Uttar Pradesh

Gautam Buddha Nagar

MA/17/2024

SUDHIR KUMAR - Complainant(s)

Versus

M/S PIRAMAL CAPITAL HOUSING FINANCE LTD. - Opp.Party(s)

SATISH KUMAR PAL

07 Nov 2024

ORDER

FINAL ORDER
DISTRICT CONSUMER COMMISSION
GAUTAM BUDDH NAGAR
SURAJPUR , GREATER NOIDA (U.P.)
COURT 1
 
Miscellaneous Application No. MA/17/2024
( Date of Filing : 23 Aug 2024 )
In
 
1. SUDHIR KUMAR
C- 99, JALVAYU VIHAR, POCKET 4, GREATER NOIDA,
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S PIRAMAL CAPITAL HOUSING FINANCE LTD.
PLOT NO 6, BLOCK A, GROUND TO IInd FLOOR, PHASE 1, SECTOR 2, NOIDA,
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ANIL KUMAR PUNDIR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. ANJU SHARMA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Nov 2024
Final Order / Judgement
 परिवादी द्वारा प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-40 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 इस आशय से प्रस्तुत किया गया है  कि परिवादी/डिक्रीदार द्वारा माननीय न्यायालय के  समक्ष उपरोक्त परिवाद दायर करते समय कोई भी तथ्य छिपाया नहीं गया था और लोन से सम्बन्धित सभी दस्तावेज उपरोक्त परिवाद में दाखिल किये गये थे । उसके उपरान्त ही माननीय न्यायालय द्वारा उक्त आदेश पारित किया गया था । उक्त परिवाद में माननीय न्यायालय के माध्यम से विपक्षी/निर्णीत ऋणी  पर विधिवत रूप से नोटिस भेजे गये जो कि तामील हो गये यदि विपक्षी द्वारा कोई सरफेसी एक्ट की कार्यवाही की गयी तो उस समय  माननीय न्यायालय के समक्ष अपना विरोध जाहिर  कर सकते थे जो कि उनके द्वारा नहीं किया गया था ।  विपक्षी द्वारा जो उपरोक्त इजराय में सरफेसी एक्ट की कार्यवाही किये जाने का उललेख किया गया है वह गलत व निराधार है ।  विपक्षी ने उपरोक्त इजराय में सरफेसी एक्ट की कार्यवाही  का कथन करते हुए उपरोक्त इजराय की कार्यवाही को अं0धारा 34 व 35 सरफेसी एक्ट का हवाला देते हुए समाप्त करने हेतु कथन किया है जो कि गलत व निराधार है।  अतः  परिवादी के प्रकरण में सरफेसी एक्ट की कार्यवाही लागू नहीं होती है।  माननीय न्यायालय द्वारा उक्त इजराय में पारित आदेश दिनांक 14-8-22 को संशोधित करते हुए उक्त आदेश का अनुपालन विपक्षी से कराया जाना न्यायहित मे अति आवश्यक है। अतः  उक्त इजराय में पारित आदेश दिनांक 14-8-22 को संशोधित करते हुए उक्त आदेश का अनुपालन विपक्षी से कराये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें ।
परिवादी को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया । 
प्रार्थना पत्र उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-40 के अन्तर्गत आदेश दिनांक 14-8-24 के पर्नविलोकन हेतु प्रस्तुत किया गया है । 
अधिनियम की धारा-40 प्रावधानित करती है:-
 ‘‘ जिला आयोग को उसके द्वारा पारित किसी भी आदेश का  और यदि अभिलेख को देखते ही कोई सपष्ट त्रुटि है तो वह स्वःप्रेरणा से या पक्षों मे से किसी भी पक्षकार द्वारा ऐसे आदेश के तीन दिन के भीतर किए गए आवेदन पर पुर्नविलोकन करने की शक्ति होगी ‘‘ ।
उक्त धारा में प्रावधानों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पुर्नविलोकन केवल उन स्थितियों मे ंकिया जा सकता है जिनमें अभिलेख को देखते ही कोई स्पष्ट त्रुटि है। आदेश जिसके पुर्नविलोकन की प्रार्थना की गयी है उभय पक्षों को सुनने के उपरान्त  कारणों सहित पारित किया गया है । आदेश में ऐसी कोई त्रुटि नहीं है जैसा कि अधिनियम की धारा-40 में उल्लिखित है। प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है । 
 
 
[HON'BLE MR. ANIL KUMAR PUNDIR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. ANJU SHARMA]
MEMBER
 

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