Uttar Pradesh

StateCommission

CC/6/2024

Suresh Gupta - Complainant(s)

Versus

M/S Swastik Multitrade Pvt. Ltd. & Another - Opp.Party(s)

Raghvendra Singh & Shwetank Sharma

12 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/6/2024
( Date of Filing : 04 Jan 2024 )
 
1. Suresh Gupta
R/O TSB-37 Bina Project, Sonbhadra, UP-231220
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S Swastik Multitrade Pvt. Ltd. & Another
R/O 1/51, Vivek Khand, Gomti Nagar, Lucknow-226010
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Sep 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

परिवाद संख्‍या:-06/2024

सुरेश गुप्‍ता पुत्र स्‍व0 धनेश्‍वर प्रसाद गुप्‍ता, निवासी टीएसबी-37, बीना परियोजना, सोनभद्र उत्‍तर प्रदेश-231220

.........परिवादी

बनाम

1- मैसर्स स्‍वास्तिक मल्‍टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, निवासी 1/51, विवेक खण्‍ड गोमती नगर, लखनऊ 226010

2- ग्रीन पार्क इंफ्राप्रोजेक्‍ट प्राइवेट लिमिटेड, पंजीकृत पता ए-2/42, विशाल खण्‍ड गोमती नगर लखनऊ उ0प्र0 226010

...........विपक्षीगण

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

परिवादी के अधिवक्‍ता         : श्री श्‍वेतांक शर्मा

विपक्षीगण के अधिवक्‍ता       : कोई नहीं।

दिनांक :- 19.9.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत परिवाद, परिवादी सुरेश गुप्‍ता द्वारा विपक्षी मैसर्स स्‍वास्तिक मल्‍टीट्रेड प्राइवेट लिमिटेड एवं ग्रीन पार्क इंफ्राप्रोजेक्‍ट प्राइवेट लिमिटेड के विरूद्ध इस आयोग के सम्‍मुख धारा-47 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत विपक्षीगण से सम्‍पूर्ण जमा धनराशि मय 18 प्रतिशत ब्‍याज वापस दिलाये जाने, विपक्षीगण से परिवादी को दण्‍डात्‍मक क्षति व मुआवजे के रूप में रू0 10,00,000.00, मानसिक पीड़ा एवं शारीरिक उत्‍पीडन के रूप में रू0 1,00,000.00 तथा परिवाद व्‍यय के रूप में रू0 1,00,000.00 दिलाये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया है।

संक्षेप में परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षीगण/बिल्डरों की योजना स्वास्तिक ग्रीन पार्क, ग्राम बेली, मोहनलाल गंज, लखनऊ में 2275 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली

-2-

प्‍लॉट/यूनिट संख्या ए-3 बुक करायी है तथा ई.एम.आई. डिपोजिट स्कीम के माध्यम से रू0 9,99,320.00 की सम्‍पूर्ण राशि का भुगतान अपनी मेहनत की कमाई रकम अदा करके किया,  ताकि वह अपनी सेवानिवृत्ति के पश्‍चात अपना खुद का घर बनाकर शांतिपूर्वक रह सके।

परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि मासिक ई.एम.आई. 12,000.00 रु0 तय की गई थी,  परन्‍तु विपक्षीगण/बिल्डरों  द्वारा परिवादी से अवैध रूप से ब्याज सम्मिलित करते हुए रू0 13,322.00 का भुगतान 60 समान मासिक किस्तों के रूप में रू0 प्राप्‍त किया गया। परिवादी द्वारा समझौते की शर्तों के अनुसार 23.02.2018 तक सम्‍पूर्ण प्रतिफल की धनराशि का भुगतान समय पर विपक्षीगण को किया जा चुका है।  

चूंकि वर्ष-2018 तक उपरोक्‍त परियोजना को पूर्ण होने की कोई उम्मीद नहीं थी  और विपक्षीगण/बिल्डरों द्वारा अपने आश्‍वासनों का पालन करने में विफलता दिखाई गई,  अत्एव परिवादी द्वारा विपक्षीगण/ बिल्डर के कार्यालय से सम्‍पर्क किया गया, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कोई संतोषजनक उत्‍तर अथवा कार्यवाही नहीं की गई।

यहॉ यह उल्लेख करना उचित है कि नवंबर, 2017 में विपक्षीगण की ओर से श्री प्रवीण खन्ना द्वारा लिखित रूप में परिवादी से के.वाई.सी. दस्तावेजों की मांग की गई  जिसे परिवादी द्वारा पंजीकृत डाक के माध्यम से विपक्षीगण को भेज दिया था। तत्‍पश्‍चात बार-बार अनुरोध करने के बाद  श्री प्रवीण खन्ना द्वारा परिवादी को बताया कि उसकी प्‍लॉट/यूनिट रद्द कर दी गई है जिसकी कोई प्रति

-3-

परिवादी को नहीं दी गई है। यह भी बताया गया कि ऐसा परिवादी की ओर से विकास शुल्क का भुगतान करने में विफल रहने के कारण किया गया है, जबकि विपक्षीगण/बिल्डर द्वारा इसकी कभी कोई मांग परिवादी से नहीं की गई।

परिवादी द्वारा यह भी कथन किया गया कि विपक्षी बिल्डरों द्वारा सम्‍पूर्ण भुगतान करने के पश्‍चात समय-सीमा के अन्‍तर्गत परिवादी को प्‍लॉट/यूनिट उपलब्‍ध नहीं करायी गई तथा उसका आवंटन अवैधानिक रूप से रद्द कर दिया गया, जोकि विपक्षीगण/बिल्‍डरों द्वारा कारित अनुचित व्यवहार पद्धति एवं सेवा में घोर कमी का द्योतक है अत्एव अंत में विवश होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण की सेवा में कमी एवं लापरवाही से क्षुब्‍ध होकर उपरोक्‍त अनुतोष दिलाये जाने हेतु इस आयोग के सम्‍मुख परिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया।

 विपक्षीगण की ओर से दिनांक 08.5.2024 को उनके अधिवक्‍ता श्री अभिषेक मिश्रा उपस्थित हुए तथा प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करने हेतु समय प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गई, परन्‍तु उसके पश्‍चात उनके अधिवक्‍ता उपस्थित नहीं हुए और न ही कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया। 

परिवादी की ओर से परिवाद पत्र के समर्थन में शपथपत्र एवं साक्ष्‍य के रूप में विपक्षी से हुए समझौते की प्रति, विपक्षी को भुगतान की गई धनराशियों की रसीदों की प्रति, बैंक खाते की प्रति तथा पत्रचार इत्‍यादि की प्रतियॉ प्रस्‍तुत की गई हैं।

 

 

-4-

मेरे द्वारा मात्र परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद को शपथपत्र एवं साक्ष्‍यों से पुष्‍ठ किया गया है जिसका खण्‍डन करने के लिए विपक्षीगण की ओर से न तो कोई उपस्थित आया, न ही कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया है अत्एव परिवादी के कथनों पर अविश्‍वास करने का कोई औचित्‍य नहीं बनता है। चूंकि विपक्षीगण की ओर से अपने समर्थन में कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की गई कि उनके द्वारा वर्ष-2012 से लगभग 12 वर्ष का समय व्‍यतीत हो जाने के बाद भी परिवादी को प्रश्‍नगत प्‍लॉट/यूनिट का कब्‍जा क्‍यों नहीं दिया गया, जो विपक्षीगण की सेवा में घोर लापरवाही एवं अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनाये जाने का द्योतक है।

परिवादी द्वारा प्रश्‍नगत प्‍लॉट/यूनिट की कीमत 9,99,320.00 रू0 लगभग 06 वर्ष पूर्व विपक्षीगण के पास जमा किये गये हैं, जिसकी पुष्टि पत्रावली पर उपलब्‍ध परिवादी के बैंक खाते के विवरण एवं रसीदों से होती है अत्एव विपक्षीगण/बिल्‍डर की सेवा में कमी प्रमाणित है, जिसके संदर्भ में मेरे विचार से परिवादी, विपक्षीगण/बिल्‍डर से जमा धनराशि मय ब्‍याज, क्षतिपूर्ति एवं वाद व्‍यय प्राप्‍त करने का अधिकारी है।

तद्नुसार परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह इस आदेश की प्रति प्राप्‍त होने के 45 दिन के अन्‍दर परिवादी को उसके द्वारा जमा की गई सम्‍पूर्ण धनराशि रू0 9,99,320.00 (नौ लाख निन्‍यानबे

-5-

हजार तीन सौ बीस रू0) जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक 10 (दस) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित अदा करे, साथ ही रू0 5,00,000.00 (पॉच लाख रू0) मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति के मद में तथा रू0 25,000.00 (पच्‍चीस हजार रू0) परिवाद व्‍यय के मद में विपक्षीगण द्वारा परिवादी को उपरोक्‍त अवधि में अदा किया जावे।

निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन न किये जाने पर उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर ब्‍याज की दर 12 (बारह) प्रतिशत देय होगी।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

   

 

                       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                

                                        अध्‍यक्ष                                                                                                                           

 

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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