राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-७४३/२०१८
(जिला मंच, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0-७५/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-१२-२०१७ के विरूद्ध)
गुरू प्रसाद यादव पुत्र अमल शाह निवासी मौजा व पोस्ट ताला परगना व तहसील पट्टी जिला प्रतापगढ़।
............. अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
१. मै0 टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड, तृतीय तल, नानावती महालय, १८ होमी मोदी स्ट्रीट, फोर्ट, मुम्बई-४००००१.
२. सुभाष यादव पुत्र श्री उमा शंकर यादव निवासी ग्राम पूरे बिच्छूर, पोस्ट बीरापुर, जिला प्रतापगढ़, फील्ड आफीसर, यूनिक मोटर फाइनेंस लि0 ग्राम जोगापुर, परगना व तहसील सदर, जिला प्रतापगढ़।
३. मै0 यूनिक मोटर फाइनेंस लिमिटेड जोगापुर, परगना व तहसील सदर, जिला प्रतापगढ़। ............ प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सत्यम मौर्या विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- २६-०४-२०१८.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद सं0-७५/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-१२-२०१७ के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को अंगीकरण के बिन्दु पर सुना गया। प्रस्तुत अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-१५ के अन्तर्गत निर्धारित समयावधि के बाद विलम्ब से योजित की गई है। प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रश्नगत परिवाद योजित किए जाने से पूर्व पक्षकारों के मध्य प्रश्नगत विवाद के सन्दर्भ में पंचाट की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी थी। स्वयं परिवादी ने परिवाद योजित
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किए जाने से पूर्व पंचाट से नोटिस प्राप्त किया जाना स्वीकार किया है। विद्वान जिला मंच ने मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा मीरा इण्डस्ट्रीज बनाम मॉडर्न कन्स्ट्रक्शन, रिजीजन पिटीशन नं0-१७६५/०७ में पारित निर्णय दिनांकित २२-०५-२००९ पर विश्वास व्यक्त करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। परिवाद योजित किए जाने के पूर्व पंचाट की कार्यवाही प्रारम्भ हो जाने के उपरान्त उपभोक्ता मंच को प्रश्नगत विवाद के निस्तारण का क्षेत्राधिकार प्राप्त होना नहीं माना जा सकता। हमारे विचार से अपील अंगीकृत किए जाने योग्य नहीं है। अपील तद्नुसार अंगीकरण के स्तर पर निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त की जाती है।
इस अपील का व्यय-भार अपीलार्थी स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(महेश चन्द)
सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-१.