Rajasthan

Kota

CC/18/2007

Ballabh das sharda - Complainant(s)

Versus

M/S Sony india pvt. ltd. - Opp.Party(s)

V.K.Rathore

10 Nov 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा (राज)।
पीठासीन अधिकारी:-श्री नन्दलाल षर्मा,अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।

प्रकरण संख्या-18/2007
    
बल्लभदास षरडा पुत्र श्री पुरूशोत्तम दास षारडा,निवासी-1.ठ.1 ैथ्ै तलबंडी, कोटा।
                                                               -परिवादी।
                         बनाम

1    मैसर्स सोनी इण्डिया प्रा0लि0ए ।. 31,मोहन काॅपरेटिव इण्डस्ट्रियल ऐरिया,मथुरा रोड,नई दिल्ली 110 044
2    मैसर्स सुधा इलेक्ट्रो सर्विसेज, 338 त्छज् स्कूल के पास,षोपिंग सेण्टर, कोटा (राज0)।
3    मैसर्स सोनिक इलेक्ट्राॅनिक्स अग्रवाल भवर केसरगंज,अजमेर।
                                                          -विपक्षीगण।

             परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति-

1    श्री वीरेन्द्र कुमार राठौर,अधिवक्ता ओर से परिवादी।
1    श्री नन्द किषोर नागर,अधिवक्ता ओर से विपक्षी नं0 1 ।
2    विपक्षी-2 के विरूद्ध एक तरफा।
3    विपक्षी नं0 3 की तलबी बन्द। 
                                                             
                              निर्णय                  दिनांक 10.11.2015
   
यह पत्रावली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, कोटा में पेष की गई तथा निस्तारण हेतु जिला मंच, झालावाड केम्प, कोटा को प्राप्त हुई है।

     प्रस्तुत परिवाद ब्वदेनउमत च्तवजमबजपवद ।बज 1986 की धारा 12 के तहत परिवादी ने दिनांक 07.09.2006 को इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी ने विपक्षी-1 द्वारा निर्मित सोनी प्लाज्मा टीवी माॅडल नंबर थ्ॅज् 42 च्ठप् 6030 2974 विपक्षी-1 के अधिकृत विक्रेता विपक्षी-3 से जरिये बिल 3717 दिनंाक 02-02-2006 को 1,60,000/-रूपये में क्रय किया तथा उसका इंस्टालेषन व डेमो विपक्षी-2 द्वारा किया गया। टीवी चालू करने पर यह पाया गया कि वह संतोशजनक व सही नहीं है। विपक्षी-2 के सर्विस इंजीनियर द्वारा डेमो व संपूर्ण फंक्षन सही रूप से संचालित नहीं हो रहे थे न ही उसकी परफोर्मेन्स सही आ पा रही थी। स्क्रीन पर सही पिक्चर नहीं आ रही थी न ही उसके फंक्षन सही काम कर रहे थे,उसकी पिक्चर व साउण्ड सही नहीं आ रहे थे। विपक्षी-2 ने विपक्षी-1 के जयपुर स्थित कार्यालय से श्री लोकेष को दिनांक 29-08-2005 को बुलाया और उन्होंने टीवी का निरीक्षण करके सलाह दी कि टीवी में कन्वर्टर लगाने से टीवी सही कार्य करेगा लेकिन उनके द्वारा कन्वर्टर लगाने के बाद भी टीवी सही कार्य नहीं कर रहा था। टीवी के कलर स्क्रीन पर बिखर जाते थे तथा कई बार पिक्चर ब्लैक एण्ड व्हाइट हो जाती थी इसलिए परिवादी ने टीवी का उपयोग करना ही बन्द कर दिया। इस प्रकार विपक्षीगण ने निर्माणदोशयुक्त टेलीविजन का विक्रय  करके  सेवादोश 
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कारित किया है। विपक्षीगण ने न तो टीवी को बदल कर दूसरा दिया न ही उसका मूल्य अदा किया है। विपक्षीगण का यह कृत्य सेवामें कमी है। परिवादी ने त्रुटियुक्त टीवी के स्थान पर त्रुटिरहित टीवी मय क्षतिपूर्ति के दिलाये जाने का अनुतोश चाहा है। 

    विपक्षी-1 ने परिवाद के जवाब की प्रारम्भिक आपत्तियों में यह अंकित किया है कि परिवाद आधारहीन और झूठे तथ्यों पर पेष किया है जो कानून की प्रक्रिया का दुरूपयोग है। विपक्षी-1 इलेक्ट्राॅनिक आईटम का बिजनेस करता है और ब्राण्ड नेम सोनी के नाम से उत्पाद विक्रय करता है। परिवादी स्वच्छ हाथों से मंच में नहीं आया है, वह विपक्षी-1 को बदनाम करना चाहता है। परिवादी ने टीवी दिनंाक 11-08-2005 को खरीदा जबकि बिल में दिनंाक 02-02-2006 अंकित है तथा म्.उंपस में 29-08-2006 को खरीदना बताया है जबकि वास्तव में परिवादी ने टीवी दिनंाक 11-08-2005 को खरीदा और 11-08-2005 को ही स्थापित किया था। टीवी स्थापित करते समय किसी प्रकार की कोई षिकायत नहीं थी। पैरावाईज जवाब में समस्त तथ्यों को इन्कार करते हुए यह अंकित किया है कि परिवादी ने टीवी में निर्माणकालीन दोश बताये हैं जबकि इसको साबित करने के लिए परिवादी ने किसी विषेशज्ञ की रिपोर्ट पेष नहीं की है इसलिए परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।

     विपक्षी-2 की ओर से परिवाद का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया अतः उनका जवाब बन्द किया गया।
    विपक्षी-3 का परिवादी ने सही पता पेष नहीं किया इसलिए उसकी तलबी बन्द की गई।
    परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का षपथपत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.4 दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं तथा विपक्षी-1 ने जवाब के समर्थन में श्री मीना बोस का षपथपत्र प्रस्तुत किया है।  
    उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-
1    क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?

     परिवादी का परिवाद,षपथपत्र तथा प्रस्तुत दस्तावेजात के आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता पाया जाता है। 
2    क्या विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है ?

उभयपक्षों को सुना गया, पत्रावली का अवलोकन किया तो स्पश्ट हुआ कि परिवादी ने परिवाद के पेरा नं0 2 मंे अंकित किया है कि बिल सं0 3717 दिनंाक 02-02-2006 को विवादित टीवी खरीदा और पेरा नं0 4 में अंकित है कि परिवादी के निवासस्थान पर टीवी 20-08-2005 को इंस्टाल किया। इस प्रकार टीवी का खरीदना 2006 में बताता है जो बिल म्ग.2 से प्रमाणित है और इंस्टाल 20-08-2005 को बताता है, यह कैसे सम्भव है। यदि टाइप मिस्टेक मानी जाये तो भी बहस में तो कम से कम इस तथ्य को स्पश्ट कर सकता था। विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्दअवपबम  में  टीवी खरीदना 
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11-08-2005 को और डिलीवरी 13-08-2005 को बतायी है, यह तथ्य भी आपस में विरोधाभाशी हैं। विपक्षी नंबर 3 यदि उपस्थित होता तो समस्त तथ्यों को स्पश्ट करता लेकिन परिवादी ने उसका सही पता पेष नहीं किया इसलिए तलवी बन्द कर दी। 

    इसके अलावा परिवादी ने अपने परिवाद में टीवी में निर्माणकालीन दोश बताये हैं जबकि इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए किसी विषेशज्ञ की रिपोर्ट पेष नहीं की है। जहाँ तक टीवी का परिवादी के मकान में इंस्टालेषन का प्रष्न है, इंस्टालेषन करने के बाद समय समय पर षिकायत के बाद इंजीनियर भेजा है, इसको परिवादी ने भी पेरा नंबर-4 में अंकित किया है कि सर्विस इंजीनियर ने टीवी इंस्टाल किया, यद्यपि परिवादी का यह आक्षेप है कि इंस्टालेषन के समय ही उसमें डिफेक्ट था लेकिन सर्विस इंजीनियर का कोई षपथपत्र पेष नहीं किया है। उसके बाद दिनंाक 29-08-2005 को जयपुर कार्यालय से लोकेष को बुलाया और टीवी को ठीक किया फिर 13-09-2005 को इंजीनियर सुषील को बुलाया उसने ठीक किया। इस प्रकार जब जब भी परिवादी को टीवी में षिकायत आयी, विपक्षीगण ने उसी समय अपने इंजीनियर को भेजा और टीवी को ठीक कराया। यद्यपि परिवादी कहता है कि परिवाद पेष करते समय भी उसका टीवी बन्द पड़ा हुआ था लेकिन कपिल माथुर जिससे अंतिम सर्विस करायी उसने अपना षपथपत्र देकर यह प्रमाणित किया है कि टेलीविजन चालू हालत में है। कपिल माथुर 15-05-2011 को वल्लभदास के निवास पर गया उसने टेलीविजन को ठीक पाया। उसने अपने षपथपत्र में ऐसा कोई डिफेक्ट नहीं बताया है। इस प्रकार उपरोक्त विवेचन और विष्लेशण से स्पश्ट है कि परिवादी ने निर्माणकालीन दोश के लिए किसी विषेशज्ञ की रिपोर्ट पेष नहीं की है और समय समय पर परिवादी की षिकायत पर सेल्स इंजीनियर लोकेष, सर्विस इंजीनियर सुषील तथा सर्विस इंजीनियर कपिल माथुर को समय समय पर भेजकर परिवादी की षिकायतों को दूर किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवादी विपक्षीगण का कोई सेवादोश प्रमाणित करने में सफल नहीं हुआ है।   
3    अनुतोश ?
परिवाद खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना अपना खर्चा वहन करेंगे।
                               आदेष  
परिणामतः परिवाद परिवादी बल्लभदास षरडा खारिज किया जाता है। प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृश्टिगत रखते हुए पक्षकारान अपना अपना खर्चा वहन करेंगे।

        (महावीर तंवर)                               (नन्द लाल षर्मा)  
           सदस्य                                        अध्यक्ष


     निर्णय आज दिनंाक 10.11.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

        (महावीर तंवर)                               (नन्द लाल षर्मा)  
           सदस्य                                        अध्यक्ष

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