Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2979

S B I - Complainant(s)

Versus

M/s M M S Engineering - Opp.Party(s)

A K Tiwari

27 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2979
( Date of Filing : 30 Nov 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. S B I
A
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s M M S Engineering
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Mar 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2979/2002

Branch Manager, State Bank Of Patiala, Hindu College Branch, Station Road Muradabad  

Versus

M/S MMS Engineers, behind Moradabad & others

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 तिवारी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :27.03.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-114/1998, मै0 एस.एम. इंजीनियरिंग बनाम ब्रांच मैनेजर ओरियण्‍टनल इं0कं0लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, 29.10.2002 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी सं0 2 शाखा प्रबंधक स्‍टेट बैंक आफ पटियाला द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोन किया गया।

2.         पत्रावली के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा अपने व्‍यापार की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी अपीलार्थी बैंक के माध्‍यम से प्राप्‍त की गयी थी। अपीलार्थी बैंक द्वारा परिवादी के खाते से प्रीमियम काटते हुए बीमा पॉलिसी ली जाती रही। प्रश्‍नगत वर्ष में बीमा पॉलिसी प्राप्‍त की गयी, परंतु बीमित परिसर का नाम गलत अंकित कर दिया गया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध एकल एवं संयुक्‍त दायित्‍व के तहत क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।

3.        अपीलार्थी बैंक के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि स्‍वयं परिवादी ने परिवाद पत्र के पैरा सं0 3 में यह उल्‍लेख किया है कि उन्‍हें इस तथ्‍य की जानकारी थी कि बैंक द्वारा गलत परिसर का बीमा कराया गया है, परंतु चूंकि पूर्व में नियमित रूप से सही परिसर का बीमा कराया जाता रहा था इसलिए इस स्थिति को अनदेखा किया गया, इसलिए स्‍वयं परिवादी उत्‍तरदायी है क्‍यों‍कि उनके पास गलती को दुरूस्‍त कराने का अवसर मौजूद था, परंतु उनके द्वारा गलती को दुरूस्‍त नहीं कराया गया, इस‍लिए बैंक का कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं बनता। यथार्थ में परिवादी द्वारा अपनी इस स्थिति को स्‍पष्‍ट किया गया है कि बैंक द्वारा पूर्व में नियमित रूप से गोदाम की पॉलिसी ली जाती रही, जिसमें माल सुरक्षित किया जाता था, इसलिए कवर नो‍ट के विवरण को अनदेखा किया गया था। बैंक द्वारा इस त्रुटि को स्‍वयं स्‍वीकार किया गया है कि उनके स्‍तर से त्रुटि कारित हुई है, इसलिए चूंकि त्रुटि बैंक के स्‍तर से कारित हुई है। तदनुसार बैंक के विरूद्ध पारित किये गये आदेश मे हस्‍तक्षेप किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता। प्रस्‍तुत केस में Doctrine of last Opportunity का सिद्धांत लागू नहीं होता, जिसके आधार पर स्‍वयं परिवादी को उत्‍तरदायी ठहराया जा सके, इसलिए अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

              अपील खारिज की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

             उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे। 

              प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

     

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

  

संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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