Laxmandas ambwani filed a consumer case on 18 Jan 2016 against M/S Simi Light House, Nikhil panjwani, Prop. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/153/2014 and the judgment uploaded on 20 Jan 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 153 /14
लक्ष्मणदास अम्बवानी पुत्र बादशाह राम अम्बवानी जाति सिन्धी निवासी 1-ख-7, विज्ञान नगर, कोटा। -परिवादी।
बनाम
श्री निखिल पंजवानी, मैसर्स सीमा लाईट हाउस, 7-डी, न्यू काॅलोनी, मल्टीपरपज स्कूल के सामने, गुमानपुरा, कोटा राजस्थान, जरिये प्रोपराईटर। -विपक्षी
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
महावीर तंवर - सदस्य
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 श्री जगदीश मेहरा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 विपक्षी के खिलाफ एक तरफा कार्यवाही।
निर्णय दिनांक 18.01.16
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह दोष बताया है कि दिनांक 16.03.13 को उससे जरिये बिल सं. 13 दस हजार रूपये अदा करके ओरियन्ट कंपनी के 48 इंच के दो पंखें खरीदे थे, जिनकी दो वर्ष की वारंटी दी गई थी, लेकिन खरीदने के बाद से ही पंखें ठीक तरह से नही चले, खराब हो गये, जिसकी लगातार विपक्षी को शिकायत की गई। उसने बार-बार बदलने का आश्वासन दिया लेकिन पंखे बदलकर नहीं दिये । विपक्षी को अभिभाषक के जरिये कानूनी नोटिस भेजा गया उसके बावजूद पंखें न ही बदले न ही उनकी कीमत अदा की, इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से परिवाद का नोटिस भेजा गया। विधिवत तामील होने के बावजूद विपक्षी उपस्थित नहीं हुआ और न ही उसकी ओर से कोई जवाब पेश हुआ, इसलिये उसके विरूद्ध एक-पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये ।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा पंखें खरीद बिल की फोटो प्रति, विपक्षी को पे्रषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद-आदि दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं।
हमने परिवादी के अभिभाषक की एक-पक्षीय बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी ने खरीद किये पंखों के बारे में केवल यह दोष बताया है कि वे ठीक से नही चलें, खराब हो गये। यह खुलासा नहीं किया है कि क्या खराबी हुई थी ?पंखों की खराबी को सिद्ध करने के लिये किसी विशेषज्ञ/ मेकेनिक की कोई जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की ह,ै जो आवश्यक थी। यदि परिवादी का यह आशय है कि पंखों में कोई निर्माणदोष है तब उसके लिये निर्माता ही उत्तदायी हो सकता है, विपक्षी केवल विक्रेता है। निर्माता को पक्षकार ही नहीं बनाया गया है। इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी विपक्षी का दोष सिद्ध करने में पूरी तरह विफल रहा है, इसलिये परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 18.01.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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