Rajasthan

Ajmer

CC/151/2015

DULICHAND CHAUHAN - Complainant(s)

Versus

M/S RAJ MOTERS - Opp.Party(s)

ADV. LALIT KUMAWAT

11 Aug 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/151/2015
 
1. DULICHAND CHAUHAN
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S RAJ MOTERS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Brij Lal Meena PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

श्री दुलीचन्द चैहान पुत्र श्री भोलाराम, निवासी- 1521, नयाार, नई बस्ती, जगदम्बा काॅलोनी, गुलाबबाडी, अजमेर । 
                                                          प्रार्थी

                            बनाम

1.   मैसर्स राज मोट र्स(होण्डा) कचहरी रोड, अजमेर । 
2. मैर्स होण्डा मोटर साईकिल एण्ड स्कुल इण्डिया लिमिटेड, प्लाट नं.1, सेैक्टर’3, आईएमटी मानेसर, जिला-गुडगाव(हरियाणा)
                                                        अप्रार्थीगण 
                    परिवाद संख्या /200

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1. श्री  ललित कुमार कुम्पावत, अधिवक्ता व दुलीचन्द
                     चैहान प्रार्थी उपस्थित                
                  2. अप्रार्थी गण की ओर से कोई उपस्थित नहीं  

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 11.08.2015

 1.            परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि  प्रार्थी ने अप्रार्थी  संख्या 2 द्वारा निर्मित  एक ।अपंजवत  स्कूटर अप्रार्थी संख्या 1 से  दिनांक 17.4.2013 को जरिए बिल संख्या 2224 के रू. 52151/- में क्रय किया ।  उक्त वाहन क्रय किए जाते समय ही अप्रार्थी संख्या 1 ने प्रार्थी से  वाहन की रजिस्ट्रेषन राषि व बीमा राषि प्राप्त कर वाहन का रजिस्ट्रेषन व बीमा कर दिया ।  अप्रार्थी संख्या 1 ने जब वाहन का रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र बनवा कर दिया उसमें वाहन का नम्बर त्श्र.01.ैॅ.6521 भ्वदकं ।अपंजवत  चैसिस नम्बर डम्4श्रथ् 215क्क्8028451  व इंजन नम्बर श्रथ् 21म्80033196 अंकित था । 
    प्रार्थी का कथन है कि एक वर्ष पूर्ण होने पर जब वह वाहन के बीमा का नवीनीकरण कराने गया  तब बीमा कम्पनी ने नवीनीकरण करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र व  में अंकित  इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर स्कूटर में अंकित इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर से  मेल नहीं खा रहे है । उक्त जानकारी होने पर उसने तुरन्त अप्रार्थी संख्या 1 से सम्पर्क कर उक्त तथ्यों के संबंध में अवगत कराया  जिस पर अप्रार्थी संख्या 1 ने उसे अवगत कराया कि  गलती से किसी ओर गाडी के चैसिस नम्बर व इंजन नम्बर  प्रार्थी को जारी बिल में अंकित कर दिए  है  तथा इस बिल के नम्बर वाले स्कूटर के मालिक का रजिस्ट्रेषन  प्रमाण पत्र मंगवा कर  आरटीओ से इस त्रुटि को सुधारवा देगें  किन्तु प्रार्थी के बार बार निवेदन किए जाने पर भी अप्रार्थी  संख्या 1 ने उक्त त्रुटि को सहीं नहीं करवाया  इस संबंध में उसने दिनांक 28.11.2012 को नोटिस भी दिलवाया जिस पर भी कोई कार्यवाही नही ंकी । वाहन के उक्त दस्तावेजात में सहीं अंकन नहीं होने के कारण वह वाहन का संचालन भी नहीं कर पा रहा है । पा्रर्थी ने इसे अप्रार्थीगण की कमी दर्षार्ते हुए  परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 व 2 के विरूद्व  एक पक्षीय कार्यवाही है । अतः अधिवक्ता प्रार्थी की बहस सुनी गई । परिवाद के द्वारा इस आषय का विवाद लाया गया है कि प्रार्थी ने प्रष्नगत वाहन  अप्रार्थी संख्या 1 से जो क्रय किया गया के संबंध में जारी रिटेल इन्वाईस व चालान मीमो में चैसिस नम्बर  8028451 व इंजन नम्बर 80033196 दर्षाए हुए है  तथा इन दोनेां के आधार पर वाहन का रजिस्ट्रेषन परिवहन विभाग द्वारा जारी किया गया  उसमें भी इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर यही अंकित है । प्रार्थी ने एक वर्ष बाद इस वाहन के बीमे का नवीनीकरण करवाना चाहा तब बीमा कम्पनी ने बतलाया कि वाहन जो प्रार्थी के पास है उसके चेसिस नम्बर व इंजन नम्बर भिन्न है  एवं बीमा करने से मना कर दिया जिस पर प्रार्थी ने वाहन के चैसिस नम्बर व इंजन नम्बर  देखे तो चैसिस नम्बर 8027554 व इंजन नम्बर 80032370  पाए गए । तत्पष्चात् प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 को इस स्थिति से अवगत कराया तेा अप्राथी्र संख्या 1 ने कहा कि वह रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र में आवष्यक दुरूस्ती करवा देगे या  रजिस्ट्रेषन प्रमाण  में वर्णित  वाहन जो किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया गया है वह प्रार्थी को सुपुर्द कर दिया जावेगा लेकिन अप्रार्थी  संख्या 1 ने इस संबंध में कुछ भी नहीं किया । प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 को  नोटिस भी दिया इसके उपरान्त भी अप्रार्थी संख्या 1 ने कोई कार्यवाही नही ंकी तब यह परिवाद पेष किया गया है । 
3.    हमने उपरोक्त तथ्यों पर गौर किया । प्राथी्र के कथन का कोई खण्डन अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से नहीं किया गया है । इस तरह से वाहन का रजिस्ट्रेषन व बीमा कराने की जिम्मेदारी  अप्रार्थी संख्या 1  की थी  किन्तु उसने जान बूझकर अथवा लापरवाही से प्रार्थी को चालान मीमो व रिटेल इन्वाईस में वर्णित वाहन सुपुर्द नहीं कर दूसरा वाहन उपलब्ध करवा दिया है एवं रजिस्ट्रेषन भी दूसरे वाहन का बना कर उपलब्ध करवाया गया है । हमारे विनम्र मत में अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व इन तथ्यों को देखते हुए सेवा  में कमी का बिन्दु सिद्व है । प्रार्थी  ने अनुतोष चाहा है कि अप्रार्थी संख्या 1 को आदेषित किया जावे कि वह प्रार्थी को चालान व रिटेल इन्वाईस  मीमो व रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र में  वर्णित इंजन नम्बर व चैसिस नम्बर वाला वाहन उपलब्ध करावे या प्रार्थी को जो वाहन सौपा गया है उक्त वाहन का रजिस्ट्रेषन करवा कर प्रार्थी को सौपे  या प्रार्थी को नया वाहन उपलब्ध करावे या  वाहन की कीमत रू. 52151/- देवे । हमारे विनम्र मत में प्रार्थी का मामले इस अनुतोष हेतु उपयुक्त पाया जाता है एवं प्रार्थी का यह परिवाद अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व स्वीकार होने योग्य है । 
4.    जहां तक अप्रार्थी संख्या 2 का प्रष्न है उसके विरूद्व सेवा में कमी का बिन्दु सिद्व नहीं हो रहा है  । अतः आदेष है कि 
                    :ः-  आदेष:ः-
5.     (1)    अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी को जो वाहन  जिसका चैसिस नम्बर 8027554 व इंजन नम्बर 80032370  सौपा है, का रजिस्ट्रेषन करवा कर प्रार्थी को सौंपे  विकल्प में अप्रार्थी संख्या 1 ऐसा नहीं करता है तो प्रार्थी को वह वाहन जिसका चैसिस नम्बर , इंजन नम्बर प्रार्थी को  चालान मीमो, रिटेल इन्वाईस  व  रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र जो प्रार्थी के नाम रजिस्ट्रेषन है वाला वाहन प्रार्थी को उपलब्ध करवावे । यदि अप्रार्थी संख्या 1 ऐसा करने में भी असमर्थ है तो प्रार्थी को प्रष्नगत वाहन के बदले में वाहन की कीमत रू. 52151/- में इसी मैक व माॅडल का दूसरा  नया वाहन उपलब्ध करावें या वाहन की कीमत रू. 52151/-  अदा करें । 
    (2)  प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
         (3)       अप्रार्थी संख्या 1 यदि क्र. संख्या 1  मे वर्णित प्रष्नगत वाहन  की राषि प्रार्थी को  लौटाना चाहे तो अप्रार्थी संख्या 1 यह राषि आदेष से दो  माह में  प्रार्थी को अदा करें  साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी अप्रार्थी संख्या 1 उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें । 
        (4)    अप्रार्थी संख्या  2 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है ।   
       
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
6.        आदेष दिनांक 11.08.2015  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष
  


    
 
 

 
 
[ Brij Lal Meena]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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