Rajasthan

Jaipur-I

cc/1355/2015

shiv kumar sharma - Complainant(s)

Versus

m/s prakash & company - Opp.Party(s)

parmanand sharma

21 Apr 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओम प्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 1355/2015
शिवकुमार शर्मा पुत्र स्व0 श्री शांति देव शर्मा, निवासी मकान नंबर 2690, जयलाल मंुशी का रास्ता, पुरानी बस्ती, जयपुर (राज0)

                                              परिवादी
               ं     बनाम

मैसर्स प्रकाश एण्ड कम्पनी, चांदपोल गेट बाहर, जयपुर, राज0

              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री परमानन्द शर्मा - परिवादी

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 18.11.13

                       आदेश     दिनांक: 21.04.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 16 जुलाई 2013 को विपक्षी के यहां से स्कुटर सॅख्या आर.जे.14 एस टी 1883 में पेट्रोल डलवाया था जिस सम्बन्ध में एक रिसिप्ट सॅंख्या 0004 दिनांक 16.07.2013 को 6.090 लीटर पेट्रोल के लिए प्रतिलीटर 73.89 रूपए के हिसाब से रूपए 449.990 के लिए परिवादी के पक्ष में जारी की गई थी । उक्त रिसिप्ट के अनुसार परिवादी के स्कूटर में 6.090 लीटर पेट्रोल डाला गया था जबकि उसमें पूर्व से ही .25 लीटर (चैथाई लीटर) पेट्रोल मौजूद था जबकि उक्त स्कूटर की पेट्रोल टंकी की कुल क्षमता 6 लीटर मात्र है । ऐसी स्थिति में विपक्षी द्वारा परिवादी से 443.34 रूप्ए लिए जाने चाहिए थे परन्तु उसके स्थान पर परिवादी से 449.990 रूपए वसूल किए गए और इस प्रकार 6/- रूपए 65 पैसे और 18.47 रूपए अधिक वसूल किए गए हैं । परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाई है । ऐसी स्थिति में परिवादी ने 6/- रूपए 65 पैसे और 18.47 रूपए दिलवाए जाने तथा मानसिक संताप, शारीरिक व आर्थिक हानि के लिए 50,000/-रूपए, नोटिस व्यय,परिवाद व्यय तथा अधिवक्ता फीस के 11000/- रूपए तथा समय बर्बादी की क्षतिपूर्ति के लिए 5000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया गया है ।
विपक्षी की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई मंच के समक्ष उपस्थित आया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, पेट्रोल भरवाने की रिसिप्ट, स्कूटर का आॅनर मैनुअल, अधिवक्ता द्वारा भेजे नोटिस की काॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के पास कोई उचित आधार नहीं है। प्रस्तुत साक्ष्य व स्कूटर के आॅनर मैनुअल के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रश्नगत स्कूटर के फ्यूल टेंक की केपेसिटी 6.0 लीटर है और विपक्षी द्वारा पेट्रोल डाले जाने की जो रिसिप्ट प्रस्तुत की है उससे 6.090 लीटर पेट्रोल भरा जाना जाहिर होता है । ऐसी स्थिति में जबकि टेंक की केपेसिटी 6.0 लीटर है तो उसमें .090 अधिक पेट्रोल आने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है । इसके अलावा परिवादी के इस कथन का भी कोई खण्डन नहीं हो सकता है कि पहले से ही प्रश्नगत स्कूटर में .25(चैथाई) लीटर पेट्रोल मौजूद था। ऐसी स्थिति में परिवादी के इस कथन का कि उससे 6/- रूपए 65 पैसे व 18 रूपए 47 पैसे विपक्षी द्वारा अधिक वसूल किए गए कोई खण्डन नहीं हो पाया है ।
उपरोक्त परिस्थितियों में परिवादी विपक्षी से 6/- रूपए 65 पैसे व 18 रूपए 47 पैसे प्राप्त करने का अधिकारी है । साथ ही विपक्षी के कृत्य से परिवादी को आर्थिक हानि व मानसिक संताप कारित हुआ उसके लिए परिवादी मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी है।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षी आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी को 25/- रूपए 12 पैसे अक्षरे पच्चीस रूपए बारह पैसे का भुगतान करेगा तथा इस राशि पर दिनंाक 16.07.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करेगा। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 21.04.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 

( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

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