Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/2086

O I Co - Complainant(s)

Versus

M/s Sonu Battery Service - Opp.Party(s)

A K Srivastav

13 Feb 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/2086
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. O I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Sonu Battery Service
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 13 Feb 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-२०८६/२००६

 

(जिला मंच, बस्‍ती द्वारा परिवाद सं0-१०६/२००२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक   २१-०७-२००६ के विरूद्ध)

 

दी ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0 द्वारा रीजनल आफिस, ४३, जीवन भवन, हजरतगंज, लखनऊ द्वारा रीजनल मैनेजर।             

                                         .............         अपीलार्थी/विपक्षी।  

बनाम्

मै0 सोनू बैटरी सर्विस, महाराजगंज, बस्‍ती द्वारा प्रौपराइटर श्री अकबर अली पुत्र श्री अमानुल्‍लाह, निवासी ओठगनपुर कला, शहर व जिला बस्‍ती।

                                         .............          प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

समक्ष:-

१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  :- श्री आशीष कुमार श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    :- श्री एस0एस0एल0 श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक : १९-०३-२०१८.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील जिला मंच, बस्‍ती द्वारा परिवाद सं0-१०६/२००२ में पारित प्रश्‍नग निर्णय एवं आदेश दिनांक २१-०७-२००६ के विरूद्ध योजित की गई है।

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार वह एक शिक्षित बेरोजगार है। अपने जीविकोपार्जन हेतु परिवार के सदस्‍यों से ऋण ले कर उसने किराए के मकान में बैटरी बनाने एवं बेचने के लिए ‘’ सोनू बैटरी सर्विस ‘’ नाम से दुकान मार्च २००१ में खोली तथा इस दुकान का बीमा अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से चोरी, अग्निकाण्‍ड एवं सेंधमारी के विरूद्ध दिनांक २३-०४-२००१ से २२-०४-२००२ तक की अवधि के लिए बीमित धनराशि ०२.०० लाख रू० के लिए कराया था। परिवादी ने न्‍यू मधुर रेडियोज रोडवेज चौराहा, गॉंधी नगर, बस्‍ती से दिनांक २६-०३-२००१ को ६५,५३०/- रू० एवं दिनांक  १७-०४-२००१ को ७०,०००/- रू० का सामान खरीदा। परिवादी का घर दुकान से सोलह-सत्रह

 

 

 

-२-

किलोमीटर दूर है। वह साईकिल से आता था तथा दुकान करने के बाद सायं ७.० बजे दुकान बन्‍द करके साईकिल से अपने घर वापस चला आता था। दिनांक २७/२८-०९-२००१  की रात्रि में लगभग ११.०० बजे उसकी दुकान में बिजली शॉर्ट सर्किट से आग लग गई जिससे दुकान में रखा सारा सामान जिसमें बैटरी, बैटरी बनाने आदि का सामान कीमती लगभग १,३५,८३०/- रू० तथा कुर्सी-मेज, काउण्‍टर, लकड़ी की अलमारी आदि कीमती लगभग २०,०००/- रू०/- जलकर खाक हो गये। परिवादी ने थाना कप्‍तानगंज में घटना की सूचना दिनांक ३०-०९-२००१ को दी। पुलिस द्वारा जांच की गई तथा आग लगने की पुष्टि की गई। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर को वांछित सूचनाऐं परिवादी द्वारा प्राप्‍त कराई गईं तथा १,५५,०००/- रू० क्षतिपूर्ति हेतु बीमा दावा प्रेषित किया गया किन्‍तु बीमा कम्‍पनी द्वारा क्षतिपूर्ति की अदायगी नहीं की गई। परिवादी द्वारा इस सन्‍दर्भ में नोटिस दिए जाने के बाबजूद क्षतिपूर्ति की अदायगी नहीं की गई। अत: परिवाद जिला मंच के समक्ष क्षतिपूर्ति की मय ब्‍याज अदायगी हेतु योजित किया गया।     

      अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने परिवादी के पक्ष में जारी की गई बीमा पालिसी को स्‍वीकार किया है किन्‍तु अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के कथनानुसार दिनांक २८/२९-०९-२००१ की रात्रि में परिवादी की दुकान में बिजली शॉर्ट सर्किट से कोई आग नहीं लगी क्‍योंकि कथित घटना की सूचना के उपरान्‍त अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा नियुक्‍त सर्वेयर ने सर्वेक्षण के दौरान् यह पाया कि परिवादी की दुकान में बिजली कनेक्‍शन नहीं था। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि परिवादी की दुकान चलती नहीं थी। हमेशा बन्‍द रहती थी। दुकान में सामान नहीं था। असत्‍य कथनों के आधार पर मात्र क्षतिपूर्ति लेने के उद्देश्‍य से झूठा दावा योजित किया गया।

      विद्वान जिला मंच ने प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा परिवादी का दावा आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को निर्देशित किया कि निर्णय की तिथि से ६० दिन के अन्‍दर विपक्षीगण परिवादी को कथित घटना में हुई क्षति की क्षतिपूर्ति में ५०,०००/- रू० में से ०१ प्रतिशत साल्‍वेज चार्ज काटकर अंकन ४९,५००/- रू० तथा २,०००/- रू० परिवाद व्‍यय के अदा करे।

 

 

 

 

-३-

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आशीष कुमार श्रीवास्‍तव तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0एस0एल0 श्रीवास्‍तव के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि विद्वान जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है। उनके द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी ने कथित घटना दुकान में बिजली शॉर्ट सर्किट के कारण घटित होनी बताई है जबकि कथित घटना की सूचना प्राप्‍त करने के उपरान्‍त अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर द्वारा मौके पर जांच की गई। जांच के मध्‍य परिवादी की दुकान की मकान मालकिन का बयान भी अंकित किया गया जिन्‍होंने अपने बयान में यह सूचित किया कि उनकी दुकान में बिजली कनेक्‍शन नहीं था। अत: परिवादी ने जिस प्रकार कथित घटना होनी बताई है वह स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दुकान में कोई व्‍यापार नहीं हो रहा था और दुकान में कोई सामान नहीं था। सर्वेयर द्वारा मांगे जाने के बाबजूद दुकान के व्‍यापार से सम्‍बन्धित कोई अभिलेख सर्वेयर को उपलब्‍ध नहीं कराये और न ही जिला मंच के समक्ष ऐसा कोई अभिलेख प्रस्‍तुत किया जिससे यह प्रमाणित हो कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दुकान में सक्रिय रूप से बैटरी बनाने तथा बैटरी बेचने का व्‍यवसाय हो रहा था।

जहॉं तक परिवादी की प्रश्‍नगत दुकान में बिजली कनेक्‍शन होने का प्रश्‍न है अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा नियुक्‍त सर्वेयर द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या तथा दौरान् सर्वेक्षण दुकान की मकान मा‍लकिन के बयान से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवादी की दुकान में कोई स्‍वीकृत बिजली कनेक्‍शन नहीं था किन्‍तु मात्र इस आधार पर यह स्‍वत: प्रमाणित नहीं माना जा सकता कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दुकान में कोई आग नहीं लगी। कथित घटना की सूचना प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा थाना कप्‍तानगंज, जनपद बस्‍ती में दी गई।

 

 

-४-

थाना द्वारा प्रस्‍तुत आख्‍या अपील मेमो के साथ संलग्‍नक-४ के रूप में दाखिल की गई है जिसमें यह स्‍पष्‍ट रूप से अंकित है कि दिनांक २८/२९-०९-२००१ की रात में लगभग ११.०० बजे विद्युत के शार्ट सर्किट कर जाने से दुकान में आग लग गई। दुकान के अन्‍दर रखी बैटरी व बैटरी बनाने का सामान जल कर नष्‍ट हो गया। आग लगने की जानकारी मकान मालिक श्री राम बुझारत गुप्‍ता को रात्रि ११.३० बजे हुई और मकान मालिक ने पड़ौसियों की मदद से परिवादी की दुकान का ताला तोड़कर तथा दुकान में से बिजली का कनेक्‍शन काटकर दुकान की आग बुझाई थी। सम्‍बन्धित थाने की इस आख्‍या के अवलोकन से परिवादी का यह कथन स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है कि बीमित दुकान में कथित घटना समय बिजली शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई और आग की इस घटना में दुकान में रखा सामान क्षतिग्रस्‍त हुआ। सम्‍भव है परिवादी बिना वैध विद्युत कनेक्‍शन के विद्युत का उपयोग कर रहा हो।

जहॉं तक आग लगने की इस घटना में हुई अनुमानित क्षति का प्रश्‍न है प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने जिला मंच के समक्ष न्‍यू मधुर रेडियोज रोडवेज चौराहा, गॉंधी नगर, बस्‍ती द्वारा जारी की गई रसीदें दिनांक २६-०३-२००१ एवं १७-०४-२००१ दाखिल की हैं। इन रसीदों द्वारा १,३५,५३०/- रू० का सामान क्रय किया जाना दर्शित है तथा न्‍यू मधुर रेडियोज रोडवेज चौराहा, गॉंधी नगर, बस्‍ती के रामविलास गुप्‍ता नाम के व्‍यक्ति का शपथ पत्र भी दाखिल किया है जिसके द्वारा उक्‍त सामान खरीदने की पुष्टि की गई है। प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने सामान खरीदने की रसीद के अलावा प्रश्‍नगत दुकान में व्‍यापार से सम्‍बन्धित अन्‍य कोई अभिलेख दाखिल नहीं किया है। यदि वास्‍तव में प्रत्‍यर्थी/परिवादी की दुकान में सक्रिय रूप से व्‍यापार हो रहा था तब स्‍वाभाविक रूप से व्‍यापारिक गतिविधियों से सम्‍बन्धित अभिलेख प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा जिला मंच के समक्ष दाखिल किए जाते। ऐसी परिस्थिति में विद्वान जिला मंच ने ५०,०००/- रू० अनुमानित क्षति मानते हुए इस धनराशि की अदायगी हेतु आदेशित किया। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि विद्वान जिला मंच ने कथित निर्धारण में कोई तर्कपूर्ण आधार प्रस्‍तुत

 

 

 

 

-५-

नहीं किया है। उनके द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि कथित घटना के सम्‍बन्‍ध में अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा नियुक्‍त सर्वेयर ने अनुमानित क्षति १५,०००/- रू० मानी है। उल्‍लेखनीय है कि सर्वेयर रिपोर्ट की प्रति अपील मेमो के साथ संलग्‍नक-६ के रूप में दाखिल की गई है जिसमें सर्वेयर ने १५,०००/- रू० क्षति आंकलन का भी कोई आधार प्रस्‍तुत नहीं किया है। निर्विवाद रूप से प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रश्‍नगत दुकान में १,३५,५३०/- रू० का सामान क्रय करने से सम्‍बन्धित साक्ष्‍य प्रस्‍तुत की है। निर्विवाद रूप से प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने सामान खरीदने के उपरान्‍त दुकान के व्‍यापार से सम्‍बन्धित कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की है। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से विद्वान जिला मंच ने ५०,०००/- रू० अनुमानित क्षति का आंकलन करके तथा इस क्षति की धनराशि में से साल्‍वेज की धनराशि काटकर शेष धनराशि का भुगतान किए जाने हेतु पारित आदेश अनुचित नहीं माना जा सकता। अपील में बल नहीं है। तद्नुसार अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। जिला मंच, बस्‍ती द्वारा परिवाद सं0-१०६/२००२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २१-०७-२००६ की प‍ुष्टि की जाती है।

      उभय पक्ष इस अपील का व्‍यय-भार अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

 

                                              (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                पीठासीन सदस्‍य

 

                                           

                                                 (गोवर्द्धन यादव)

                                                    सदस्‍य

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-३.

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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