राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या :1415/2004
(जिला मंच, जौनपुर द्धारा परिवाद सं0-469/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.6.2004 के विरूद्ध)
Dharam Nath Singh aged about 56 years S/o Late Ram Nayak Singh, R/o Block Resourcement Centre, Basware, Block Kerakat Distt. Jaunpur.
........... Appellant/Complainant
Versus
M/s Pndit Sports & Co., C-27/158m Jagatganj Varanasi through its proprietor Kailash Nath Chaubey.
....... Respondent/Opp.Party.
समक्ष :-
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य
मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता : श्री एम0एच0 खान
प्रत्यर्थी की ओर से अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक : 26.02.2016
मा0 श्री जे0एन0 सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान अपील, परिवाद सं0 469/2003 धर्मनाथ सिंह बनाम मेसर्स पण्डित स्पोर्टस एण्ड कम्पनी जरिये प्रो0 कैलाश नाथ चौबे में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.6.2004, जिसके माध्यम से जिला मंच, जौनपुर द्वारा परिवादी निरस्त कर दिया गया, से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गई है।
अपीलार्थी/परिवादी की ओर से मुख्य रूप से यह कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा संसाधन केन्द्र बसवारी के विकास हेतु सामान खरीदने के लिए प्रत्यर्थी/विपक्षी को आदेश दिया गया, जिसके संदर्भ में प्रत्यर्थी/विपक्षी को रू0 40,000.00 एवं 12,500.00 चेक द्वारा अदा किया गया था, परन्तु प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा उपरोक्त अनुबन्ध के अनुरूप सामान नहीं भेजा गया। अपीलार्थी/परिवादी की ओर से मुख्य रूप से यह अभिवचित किया गया है कि उनकी ओर से प्रस्तुत साक्ष्य, अभिलेख एवं अभिवचनों पर कोई विचार न करके जिला मंच द्वारा प्रश्नगत आदेश पारित कर दिया गया, जो कि विधि सम्मत नहीं है।
-2-
प्रश्नगत आदेश के परिशीलन से यह स्पष्ट है कि परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य/अभिलेख एवं अभिवचनों के आधार पर जिला मंच द्वारा कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया है, इसलिए प्रश्नगत निर्णय को गुणदोष के आधार पर पारित निर्णय की संज्ञा नहीं दी जा सकती है। जिला मंच के लिए यह आवश्यक था कि वह परिवादी/अपीलार्थी के अभिवचन पर विचार करके गुणदोष के आधार पर निर्णय पारित करते। अत: न्याय संगत यह प्रतीत होता है कि प्रश्नगत आदेश को अपास्त करते हुए प्रस्तुत मामला सम्बन्धित जिला मंच को इस टिप्पणी के साथ प्रति प्रेषित किया जाय कि वे तथ्यों का विश्लेषण कर दोनों पक्षों को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर त्वरित गति से करना सुनिश्चित करें।
तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। परिवाद सं0 469/2003 धर्मनाथ सिंह बनाम मेसर्स पण्डित स्पोर्टस एण्ड कम्पनी जरिये प्रो0 कैलाश नाथ चौबे में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.6.2004 को अपास्त करते हुए प्रस्तुत प्रकरण सम्बन्धित जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रति-प्रेषित किया जाता है कि वे तथ्यों का विश्लेषण कर, दोनों पक्षों को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुण-दोष के आधार पर परिवाद का निर्णय त्वरित गति से करना सुनिश्चित करें।
(जे0एन0 सिन्हा) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-2