 की ओर से।
4. श्री बी0एस0 यादव, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 3 की ओर से।
5. अप्रार्थी सं. 4 को परिवादी द्वारा डिलीट किया गया।
निर्णय दिनांक 30.11.15
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी सं. 1 कंपनी का प्लान 13.07.09 को उनके प्रतिनिधि विपक्षी सं. 4 से राशि 3,200/- अदा करके लिया गया है उसके साथ ही परिवादी की सुरक्षा हेतु व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी राशि 50,000/- रूपये दिनांक 03.07.09 से 02.07.13 तक विपक्षी सं. 2 एवं परिवादी के स्वास्थ्य के लिये पालिसी 13.07.09 से 12.07.10 तक की अवधि हेतु विपक्षी सं. 3 से ली गई थी। दिनांक 24.08.09 को परिवादी को मलेरिया होने पर ईलाज हेतु एम0बी0एस0 अस्पताल में भर्ती किया गया जहाॅ 10 दिन तक भर्ती रहा, ईलाज लिया उसमें 25,000/- रूपये खर्च हुये। जिसका क्लेम विपक्षीगण को भेजा गया लेकिन विपक्षीगण ने पालिसी के तहत पालना नहीं की, दस्तावेज लौटा दिये। ईलाज के खर्च का भुगतान नहीं किया। विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक से कानूनी नोटिस भेजा गया, उसका जवाब नहीं दिया, राशि भी अदा नहीं की, जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी सं. 1 के जवाब का सार है कि परिवादी ने उनकी कंपनी में राशि जमा कराके डीलरशिप ली थी, इसलिये परिवादी उसका उपभोक्ता नहीं है। क्योंकि उसके मध्य व्यापारिक संबंध है। परिवादी को मेडिक्लेम की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई है, इसलिये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उसे कोई उपचार प्राप्त नहीं है। परिवादी ने डीलरशिप हेतु आवेदन जयपुर स्थित कार्यालय में प्रस्तुत किया गया तथा वहा ही राशि जमा कराई, वही से ही स्वास्थ्य सुरक्षा प्रमाण-पत्र जारी हुआ, इसलिये इस मंच को सुनवाई का अधिकार भी नहीं है। परिवादी ने डीलरशिप के लिये जो राशि जमा करवाई, उसके पेटे उसे सूट लेन्थ भी दिया गया था। पालिसी निःशुल्क दी गई थी। उसने बीमार होने व ईलाज से संबंधित कोई सूचना नही दी, क्लेम भी पेश नहीं किया न ही दस्तावेज दिये। परिवादी के नोटिस का सही जवाब भेज दिया गया। परिवाद झूंठा पेश किया गया।
विपक्षी सं. 2 बीमा कपंनी के जवाब का सार है कि उसके द्वारा व्यक्तिगत दुर्घटना पालिसी जारी की गई जिसके तहत कोई क्लेम पेश नहीं किया गया। परिवाद से ही स्पष्ट है कि परिवादी की कोई दुर्घटना नहीं हुई। बीमारी के ईलाज हेतु पालिसी के अन्तर्गत कोई राशि देय भी नहीं है। उसे अनावश्यक पक्षकार बनाया गया है।
विपक्षी सं. 3 के जवाब का सार है कि पालिसी की शर्तो के अनुसार उसे ईलाज हेतु भर्ती होने, ईलाज कराने की कोई सूचना नहीं दी गई, कोई क्लेम भी प्रस्तुत नहीं किया गया, दस्तावेज भी नहीं दिये गये। पालिसी अहमदाबाद से जारी हुई थी, इसलिये मंच को कोई सुनवाई का अधिकार नहीं है।
परिवादी ने विपक्षी सं. 4 के विरूद्ध कोई अनुतोष नही चाहा और प्रार्थना करते हुये उसे तलब नहीं कराने की दिनांक 25.04.11 को प्रार्थना की गई जो स्वीकार की गई, इसलिये उसे नोटिस जारी नहीं किये गये।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी सं. 1 की सदस्यता की रसीद 13.07.09, विपक्षी सं. 2 व 3 द्वारा जारी पालिसी, विपक्षी सं. 1 को प्रेषित कानूनी नोटिस उसकी ए/डी रसीद, एम0बी0एस0 अस्पताल में ईलाज लेने व इस हेतु दवा लेने के दस्तावेज पेश किये।
विपक्षी सं. 1 ने साक्ष्य में निदेशक, प्रकाश चन्द्र जैन के शपथ-पत्र के अलावा अन्य कोई दस्तावेज पेश नहीं किया ।
विपक्षी सं. 2 ने साक्ष्य में उप-प्रबंधक प्रताप राय का शपथ पत्र प्रस्तुत किया।
विपक्षी सं. 3 ने साक्ष्य में मंडल प्रबंधक प्रभूदयाल आलडिया के शपथ-पत्र के अलावा बीमा पालिसी उनके अहमदाबाद कार्यालय से कोटा कार्यालय को प्रस्तुत पत्र व अन्य पत्राचार आदि की प्रति प्रस्तुत की है।
हमने दोनों पक्षांें की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
विपक्षी सं. 4 के जरिये कोटा में विपक्षी सं. 1 का प्लान लेना परिवादी ने बताया है, लेकिन विपक्षी सं. 4 को तलब ही नहीं करवाया। परिवादी ने ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया कि प्लान कोटा में लिया गया, राशि कोटा में दी जबकि विपक्षी सं. 1 का स्पष्ट केस है कि पालिसी हेतु आवेदन जयुपर में दिया , राशि भी जयपुर में जमा करवाई व प्रमाण-पत्र भी जयपुर से जारी हुआ, इसलिये हम पाते है कि इस मंच को सुनवाई का अधिकार नहीं है। इसी प्रकार विपक्षी सं. 3 द्वारा पालिसी अहमदाबाद से जारी हुई है उनके कोटा कार्यालय से कोई संव्यवहार नही हुआ, इसलिये इस मंच को सुनवाई का अधिकार नही है। विपक्षी सं. 2 द्वारा पालिसी दुर्घटना से सुरक्षा के लिये जारी की गई। परिवादी का यह केस नहीं है कि उसकी दुर्घटना हुई थी, इसलिये उसको अनावश्यक पक्षकार बनाया गया है।
उपरोक्त के अलावा यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षी सं. 1 ने स्पष्ट बताया है कि परिवादी को पालिसी निःशुल्क जारी की गई अर्थात् उससे शुल्क नहीं ली थी। उसने जो राशि जमा कराई वह डीलरशिप के लिये जमा करवाई थी। विपक्षी सं. 1 से उसने व्यवसाय किया, इसलिये परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत कोई उपचार प्राप्त नहीं कर सकता।
यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षी सं. 3 की ओर से जो पालिसी अहमदाबाद से जारी हुई उसके पेटे परिवादी ने कोई क्लेम पेश नहीं किया, क्लेम भेजने या दस्तावेज भेजने का कोई प्रमाण भी पेश नहीं किया, इसलिये भी विपक्षी सं. 3 का कोई दोष सिद्ध होना नहीं माना जा सकता। परिवादी विपक्षीगण के विरूद्ध दोष-सिद्ध करने में विफल रहा है।
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 30.11.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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