Uttar Pradesh

StateCommission

A/2846/2018

Grijesh Srivastava - Complainant(s)

Versus

M/S Rohan Motors - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

21 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2846/2018
( Date of Filing : 24 Dec 2018 )
(Arisen out of Order Dated 06/11/2018 in Case No. C/328/2014 of District Ghaziabad)
 
1. Grijesh Srivastava
Ghaziabad
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S Rohan Motors
Ghaziabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Mar 2023
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2846/2018

(जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-328/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.11.2018 के विरूद्ध)

                                    

ग्रिजेश श्रीवास्‍तव पुत्र ए0पी0 श्रीवास्‍तव, निवासी एफ-3, प्‍लाट नं0-292 सेक्‍टर 4, वैशाली गाजियाबाद।

अपीलार्थी/परिवादी

                                               बनाम        

1.    मैसर्स रोहन मोटर्स लि0, 432 मुकुन्‍द नगर गाजियाबाद।

2.    मैसर्स मारूति सुजुकी इंडिया लि0, रजिस्‍टर्ड आफिस प्‍लाट नं0-1 नेलसन मंडेला बसन्‍त कुंज, नई दिल्‍ली-70 ।

       प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार , सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री अखिलेश त्रिवेदी,

                                                      विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित    : श्री अंकित श्रीवास्‍तव, विद्वान

                                                         अधिवक्‍ता के सहयोगी अधिवक्‍ता

                                                          श्री आदित्‍य श्रीवास्‍तव।

दिनांक:   09.05.2023

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-328/2014, ग्रिजेश श्रीवास्‍तव बनाम मैसर्स रोहन मोटर्स लि0 तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, गायिजाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 6.11.2018 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवादी के वाहन में उत्‍पाद संबंधी त्रुटि न होने के कारण परिवाद को खारिज कर दिया।

2.         इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विद्वान जिला आयोग ने तथ्‍य एवं साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय पारित किया है। यथार्थ में वाहन में उत्‍पादन संबंधी त्रुटि के संबंध में साक्ष्‍य दी गई थी, परन्‍तु विद्वान जिला आयोग ने इस साक्ष्‍य पर कोई विचार नहीं किया।

3.         अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 के विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अपीलार्थी एंव प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-2 से एक मारूति वैगन आर दिनांक 30 जून 2013 को क्रय की थी। क्रय करने के बाद सेन्‍सर से संबंधित कमी आई, जिसे विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा सही कर दिया गया, परन्‍तु वाहन में पुन: कमी आ गई। परिवादी से क्रमश: 1517/-रू0 एवं 2882/-रू0 लिए गए। फिर भी वाहन ने काम नहीं किया, जिससे साबित है कि उत्‍पाद संबंधी त्रुटि मौजूद है।

5.         प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि यथार्थ में उत्‍पादन संबंधी त्रुटि मौजूद नहीं है। वाहन में जो भी कमी आई, उसे दुरूस्‍त कर दिया गया।

6.         विद्वान जिला आयोग ने उत्‍पादन संबंधी त्रुटि के संबंध में यह निष्‍कर्ष दिया है कि केवल वाहन क्रय करने से संबंधित दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किए गए हैं। किसी भी विशेषज्ञ साक्षी से इस आशय की रिपोर्ट प्राप्‍त नहीं की गई है कि वाहन में उत्‍पादन संबंधी कमी है। परिवादी द्वारा वाहन दिनांक 30 जून 2013 को क्रय किया गया और दिनांक 04.03.2014 को वाहन के सेन्‍सर की मरम्‍मत कराई गई और उसके पश्‍चात दिनांक 11.03.2014 को मरम्‍मत कराई गई। परिवादी से मरम्‍मत कराने की धनराशि प्राप्‍त की गई है, जबकि इस अवधि के दौरान गारण्‍टी अवधि मौजूद थी, इसलिए गारण्टी अवधि के दौरान परिवादी से किसी प्रकार की धनराशि वसूल नहीं की जा सकती थी। अत: इस धनराशि को ब्‍याज सहित अदा करने तथा परिवाद खर्च अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था, परन्‍तु यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है कि निर्माण संबंधी कोई त्रुटि पत्रावली में मौजूद नहीं है, क्‍योंकि निर्माण संबंधी त्रुटि पर निष्‍कर्ष देने के लिए यांत्रिक इंजीनियर की इस आशय की साक्ष्‍य मौजूद होना आवश्‍यक है कि वाहन दुरूस्‍त होने योग्‍य नहीं है, क्‍योंकि इसमें निर्माण संबंधी त्रुटि मौजूद है। इस आशय की कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है, केवल दो बार वाहन में खराबी आने के कारण वाहन में निर्माण सबंधी त्रुटि नहीं मानी जा सकती और सम्‍पूर्ण वाहन को बदलने या इसका मूल्‍य वापस लौटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता। अत: उपरोक्‍त विवेचना के अनुसार परिवादी विपक्षीगण से अंकन 1517/-रू0 एवं अंकन 2882/-रू0 कुल 4399/-रू0 की राशि परिवादी से प्राप्‍त किए जाने की तिथि से भुगतान करने की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज की दर से प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। इसी प्रकार चूंकि परिवादी को उपभोक्‍ता परिवाद दायर करना पड़ा और उसके बाद अपील प्रस्‍तुत करने के लिए बाध्‍य होना पड़ा। अत: इस मद में अंकन 25 हजार रूपये भी प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.         प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रत्‍यर्थीगण को एकल एवं संयुक्‍त दायित्‍व के तहत निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को अंकन 4399/-रू0 परिवादी से प्राप्‍त किए जाने की तिथि से भुगतान किए जाने की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज की दर से इस निर्णय एवं आदेश की तिथि से 03 माह के अंदर अदा करें। यदि 03 माह के अंदर उपरोक्‍त राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तब इस राशि पर 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज देय होगा।

           प्रत्‍यर्थीगण को एकल एवं संयुक्‍त दायित्‍व के तहत निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को अंकन 25 हजार रूपये परिवाद व्‍यय एवं अपीलीय व्‍यय के रूप में 03 माह के अंदर अदा करें। यदि 03 माह के अंदर उपरोक्‍त राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तब इस राशि पर भी 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज देय होगा।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

   (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

     सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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