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MO. KHALID KHAN filed a consumer case on 20 Apr 2022 against M/S MAURYA COMPUTER in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/33/2018 and the judgment uploaded on 19 May 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 33 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 06.02.2018
निर्णय दिनांक 20.04.2022
मोहम्मद खालिद खां पुत्र श्री मोo असफन्देयार खां, साकिन मोहल्ला- बाजबहादुर, पोस्ट व तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
मेसर्स मौर्या कम्प्यूटर द्वारा प्रोपराइटर, साकिन मोहल्ला- सिविल लाईन प्रधान डॉकघर गेट के सामने पश्चिम, पोस्ट व तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि जियो कम्पनी द्वारा उसके उत्पाद जियो फोन के लिए प्री-बुकिंग के रजिस्ट्रेशन हेतु लोगों को आमंत्रित किया जिसमें रजिस्ट्रेशन शुल्क मुo 500/- रुपए बुकिंग के समय व मुo 1,000/- रुपए जियो फोन को उपभोक्ता को परिदत्त करते समय देना था, जिसके लिए जियो कम्पनी द्वारा विभिन्न आउटलेट व डिस्ट्रीब्यूटर/अधिकृत केन्द्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया गया व मुo 500/- रुपए बतौर एडवान्स रजिस्ट्रेशन शुल्क परिवादी से जमा कराया गया। जियो फोन की विशेषताओं व आकर्षक योजनाओं के सम्बन्ध में कम्पनी द्वारा दिए गए विज्ञापनों व प्रचार से आकर्षित होकर परिवादी अधिकृत केन्द्र रिटेल आउटलेट/ डिस्ट्रीब्यूटर विपक्षी मौर्या कम्प्यूटर पर गया तथा दिनांक 26.08.2017 को मुo 500/- रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराया व उक्त जियो फोन बुक किया। जिसके प्रमाण के रूप में विपक्षी द्वारा एक प्रमाण उपलब्ध कराया गया। परिवादी जब विपक्षी के यहाँ जियो फोन लेने गया और मुo 1,000/- रुपए विपक्षी को देते हुए उससे जियो फोन देने को कहा तथा सम्पूर्ण विवरण के साथ क्रय की रसीद मांगी दो विपक्षी ने कहा कि ‘रसीद नहीं मिलेगी मोबाइल लेना है तो लो नहीं तो यहाँ से चले जाओ’ परिवादी द्वारा प्रतिरोध किए जाने पर विपक्षी उग्र हो गया। किसी प्रकार की झगड़ा-झंझट से बचने के लिए परिवादी वहाँ से चला गया। परिवादी पुनः तीन-चार बार और अन्तिम बार दिनांक 02.02.2018 को विपक्षी के यहाँ गया तथा अवशेष रकम 1,000/- रुपए विपक्षी को देते हुए जिफो फोन व क्रय रसीद मांगी किन्तु विपक्षी ने रसीद देने से इन्कार कर दिया जिसकी वजह से परिवादी बहुप्रतिक्षित जियो फोन नहीं ले पाया। परिवादी ने विपक्षी से उसके यहाँ जमा रजिस्ट्रेशन शुल्क मुo 500/- रुपए वापस मांगा किन्तु विपक्षी ने आज तक वापस नहीं, उल्टे परिवादी पर दबाव बनाता रहा। जिससे परिवादी को जियो फोन न मिलने व उसके लिए बार-बार भाग-दौड़ करने से हुई मानसिक व शारीरिक पीड़ा हेतु मुo 5,000/- रुपए व भाग-दौड़ में हुई आर्थिक क्षति हेतु 250/- रुपए की क्षति हुई है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी से शेष रुo 1,000/- लेकर परिवादी को जियो फोन दे तथा उसकी पक्की रसीद मय जियो फोन के मूल्य आई.एम.ई.आई. नम्बर, बैट्री नम्बर, चार्जर नम्बर सहित उपलब्ध करावे तथा वारण्टी/गारण्टी कार्ड पूर्ण करके टर्म व कण्डीशन सहित परिवादी को प्रदत्त करे अथवा मुo 500/- रुपया वापस कर दे। साथ ही विपक्षी से परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 5,250/- रुपए 12% वार्षिक ब्याज के साथ दिलाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5ग² हस्तलिखित रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 18/1 प्रवर अधीक्षक डॉकघर आजमगढ़ को भेजे गए पंजीकृत पोस्ट के बाबत प्राप्त कर्ता मौर्या कम्प्यूटर को प्राप्त कराए जाने के सम्बन्ध में प्रार्थी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 18/2 प्रवर डॉक अधीक्षक आजमगढ़ द्वारा उक्त पंजीकृत पोस्ट के बाबत प्राप्तकर्ता को प्राप्त कराए गए वितरण के बाबत प्रवर अधीक्षक डॉकघर के पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 18/3 पंजीकृत पत्र के बाबत वितरण सूची की छायाप्रति, इसके अलावा परिवादी ने कागज संख्या 22ग² हस्तलिखित रसीद की मूलप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 10क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को विपक्षी के खिलाफ कोई परिवाद पत्र दाखिल करने का हक हासिल नहीं है। सम्पूर्ण परिवाद पत्र काल्पनिक, मनगढ़न्त व बेबुनियाद है। विपक्षी किसी भी तरह के मोबाइल के क्रय-विक्रय का कार्य नहीं करता है और न ही विपक्षी ने जियो मोबाइल की कभी बुकिंग किया और न ही जियो मोबाइल का कभी विक्रय ही किया। जियो कम्पनी की तरफ से भी विपक्षी को किसी भी प्रकार की जियो मोबाइल की बुकिंग करने एवं जियो मोबाइल विक्रय करने हेतु अधिकृत नहीं किया गया है। विपक्षी ने परिवादी को न तो कभी देखा है और न ही उन्हें पहचानता है। यहाँ तक कि विपक्षी के दुकान पर परिवादी कभी आया ही नहीं है। विपक्षी केवल मोबाइल में बैलेन्स रिचार्ज करने सम्बन्धित कार्य करता है। विपक्षी ने परिवादी से न तो जियो की बुकिंग हेतु मुo 500/- रुपए लिया और न ही परिवादी को रुपए लेने के बाबत कोई रसीद या बाउचर ही दिया है और न ही किसी रसीद पर विपक्षी ने कोई हस्ताक्षर ही किया है। परिवादी द्वारा पत्रावली में दाखिल धनराशि मुo 500/- रुपए प्राप्ति की रसीद पूर्णतया फर्जी एवं परिवादी द्वारा स्वयं बनाकर मोहर लगाकर दाखिल किया गया है। उक्त रसीद देखने से ही पूर्णरूप से भ्रामक एवं फर्जी प्रतीत होता है। उक्त रसीद पर न तो दुकान का नाम है और न ही दुकान का पंजीकरण नम्बर है उक्त रसीद कोई भी व्यक्ति स्वयं बनाकर दाखिल कर सकता है। परिवादी ने विपक्षी के विरोधी से साजिश में होकर हैरान व परेशान करने के लिए परिवाद मनगढ़न्त रूप से दाखिल किया है जो निराधार है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया और अपना-अपना लिखित बहस प्रस्तुत भी किया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने प्रलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज संख्या 22ग² हस्तलिखित रसीद प्रस्तुत किया है, जिसको देखने से लगता है कि जिस पर मौर्या कम्प्यूटर PSUPAZAM1392597 सिविल लाईन आजमगढ़ का मुहर लगा हुआ है तथा मुo 500/- रुपए का भुगतान दर्शाया गया है। यहाँ यह बात गौर करने योग्य है कि विपक्षी जियो मोबाइल की बुकिंग व जियो मोबाइल का विक्रय करने हेतु अधिकृत है अथवा नहीं। इस बात का कोई भी प्रमाणित साक्ष्य परिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे यह साबित हो सके कि विपक्षी जियो मोबाइल की बुकिंग एवं विक्रय के लिए अधिकृत केन्द्र है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 20.04.2022
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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