Hemant soni filed a consumer case on 11 Jun 2015 against M/S R.K. Associates , Umesh Bharti in the Kota Consumer Court. The case no is CC/242/2005 and the judgment uploaded on 16 Jul 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः-
01. नंदलाल शर्मा ः अध्यक्ष
02. महावीर तंवर ः सदस्य
परिवाद संख्या:-242/05
हेमन्त सोनी पुत्र दुर्गालाल सोनी आयु 28 साल जाति सुनार, निवासी श्रीपूरा, कोटा (राज0) परिवादी
बनाम
01. मै0 आर के एसाोसियेट्स, प्रोपराईटर उमेश भारती, पता काका काम्पलेक्स, गुंमानपुरा, कोटा। राजस्थान।
02. वी टी सी लीजिंग एण्ड फाइनेन्स कंपनी लिमिटेड, जरिये प्रबंधंक, मनीष पता- डी-127, ए बसन्त मार्ग, बनीपार्क,राम मंदिर के पास, जयपुर,राजस्थान। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
02. अप्रार्थी सं. 1 की तल्वी बंद।
03. श्री वनित गुप्ता, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 2 की ओर से।
निर्णय दिनांक 11.06.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसने अप्रार्थी सं. 2 से 55,000/- रूपये का लोन लेकर मारूति 800 कार अप्रार्थी सं.1 से खरीद की थी। लोन प्राप्त करते समय परिवादी के खाली चैक आई सी आई सी आई बैंक के बतौर जमानत जमा करा दिये । परिवादी को उक्त लोन के बदले हर माह 3237/- रूपये जमा कराने थे। परिवादी 2004 से लोन का भुगतान नियमत करता आ रहा है, जिसकी रसीदेे अप्रार्थी सं.1 जारी करता आ रहा है। परिवादी ने अप्रार्थीगण के कोटा स्थित डी एस ओ आर के एसोसियेट्स से सम्पर्क कर दिनांक 11.04.05 को एक मुश्त 49,813/- रूपये जमा कराकर रसीद प्राप्त की और कहा कि एन ओ सी 7-8 दिन में आ जायेगी। दिनांक 20.04.05 को अप्रार्थीसं. 1 के कार्यालय पर गया तो उक्त कार्यालय पर ताला लगा हुआ था। परिवादी को अभी तक एन ओ सी प्राप्त नहीं हुई। अप्रार्थीगण ने परिवादी की संपूर्ण राशि का भुगतान करने के बाद भी उसे एन ओ सी जारी नहीं कर उसकी सेवामें कमी की है। परिवादी को अप्रार्थीगण से एन ओ सी दिलवाई जावे एवं मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीसं. 1 की दिनांक 08.04.15 को तल्वी बंद कर दी।
अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया है कि उनका अप्रार्थी सं.1 से कोई संबंध नहीं था और ना ही है। अप्रार्थीसं. 2 ने परिवादी से कोई चैक न तो प्राप्त किये और ना ही परिवादी द्वारा दिये गये। वाहन के रजिस्ट्रेशन पर एच पी एन का नोट अंकित किया था। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 को 3 किस्ते अदा की जिसकी रसीद परिवादी को दी है । परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 को कोई राशि अदा नहीं की है, इसलिये अप्रार्थी सं. 2 परिवादी से लोेन की बकाया राशि प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी ने अप्रार्थीसं. 2 को 49,813/- रूपये की राशि अदा नहंी की। अप्रार्थीसं. 2 ने परिवादी की सेवामें कोई कमी नहीं की है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 को जो राशि जमा की उसके लिये वह स्वयं जिम्मेदार है अप्रार्थी सं. 2 किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, परिवाद, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 का पता पेश नहीं किया और अखबार में साया भी नहीं करवाया । मंच के बार-बार कहने के बावजूद भी परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 की तल्वी मुस्तेदी से नहीं की, इसलिये दिनांक 08.04.15 को अप्रार्थी सं. 1 की तल्वी बंद कर दी गई और उस दिन परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अब प्रश्न आता है कि लोन की रकम की किस्तों की चुकता का ? इस संदर्भ में लोन अप्रार्थी सं. 2 ने 55,000/- रूपये का दिया तथा परिवादी को 3237/- रूपये की किस्त अप्रार्थी सं. 2 को ही देनी थी। तीन किस्ते परिवादी ने जमा करवाई जिसकी अप्रार्थी सं. 2 ने 3 किस्तों की रसीद पेश की है लेकिन परिवादी ने 49,813/- रूपये दिनांक 11.04.05 को एक मुश्त अप्रार्थी सं.1 को जमा करवाई जबकि अप्रार्थी सं. 2 को जमा करानी थी। परिवादी अप्रार्थी सं. 1 की तल्वी नहीं करवाई और 49,813/- रूपये की एक मुश्त राशि की रकम अप्रार्थी सं. 1 को जमा कराई है, इसलिये अप्रार्थी सं. 2 क्यों कर जिम्मेदार होगा। इसके अलावा अप्रार्थी सं. 1 को तलब करवाने के लिये अखबार में साया नहीं करवाया तत्पश्चात दिनांक 08.04.15,28.04.15,13.05.15,09.06.15,10.06.15 व 11.06.15 को परिवादी या उनके अभिभाषक कोई उपस्थित नहीं रहे। प्रकरण 2005 का है ऐसी स्थिति में प्रकरण का निस्तारण आवश्यक समझा जाने के कारण पत्रावली में उपलब्ध आदेशिका के अवलोकन से परिवादी की लापरवाही ज्यदा प्रतीत होती है न कि अप्रार्थी सं. 2 की। परिणमतः परिवादी अप्रार्थी सं. 2 के खिलाफ किसी प्रकार का कोई सेवा दोष प्रमाणित करने में सफल नहीं हुआ है।
03. अनुतोष ?
परिवाद का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी हेमन्त सोनी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 11.06.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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