Uttar Pradesh

StateCommission

CC/182/2018

Shishir Kumar Jha - Complainant(s)

Versus

M/S Supertech Ltd - Opp.Party(s)

Sushil Kumar Sharma

09 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/182/2018
( Date of Filing : 21 May 2018 )
 
1. Shishir Kumar Jha
Gautam Buddha Nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S Supertech Ltd
Gautam Buddha Nagar
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Nov 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-182/2018

1.    शिशिर कुमार झा पुत्र स्‍व0 एस.के. झा, वर्तमान निवास मकान नं0-बी-50, जलवायु विहार, सेक्‍टर-21, नोयडा, जिला गौतमबुद्ध नगर।

2.    शीलू झा पत्‍नी श्री शिशिर कुमार झा, निवासिनी मकान नं0-बी-50, जलवायु विहार, सेक्‍टर-21, नोयडा, जिला गौतमबुद्ध नगर।

                             परिवादीगण

बनाम्  

सुपरटेक लिमिटेड, सुपरटेक हाउस, बी-28, 29, सेक्‍टर 58, नोयडा, जिला गौतमबुद्ध नगर 201301, द्वारा डायरेक्‍टर्स।

                      विपक्षी

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

परिवादीगण की ओर से उपस्थित       : श्री सुशील कुमार शर्मा।

विपक्षी की ओर से उपस्थित                : श्री पीयूष मणि त्रिपाठी।

दिनांक:  09.11.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    यह परिवाद, विपक्षी भवन निर्माता कंपनी के विरूद्ध परिवादीगण द्वारा जमा की गई धनराशि अंकन 9,63,110/- रूपये 18 प्रतिशत ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए तथा परिवाद व्‍यय की मद में अंकन 50 हजार रूपये प्राप्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत किया गया है।

2.          परिवाद इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादीगण द्वारा फ्लैट बुक कराया गया था, उसकी कीमत अंकन 26,03,000/- रूपये थी और परिवादीगण द्वारा अंकन 9,63,110/- रूपये जमा किए जा चुके हैं, परन्‍तु प्रश्‍नगत फ्लैट का कब्‍जा उपलब्‍ध नहीं कराया गया, इसलिए परिवादीगण द्वारा उसके द्वारा जमा राशि ब्‍याज सहित वापस किए जाने का अनुरोध करते हुए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

 

-2-

3.          विपक्षी का कथन है कि परिवादीगण को यथार्थ में कब्‍जा प्राप्ति का प्रस्‍ताव भेजा गया था, परन्‍तु स्‍वंय परिवादीगण ने समय पर फ्लैट की कीमत का भुगतान नहीं किया। वह स्‍वंय डिफॉल्‍टर हैं, इसलिए परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

4.          उभय पक्ष द्वारा परिवाद पत्र एवं लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र तथा सुसंगत दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किए गए।

5.          परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

6.          पृष्‍ठ संख्‍या-10 लगायत 47 की रसीदों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादीगण द्वारा अंकन 9,63,110/- रूपये जमा किए गए हैं। विपक्षी द्वारा वर्ष 2010 तक कब्‍जा प्रदान किया जाना था, परन्‍तु वर्ष 2010 तक कब्‍जा प्रदान किए जाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं दिया गया, इसलिए इस तर्क में कोई बल नहीं है कि परिवादीगण को कब्‍जा प्रदान करने का कोई प्रस्‍ताव नहीं दिया गया। दस्‍तावेज संख्‍या-47 दिनांक 14.03.2009 को लिखा गया पत्र है, इस पत्र में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि जून 2010 तक कब्‍जा दिया जाना है। यह पत्र स्‍वंय विपक्षी भवन निर्माता कंपनी द्वारा लिखा गया है, इसलिए विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के इस तर्क में कोई बल नहीं है कि कब्‍जा प्रदान करने की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं थी, जबकि निश्‍चित समय-सीमा का उल्‍लेख स्‍वंय विपक्षी द्वारा किया गया है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि परिवादी डिफॉल्‍टर हैं।

7.          विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित अनुबंध के अनुसार भी परिवादीगण द्वारा निश्चित समय अवधि के अन्‍दर भुगतान नहीं किया गया, परन्‍तु स्‍वंय विपक्षी द्वारा इस अनुबंध की शर्त का अनुपालन नहीं किया गया कि जून 2010 तक कब्‍जा प्रदान किया जाएगा, जबकि तत्‍समय जून 2010 तक कब्‍जा प्रदान नहीं किया गया।

 

 

-3-

8.          विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि इस प्रकरण से  संबंधित कई प्रकरण NCLT के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इस आयोग को परिवाद की सुनवाई एवं निस्‍तारण नहीं किया जाना चाहिए। NCLT के समक्ष भी वादी अपना क्‍लेम प्राप्‍त करने के वाद प्रस्‍तुत करता है। यदि इस आयोग द्वारा परिवादीगण के पक्ष में उसके द्वारा जमा की गई राशि को ब्‍याज सहित वापस करने का आदेश पारित किया जाता है तब यह क्‍लेम परिवादीगण NCLT के समक्ष प्रस्‍तुत कर अपनी धन वापसी ब्‍याज सहित कर सकते हैं। उपरोक्‍त विवेचना का निष्‍कर्ष यह है कि परिवादीगण अपने द्वारा जमा राशि अंकन 9,63,110/- रूपये 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्‍याज सहित जमा करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है तथा मानसिक प्रताड़ना एवं आर्थिक प्रताड़ना की मद में परिवादीगण अंकन 03 लाख रूपये तथा परिवाद व्‍यय की मद में अंकन 25 हजार रूपये प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

9.             प्रस्‍तुत परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को अंकन 9,63,110/- रूपये 09 प्रतिशत ब्‍याज सहित जमा करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक अदा की जाए।

विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को मानसिक एवं आर्थिक प्रताड़ना की मद में अंकन 03 लाख रूपये तथा परिवाद व्‍यय की मद में अंकन 25 हजार रूपये भुगतान किए जाए।

उपरोक्‍त समस्‍त धनराशि का भुगतान इस निर्णय एवं आदेश की प्रति प्राप्‍त होने की तिथि से 45 दिन के अन्‍दर किया जाए।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

   सदस्‍य                                 सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0,   

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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