Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/646

O I Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

M/S Singh Automobile - Opp.Party(s)

V S Singh

11 Mar 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/646
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. O I Co. Ltd.
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S Singh Automobile
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                         (सुरक्षित)

अपील संख्‍या :646/2006

(जिला मंच, बहराइच द्धारा परिवाद सं0 162/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.02.2006 के विरूद्ध)

1        Oriental Insurance Co. Ltd. Registered Office at Oriental House Post Box No. 7037A 25-27 Ashaf Ail Road, New Delhi.

2        The Oriental Insurance Co. Ltd. Branch Gonda Road Bahraich through Branch Manager.

3        Z.U.K. Abbasi Branch Manager, The Oriental Insurance Co.Ltd. Branch Gonda Road Behraich.

                                   ........... Appellants/Opp.Parties.

Versus       

1        M/s Singh Automobiles 75-B, Civil Lines Behraich through Proprietor Sri Satya Narain Singh adult son of Sri Pateshwari Singh R/o 75B Civil Lines Raipur, Raja City and District Bahraich.

2        Sri Satya Narain Singh adult son of Sri Pateshwari Singh resident of 75-B, Civil Lines City and District Bahraich.

  1. Respondent/Complainant                                 

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता      :   कोई नहीं

प्रत्‍यर्थी  के अधिवक्‍ता       :   श्री वी0एस0 सिंह

दिनांक 02-7-2015

          मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय    

     परिवाद संख्‍या-162/2003 मेसर्स सिंह आटोमोबाईल्‍स व अन्‍य बनाम दि ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व अन्‍य में जिला मंच, बहराइच द्वारा दिनांक 08.02.2006 को निर्णय पारित करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया कि,

"परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकारकिया जाता है एवं उन्‍हें यह आदेशित किया जाता है कि वे इस निर्णय की दिनांक से 30 दिन के अन्‍दर परिवादीगण को चोरी गई दोनों मोटर साइकिल का बीजक मूल्‍य रू0 80559.00 परिवाद प्रस्‍तुत करने के दिनांक 18.7.2003 से वास्‍तविक अदायगी के दिनांक तक 08 प्रतिवर्ष ब्‍याज एवं रू0 1000.00 वाद व्‍यय सहित अदा करें।"

-2-

उपरोक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी/अपीलार्थी पक्ष की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी की ओर से बहस के समय कोई उपस्थित नहीं आया तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 सिन्‍ह उपस्थित आये। यह प्रकरण वर्ष-2006 से पीठ के समक्ष विचाराधीन है। अत: पीठ द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार परिवादीगण ने दिनांक 02.9.2002 को विपक्षीगण से रू0 29,00,000.00 मूल्‍य की मशीन, टूल्‍स, कम्‍प्‍यूटर, मानीटर आदि तथा स्‍पेयर पार्टस एवं एल.एम.एल. स्‍कूटर/मोटर साइकिल जो उनके शोरूम/वर्कशाप में रखी जाती है का बीमा प्रीमियम रू0 10,075.00 देकर कराया एवं विपक्षी सं0-2 के विकास अधिकारी श्री घनश्‍याम तिवारी की ओर से दो कवर नोट क्रमांक 624757 एवं 32896 दिनांक 02.9.2002 को निर्गत किये गये। कवर नोट सं0-624757 शोरूम/वर्कशाप में रखी गई मोटर साइकिल/स्‍कूटर आदि की चोरी के सम्‍बन्‍ध में था, जो दिनांक 02.9.2002 से 01.9.2003 तक वैध था, इस कवर नोटिस से सम्‍बन्धित विपक्षीगण की ओर से पालिसी क्रमांक 46/2003/210 निर्गत की गई। यह बीमा रू0 9,00,000.00 के मूल्‍य की मोटर साइकिल/स्‍कूटर आदि का था। दिनांक 5/6.11.2002 की मध्‍य की रात्रि में परिवादीगण के शोरूम/वर्कशाप से चोरो द्वारा चैनल का ताला काटकर दो नई मोटर साइकिल चोरी कर ले गये, जिसकी सूचना दिनांक 06.11.2002 को थाना कोतवाली देहात बहराइच पर परिवादी सं0-2 के द्वारा अंकित कराई गई, जिसमें पुलिस द्वारा विवेचना के पश्‍चात अंतिम आख्‍या प्रस्‍तुत की गई और चोरी की सूचना विपक्षीगण को दी एवं बीमा दावा सम्‍बन्‍धी समस्‍त प्रपत्र बीमा कम्‍पनी के समक्ष प्रस्‍तुत किये गये, तत्‍पश्‍चात बीमा कम्‍पनी द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त किया गया, जिनके द्वारा चोरी गई मोटर साइकिल का बीजक मूल्‍य 79,989.00 ऑकलित किया गया एवं इसकी 75 प्रतिशत धनराशि रू0 59,992.00 परिवादीगण को दिये जाने की अनुसंशा इस आधार पर की कि परिवादीगण के द्वारा चोरी गई दोनों मोटर साइकिल में उनकी चाभियॉ संलग्‍न थी, जिसे परिवादीगण द्वारा अस्‍वीकार कर दिया गया और बीजक मूल्‍य के अनुसार भुगतान नहीं किया गया। अत: परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध अनुतोष प्राप्‍त किये जाने हेतु परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।

 

-3-

विपक्षीगण की ओर से जिला मंच के समक्ष अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत कर यह अभिवचित किया गया कि सर्वेयर की आख्‍या के अनुसार विपक्षीगण के द्वारा परिवादीगण को केवल रू0 59,992.00 देना इस आधार पर प्रस्‍तावित किया गया है कि परिवादीगण ने चोरी गई मोटर साइकिल की चाभियॉ उन्‍हीं मोटर साइकिल में संलग्‍न रखी एवं इसके अतिरिक्‍त अलग से कोई स्‍टाक पंजिका उन वाहनों की नहीं रखी जो वर्कशाप में रखे जाते हैं।

उभय पक्ष के अभिवचन एवं तर्कों पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा प्रश्‍नगत उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील योजित है।

यह पाया जाता है कि प्रश्‍नगत वाहन चोरी चले गये। दोनों मोटर साइकिल का बीजक मूल्‍य रू0 80,559.00 मय ब्‍याज के परिवादी बीमा कम्‍पनी से पाने का अधिकारी है। इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा दिये गये निष्‍कर्ष में किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है।

अत: अपील खण्डित किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील खण्डित की जाती है।

     इस निर्णय/आदेश की एक-एक सत्‍य प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाय।

 

          (जे0एन0 सिन्‍हा)                    (बाल कुमारी)

              पीठासीन सदस्‍य                       सदस्‍य

हरीश आशु., 

कोर्ट सं0-4

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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