ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षी से उसे गाड़ी की मरम्मत में हुऐ व्यय 52,000/- रूपया 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाऐ जायें। परिवाद व्यय अतिरिक्त मांगा गया है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी टवेरा वाहन सं0- यू0ए0 04 बी/7737 का पंजीकृत स्वामी है। दिनांक 10/02/2007 को परिवादी अपनी उक्त गाड़ी की डेन्टिंग पेन्टिंग, इंजन ओवरहालिंग, सस्पेन्शन आदि का काम कराने के लिए अपने ड्राईवर सहित विपक्षी की वर्कशाप पर गया। विपक्षी के पार्टनर मौहम्मद आजम और मौहम्मद अन्जार ने परिवादी को आश्वस्त किया कि काम तसल्लीवख्श किया जायेगा और गाड़ी में सामान कम्पनी द्वारा निर्मित ही इस्तेमाल किया जायेगा। विपक्षी की ओर से आश्वस्त होने पर दिनांक 20/01/2008 को परिवादी ने अपना वाहन विपक्षी की वर्कशाप पर छोड़ दिया। परिवादी ने 25,000/- रूपया एडवांस अदा किये, ठीक होने पर 22/01/2008 को परिवादी अपनी गाड़ी ले आया। परिवादी ने शेष धनराशि विपक्षी को अदा कर दी। दिनांक 22/01/2008 की रात उक्त वाहन से परिवादी अपने गृह नगर रामनगर आ गया। रात में इंजन चैम्बर से सारा मोबिल आयल लीक हो गया। विपक्षी के कहने पर अगले दिन परिवादी वाहन को विपक्षी के पास ले गया जहॉं कुछ मरम्मत करके वाहन विपक्षी ने परिवादी को वापिस दे दिया। 24 फरवरी ,2008 को देहरादून होते हुऐ परिवादी अपनी रिश्तेदारी में पोन्टा साहिब, हिमाचल प्रदेश गया। रास्ते में ही परिवादी का उक्त वाहन सीज हो गया। दिनांक 25 फरवरी, 2008 को अपरान्ह 2 बजे उक्त वाहन को खिचवाकर परिवादी विपक्षी के पास लाया और परिवादी ने विपक्षी से शिकायत की, कि उसने गाड़ी में सन्तोषजनक काम नहीं किया। दो दिन में ही वाहन खराब हो गया। परिवादी ने अग्रेत्तर कथन किया कि वाहन को खिचवाकर काशीपुर लाने में परिवादी को 12,000/- रूपया तथा वाहन की मरम्मत कराने में पुन: 40,000/- रूपया खर्च करना पड़ा। विपक्षी से परिवादी ने अनावश्यक रूप से खर्च हुऐ इन 52,000/- रूपया की मांग की, किन्तु विपक्षी ने इसे देने से इन्कार कर दिया। परिवादी ने विपक्षी के साझाीदारों को कानूनी नोटिस भी दिया किन्तु वे सुनवा नहीं हुऐ। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी के विरूद्ध दिनांक 20/06/2012 को परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय किऐ जाने के आदेश हुऐ।
- परिवाद के साथ परिवादी ने सूची कागज सं0-3/6 के माध्यम से न्यू इण्डिया मोटर्स की दिनांक 16/01/2008 की कैश मीमो सं0-599, इसी तिथि की कैश मीमो सं0-600 और कैश मीमो सं0-601, कैश मीमो सं0-018 दिनांकित 17/01/2008, विपक्षी के भागीदारों को दिये गये कानूनी नोटिस की नकल को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/11 हैं। परिवादी ने कानूनी नोटिस भेजने की डाकखाने की असल रसीदों को भी दाखिल किया जो पत्रावली के कागज सं0-4 पर दृष्टव्य है।
- एकपक्षीय साक्ष्य में परिवादी ने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/4 दाखिल किया।
- हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- परिवादी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/4 में यह कथन किया है कि विपक्षी से ठीक कराऐ गये टवेरा वाहन से परिवादी अपनी रिश्तेदारी में दिनांक 24/02/2008 को देहरादून होते हुऐ पोण्टा साहिब (हिमाचल प्रदेश) गया, किन्तु रास्ते में ही पोण्टा सहित वार्डर पर उक्त वाहन सीज हो गया मजबूरन दिनांक 25/02/2008 को परिवादी उसे खिचवाकर काशीपुर लाया। खिचवाकर लाने में उसके 12,000/- रूपये खर्च हुऐ। शपथ पत्र में परिवादी का यह भी कथन है कि काशीपुर लाकर वाहन की मरम्मत में पुन: उसको 40,000/- रूपया खर्च करना पड़ा। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि यदि विपक्षी द्वारा परिवादी का वाहन संतोषजक तरीके से ठीक कर दिया गया होता तो उसे खिचवाकर लाने में और पुन: मरम्मत कराने में परिवादी के 52,000/- रूपया अनावश्यक रूप से खर्च नहीं होते, यह 52,000/- रूपया 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित विपक्षी से दिलाऐ जाने का उसने अनुरोध किया है।
8 - 52,000/- रूपया के कथित खर्चे का कोई बिल बाउचर परिवादी ने दाखिल नहीं किया। परिवादी से अपेक्षित था कि वह कथित रूप से खर्च किऐ गये उक्त 52,000/- रूपया के मूल बिल बाउचर पत्रावली में दाखिल करता और उन्हें विधानत: सिद्ध करता, परिवादी ने ऐसा नहीं किया। ऐसा अभिलेखीय साक्ष्य जो आसानी से उपलब्ध था और जो परिवादी के पास होना सम्भाव्य था, के अभाव में हम परिवादी के इस मौखिक कथन को स्वीकार करने में असमर्थ है कि पोण्टा साहिब वार्डर से गाड़ी से खिचवाकर लाने और उसे पुन: ठीक कराने में उसके 52,000/- रूपया खर्च हुऐ थे। हमारे अभिमत में परिवादी द्वारा मांगे गऐ अनुतोष उसे प्रदान नहीं किऐ जा सकते। परिवाद खारिज होने योग्य है। परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 03.08.2015 03.08.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.08.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 03.08.2015 03.08.2015 | |