Rajasthan

Kota

CC/205/2008

Nobal Grain India Pvt. ltd. - Complainant(s)

Versus

M/S Ramaredy Packaging Innovesons - Opp.Party(s)

Narpat singh rajawat

07 Jan 2016

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा।

पीठासीन अधिकारी:-श्री नन्दलाल षर्मा,अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।

 

प्रकरण संख्या-205/2008

           

नोबेल ग्रेन इण्डिया प्रा0 लि0 (फोरमलीनोन ऐज सिद्धार्थ सोया प्रा0 लि0 कोटा सुल्तानपुर रोड़ ग्राम ताथेड़ जिला कोटा जर्ये अधिकृत प्रतिनिधि वी0एस0माथुर उप महाप्रबन्धक (प्रषासक) नोबल ग्रेन इण्डिया प्रा0 लि0 ताथेड जिला कोटा (राज0)।

                                                         -परिवादी।

                         बनाम 

 

1          मे0 रामारेडी पैकेजिंग इनोवेसन्स, यूनिट नंबर 21,माल्लापुर इंडस्ट्रियल स्टेट हैदराबाद-500 076

2          के0 एल0 एन0 कृश्णा रेड्डी डायरेक्टर मार्केटिंग,मेसर्स रामारेडी पैकेजिंग इनोवेसन्स, माल्लापुर इंडस्ट्रियल स्टेट हैदराबाद-500 076

                                                     -विपक्षीगण।

 

     परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

 

उपस्थिति-

 

1          श्री नरपत सिंह राजावत,अधिवक्ता ओर से परिवादी।

2          श्री महेष कुमार षर्मा,अधिवक्ता ओर से विपक्षीगण।                                       

                

                  निर्णय                 दिनांक 07.01.2016         

 

यह पत्रावली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, कोटा में पेष की गई तथा निस्तारण हेतु जिला मंच झालावाड केम्प कोटा को प्राप्त हुई है।

 

      प्रस्तुत परिवाद ब्च् ।बज 1986 की धारा 12 के तहत दिनांक 03-05-2008 को इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी कम्पनी खाद्य तैल का निर्माण कर उसको पैकिंग बनाकर बाजार में विक्रय करती है। परिवादी कम्पनी को एक लीटर के पाउच का निर्माण करने वाली मषीन की आवष्यकता थी। परिवादी कम्पनी को विपक्षीगण का एक प्रस्ताव मय कोटेषन के दिनंाक 09-09-2006 को प्राप्त हुआ और उसे क्रय करने का आर्डर दिनंाक 11-09-2006 को किया। आॅर्डर में यह कंडीषन थी कि मषीन की डिलेवरी एक माह के भीतर दी जावेगी तथा

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मषीन का कुल भुगतान 5,75,000/-रूपये था जिसमें से 40ः राषि एडवांस,50ः राषि परफोरमा इनवाईस तथा 10ः राषि मषीन के सुचारू रूप से चलने पर तीन माह में दी जावेगी। इस प्रकार परिवादी कम्पनी ने 90ः राषि का भुगतान कर दिया है। विपक्षी की मषीन परिवादी कम्पनी को दिनंाक 26-11-2006 को एक माह देरी से आयी तथा 15 दिन बाद इंजीनियर मषीन के इंस्टालेषन के लिए आया। इंस्टालेषन के बाद मषीन को उपयोग में लिया तो वह दोशपूर्ण निकली और मषीन से बने पाउच में कमी होने से परिवादी कम्पनी को 23,546 रूपये 35 पैसे का रिप्लेसमेंट डीलर्स को करना पडा। परिवादी कम्पनी ने मषीन के संचालन हेतु विपक्षी कम्पनी के निर्देषानुसार 21,538 रूपये 40 पैसे का स्टेपलाइजर भी क्रय करके अपने परिसर में लगाया। विपक्षी के इंजीनियर के कहने पर परिवादी कम्पनी ने थ्री फेज का स्टेपलाइजर क्रय करके लगाया है और पूर्व में क्रय किया गया स्टेपलाइजर बेकार हो गया और वापिस नहीं हुआ जिससे 21,538/-रूपये का नुकसान हो गया। परिवादी कम्पनी ने विपक्षी कम्पनी को मषीन बदलने के लिए कई पत्र लिखे लेकिन मषीन को बदलकर नहीं दिया गया है। विपक्षीगण का यह कृत्य सेवामें कमी की श्रेणी में आता है। परिवादी कम्पनी ने विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति के तौर पर कुल 6,09,922/-रूपये दिलाने का अनुतोष चाहा है।

                                                                                                                                                                                                                                                             

     विपक्षीगण ने परिवाद का यह जवाब दिया है कि परिवादी कम्पनी के साथ फोन पर डिस्कसन हुआ था जिसके आधार पर विपक्षीगण ने प्रस्ताव प्राप्त किया था। परिवाद में 90ः राषि पेमेण्ट करने की बात गलत अंकित की है, पेमेंट अभी भी बकाया है और पूर्ण पेमेण्ट किये बिना परिवादी मंच से कोई सहायता प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। इसके अलावा माल के रिप्लेसमेंट का कोई वाउचर पेष नहीं किया गया है। परिवादी कम्पनी द्वारा मषीन के सुचारू रूप से संचालन होने व उससे संतुश्ट होने के बाद ही मषीन की डिलेवरी ली गई है और उस मषीन का उपयोग वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ किया जा रहा है। जवाब के विषेश कथनों में यह उल्लेख किया है कि परिवादी कम्पनी में मषीन को आॅपरेट करने के लिए कोई टेंªड

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आॅपरेटर नहीं है तथा मषीन का आवष्यक रख रखाव नहीं किया गया। मषीन प्राप्त करते समय परिवादी को बताया गया था कि 6 से 8 घण्टे लगातार चलने के बाद मषीन में टेफलोन टेप्स चेंज करना अत्यावष्यक है जिसे चंेज नहीं किया गया जिससे मषीन बार बार खराब हो जाती है। परिवादी कम्पनी ने मषीन को वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ क्रय किया है अतः वह उपभोक्ता की परिभाशा में नहीं आता है अतः परिवादी सव्यय निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई है।

 

ने परिवाद पत्र में असत्य तथ्यों का समावेष कर सत्यता को छुपाया है। परिवादी को समझौता समिति के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए था। विपक्षीगण ने कोई सेवामें कमी नहीं की है। परिवादी कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है।

    परिवाद के समर्थन में परिवादी ने किसी का षपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया है लेकिन प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.2 दस्तावेज तथा विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में श्री के0 कृश्णा रेड्डी,आॅथराईज्ड सिग्नेटरी का षपथपत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्गक.1 लगायत म्गक.2 दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं।

 

   उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-

1          क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?

 

    परिवादी का परिवाद,विपक्षीगण का जवाब,दस्तावेजात की फोटो काॅपी आदि के आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता प्रमाणित पाया जाता है।

2          क्या विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है ?

 

    उभयपक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादी का मुख्य तर्क है कि विपक्षीगण द्वारा विक्रय की गई मषीन षर्तानुसार वह विधिवत काम नहीं करती थी जिसकी षिकायत विपक्षीगण को कई बार की गई लेकिन न तो मषीन बदली और न ही दुरूस्त की गई। उक्त तर्कों के खण्डन में

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विपक्षीगण ने निवेदन किया है कि जब जब भी परिवादी ने षिकायत की तब तब ही विपक्षीगण का सर्विस इंजीनियर भेजा और मषीन को दुरूस्त कराया और परिवादी को हिदायत दी कि तुम्हारा एक व्यक्ति हमारे पास आॅपरेटर की टेªनिंग के लिए भेजो और टेªण्ड आॅपरेटर ही मषीन को आॅपरेट करे लेकिन परिवादी ने ऐसा नहीं किया। छः से आठ घंटे तक मषीन को लगातार चलाने पर टेफलोन टेप्स मषीन में चेंज करना आवष्यक है। उसे परिवादी ने चेंज नहीं किया जिससे मषीन बार बार खराब होती है। हमारे सर्विस इंजीनियर ने इस तथ्य को भी बता दिया लेकिन पार्ट समय पर चेंज नहीं किया गया। इसके अलावा विद्युत की सप्लाई नियमित नहीं होने के कारण भी बार बार मषीन खराब हो जाती है क्योंकि वोल्टेज डाउन होते थे, इन तथ्यों का खंडन परिवादी द्वारा नहीं किया गया है ओर मषीन में क्या खराबी थी इसकी कोई विषेशज्ञ रिपोर्ट भी पेष नहीं की है ऐसी अवस्था में हमारे विचार से परिवादी विपक्षीगण का सेवादोश प्रमाणित करने में सफल नहीं हुआ है। विपक्षी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृश्टान्त प्प्प्.;2012द्ध ब्च्श्र.43 ;छब्द्ध ज्ञत्प्ैभ्छ। ज्ञछप्ज्ै टध्ै  ैन्छप्स् ठन्ज्।छप् - ।छत्ण् से इस बिन्दु पर प्रकाष प्राप्त होता है। परिणामतः विपक्षीगण का सेवादोश प्रमाणित नहीं हुआ है।

3          अनुतोश ?

 

    प्रार्थी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण स्वीकार नहीं किये जाने से खारिज योग्य पाया जाता है।

                          आदेष 

 परिणामतः परिवाद परिवादी खारिज किया जाता है। प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृश्टिगत रखते हुए पक्षकारान अपना अपना खर्चा वहन करेंगे।

 

         (महावीर तंवर)                                       (नन्द लाल षर्मा)

      सदस्य                                        अध्यक्ष

   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच                          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच

      झालावाड केम्प,कोटा (राज0)                                झालावाड केम्प,कोटा (राज0)

                                      

   निर्णय आज दिनंाक 07.01.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

         (महावीर तंवर)                                       (नन्द लाल षर्मा)

      सदस्य                                        अध्यक्ष

   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच                          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच

      झालावाड केम्प,कोटा (राज0)                                झालावाड केम्प,कोटा (राज0)

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