( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :80/2019
दीपक पुत्र श्री राजेन्द्र सिंह निवासी गॉंव खंडवाया पोस्ट आफिस शिकारपुर, जिला बुलन्दशहर।
बनाम्
मैसर्स संजीवनी कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री स्थित ग्राम रानऊ (मेरठ बदायू हाईवे) पोस्ट शिकारपुर, जिला बुलन्दशहर द्वारा प्रोपराइटर डा0 तेजपाल सिंह।
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री सुशील कुमार शर्मा।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री संजय कुमार वर्मा।
दिनांक : 05-12-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-19/2014 दीपक बनाम मैसर्स संजीवनी कोल्ड स्टोरेज एण्ड आईस फैक्ट्री में जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 19-11-2018 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
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जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के परिवादी की ओर से यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में दिनांक 18-03-2013 को 55 बोरे आलू किस्म चिपसोना बीज किराये पर भंडारित किये थे। परिवादी का उपरोक्त आलू विपक्षी कोल्ड स्टोरेज की लापरवाही से गलकर नष्ट हो गया जिस कारण वह खेत की बुआई समय से नहीं कर पाया। परिवादी ने विपक्षी से उक्त आलू खराब होने की शिकायत की, जिस पर विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया। परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 21-12-2013 को कानूनी नोटिस भेजा जिसका कोई जवाब विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया और न ही आलू की कीमत ही अदा की गयी, जो कि विपक्षी के स्तर से सेवा में घोर कमी है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवाद के कथनों का खण्डन किया गया और यह कथन किया गया कि परिवादी ने उनके यहॉं दिनांक 18-03-2013 को 55 बोरी आलू शीतगृत में भण्डारित किया था जो चिपसोना किस्त का नहीं था बल्कि उक्त आलू साधारण किस्म का छोटा आलू बीज था। उक्त आलू का किराया प्रति बोरी 110/-रू0 का था और आलू की निकासी दिनांक 31-10-2013 तक नियत थी। परिवादी जब दिनांक 27-10-2013 को अपना उक्त आलू लेने विपक्षी के यहॉं आया तो परिवादी का आलू निकलवाया गया जिसमें 10-15 प्रतिशत की ही क्षति हुई थी तथा आलू
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बोने लायक था किन्तु परिवादी ने आलू लेने से इंकार कर दिया। उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का भली-भॉंति परिशीलन करने के उपरान्त विपक्षी कोल्ड स्टोरेज की सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी न पाते हुए परिवाद निरस्त कर दिया है और परिवादी को सक्षम सिविल न्यायालय/प्राधिकारी के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किये जाने हेतु नियमानुसार वापस कर दिया है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा उपस्थित।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश निरस्त किया जावे।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के पश्चात विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है। अत: अपील निरस्त की जावे।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं
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आदेश का गहनतापूर्वक विश्लेषण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1