Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/45/2015

Smt. Adeesh Kumar Jain - Complainant(s)

Versus

M/s Shri Shiv Archana Jewellers & Bakers - Opp.Party(s)

04 Sep 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/45/2015
 
1. Smt. Adeesh Kumar Jain
R/o Moh. Abdulla Near Jain Mandir Tehsil & Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. M/s Shri Shiv Archana Jewellers & Bakers
Add: Gandhi Ashram Road, near Paid Ka Bazar, Tehsil & Distt. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि उसके द्वारा विपक्षी से खरीदे गये सोने के आभूषण की अशुद्धता की मद में 2,000/- रूपया तथा ग्राइंडिग व पालिश के नाम पर वसूले गऐ 1,556/- रूपया विपक्षी से दिलाऐ जाऐं। मान सम्‍मान की क्षतिपूर्ति हेतु 50,000/- रूपया, मानसिक कष्‍ट की मद  में 20,000/- रूपया तथा परिवाद व्‍यय अतिरिक्‍त दिलाऐ जाने की प्रार्थना परिवादी ने की है।   
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 23/10/2014 को  विपक्षी से उसने सोने की एक अंगूटी वज़नी 6 ग्राम तथा सोने की एक जंजीर वज़नी 4.920 क्रमश: 19,575/- रूपये एवं 14,998/- रूपये में खरीदी थी। अंगूठी और जंजीर के मूल्‍य में ग्राइडिंग व पालिश के रूप में विपक्षी ने  क्रमश: 1282/- रूपया एवं 981/- रूपया परिवादी से चार्ज किये जो इन  आभूषणों के कुल मूल्‍य में शामिल थे। परिवादी ने आभूषणों की कुल  कीमत 34,573/- रूपया का  भुगतान  विपक्षी  को चैक  द्वारा किया। विपक्षी  ने परिवादी को रसीद दी। परिवादी के अनुसार उपरोक्‍त आभूषण बेचते समय विपक्षी ने  परिवादी को बताया था कि इनमें सोने की शुद्धता 91.60 प्रतिशत है। अंगूठी व जंजीर काली पड़ने पर परिवादी ने विपक्षी से शिकायत की और सोने की  शुद्धता पर असंतोष जताया तो विपक्षी ने चुपचाप अंगूठी व जंजीर वापिस ले  ली। दिनांक 25/11/2014 को  विपक्षी ने अंगूठी की कीमत 19,580/- रूपया परिवादी को नकद वापिस कर दी। दिनांक 15/12/2014 को पुरानी जंजीर के बदले विपक्षी ने परिवादी को दूसरी जंजीर दे दी जिसका वज़न 7.880 ग्राम था अर्थात् यह जंजीर पुरानी जंजीर के मुकाबले वज़न में 2.96 ग्राम अधिक थी। इस अधिक वज़न सोने का मूल्‍य 8,225/- रूपया तथा ग्राइडिंग और पालिश के 575/- रूपया इस प्रकार कुल 8,800/- रूपया परिवादी ने विपक्षी को अतिरिक्‍त  अदा कर दिऐ जिसकी विपक्षी ने दिनांक 15/12/2014 को कैश मीमो परिवादी को दी परिवादी का आरोप है कि जंजीर की शुद्धता की पुष्टि हेतु दिनांक 13/01/2015 को उसने कैलीब्रेशन प्रयोगशाला में जॉंच कराई तो जंजीर में सोने की शुद्धता 86.86 प्रतिशत पाई गई जबकि विपक्षी ने सोने की शुद्धता 91.60  प्रतिशत बताई थी। परिवादी का कथन है कि  विपक्षी का उक्‍त  कृत्‍य अनुचित व्‍यापार प्रथा एवं सेवा में कमी के अन्‍तर्गत आता है। परिवादी का यह भी  कथन है कि चॅूंकि विपक्षी ने बनी बनाई चीजें बेची थी अत: ग्राइडिंग व पालिशिंग के नाम से परिवादी से 1,556/- रूपया अवैध रूप से विपक्षी से वसूले हैं। परिवादी के अनुसार जब उसने विपक्षी से शिकायत की और अन्‍तर की धनराशि की मांग की तो विपक्षी आग बवूला हो गया और  परिवादी को उसने अभद्र व्‍यवहार करके दुकान से निकाल दिया। परिवादी ने  उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.    फोरम के आदेश दिनांक 27/05/2015 द्वारा विपक्षी पर  तामीला पर्याप्‍त  मानी गई।  विपक्षी की  ओर  से  कोई  उपस्थित नहीं हुऐ अत: परिवाद  की  सुनवाई एकपक्षीय किऐ  जाने के  आदेश हुऐ
  4.   परिवाद के समर्थन में  दाखिल शपथ  पत्र के साथ परिवादी ने  सोने की अंगूठी  और सोने की जंजीर विपक्षी से खरीदे जाने की  रसीद दिनांक23/10/2014, इस जंजीर के बदले अधिक वज़न की दिनांक 15/12/2014 को विपक्षी से खरीदी गई  सोने की दूसरी जंजीर की रसीद, जंजीर के एस्‍टीमेट, जंजीर में सोने की शुद्धता सम्‍बन्‍धी कैलीब्रेशन प्रयोगशाला की रिपोर्ट कागज सं0-3/9 लगायत 3/12, विपक्षी को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 09/02/2015  तथा इस नोटिस  के विपक्षी  को डिलिवर  हो  जाने सम्‍बन्‍धी  रिपोर्ट को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/14 हैं।
  5.   एकपक्षीय साक्ष्‍य  में  परिवादी ने  अपना साक्ष्‍य शपथ  पत्र कागज सं0- 7/1 लगायत 7/3  दाखिल किया। परिवादी ने  लिखित बहस  भी  दाखिल की।
  6.   हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता  के  तर्कों को  सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  7.   पत्रावली में अवस्थित प्रपत्रों कागज सं0-3/6 लगायत 3/14 एवं  परिवादी  के  साक्ष्‍य  शपथ  पत्र  कागज  सं0-7/1  लगायत 7/3  के  माध्‍यम से  परिवादी ने  परिवाद  कथनों  को एकपक्षीय  सिद्ध  किया  है।
  8.   नकल  रसीद  कागज  सं0-3/6  से  प्रकट  है  कि  दिनांक 23/10/2014  को  परिवादी  ने  सोने   की  एक  अंगूठी और  एक  जंजीर  कुल 34,573/-  रूपये में  विपक्षी से  खरीदी थी।  कागज सं0-3/6  की पुश्‍त  पर  अंकित इबारत से  प्रमाणित  है  कि  परिवादी ने  अंगूठी दिनांक 02/11/2014 विपक्षी को  वापिस कर  दी  और उसका मूल्‍य  विपक्षी ने परिवादी को वापिस कर दिया। नकल  रसीद कागज सं0-3/7 से  प्रकट है  कि  परिवादी ने दिनांक 23/10/2014 को  खरीदी गई  सोने  की  जंजीर के  बदले में कुछ  अधिक वज़न की सोने की  दूसरी जंजीर विपक्षी सं0-2 से खरीदी थी।  कैलीब्रेशन रिपोर्ट कागज सं0-3/9 लगायत 3/12  के  अनुसार रसीद कागज सं0-3/7  के माध्‍यम  से  परिवादी को  बेची गई  सोने की जंजीर में टेस्टिंग के आधार पर  सोना केवल 86.86 प्रतिशत पाया गया। परिवादी ने  अपने साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-7/1  लगायत 7/3  के पैरा सं0-3  में  यह स्‍पष्‍ट  उल्‍लेख  किया गया  है  कि  विपक्षी ने जंजीर में  सोने  की शुद्धता 91.60  प्रतिशत बताई थी। रसीद की नकल कागज सं0-3/5  व3/7 के मार्जिन पर भी  इस बात  का उल्‍लेख  है  कि सोने के  आभूषण में  सोने की  मात्रा 91.60  प्रतिशत है।
  9.   उपरोक्‍त  तथ्‍यों  से  परिवादी के  यह  आरोप प्रमाणित हैं  कि  विपक्षी ने  कम  शुद्धता की सोने की जंजीर परिवादी को बेची और  ऐसा  करके उसने अनुचित व्‍यापार प्रथा अपनाई।
  10.   कैलीब्रेशन रिपोर्ट के  अनुसार जंजीर में सोने की  शुद्धता  4.75  प्रतिशत कम  पाई  गई।  हमारे मत  में अशुद्धता का  मूल्‍य  2,000।- रूपया परिवादी को  दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। जंजीर की ग्राइडिंग व पालिशंग की  मद  में  परिवादी को कोई  धनराशि वापिस दिलाया जाना हम  उपयुक्‍त  नहीं समझते  क्‍योंकि सोने के आभूषणों के व्‍यापार में पारम्‍परिक रूप से ग्राइडिंग और  पालिशिंग की  मद  में  दुकानदार यथोचित धनराशि चार्ज करते हैं। सोने/चाँदी के  आभूषणों का  व्‍यापार विश्‍वास  पर  आधारित होता है। विपक्षी ने  कम शुद्धता की जंजीर बेचकर एक  ओर जहां परिवादी के  विश्‍वास  को तोड़ा है वहीं दूसरी ओर  अनुचित व्‍यापार प्रथा अपनाई है। अब समय आ गया है  ऐसे व्‍यक्तियों के साथ सख्‍ती से निपटा जाय जो उपभोक्‍ताओं के साथ धोखा करते हों  और  अनुचित व्‍यापार प्रथा  अपनाते हों। हमारे मत  में विपक्षी से परिवादी को एकमुश्‍त  50,000/- (पचास हजार रूपया केवल) प्रतिपूर्ति हेतु दिलाया जाना न्‍यायोचित एवं पर्याप्‍त होगा।तदानुसार परिवाद सव्‍यय  एकपक्षीय  स्‍वीकार  होने  योग्‍य  है।

 

 

   परिवाद  योजित  किऐ  जाने   की  तिथि से वसूली  की  तिथि तक  की  अवधि  हेतु  9  प्रतिशत  वार्षिक की  दर  से  ब्‍याज  सहित  52,000/- (बाबन हजार रूपये केवल) की  वसूली हेतु यह  परिवाद परिवादी के  पक्ष में  विपक्षी के  विरूद्ध एकपक्षीय सव्‍यय  स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से  परिवाद व्‍यय  की  मद  में  2,500/- (दो  हजार पाँच सौ  रूपये) अतिरिक्‍त  पाने का भी  अधिकारी होगा। इस  आदेशानुसार परिवादी को धनराशि का भुगतान एक माह  में  किया जाये।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     04.09.2015           04.09.2015        04.09.2015

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 04.09.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     04.09.2015           04.09.2015        04.09.2015

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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