Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/385

State Bank Of India - Complainant(s)

Versus

M/s Kumar Redios & Electrical - Opp.Party(s)

Usha Chawla

22 May 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/385
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. State Bank Of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Kumar Redios & Electrical
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

(राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)

                सुरक्षित                   

अपील संख्‍या 385/2013

 

(जिला मंच मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0 111/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 12/02/2013 के विरूद्ध)

 

स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, एस.एम.ई.सी.सी.सी., मुरादाबाद।

                                                                                       …अपीलार्थी

बनाम

 

1- जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, मुरादाबाद।

2- मेसर्स कुमार रेडियो व इलेक्ट्रिकल्‍स द्वारा प्रोपराइटर विपिन कुमार बख्‍शी नियर वेटनरी हास्पिटल, कोर्ट रोड मुरादाबाद।

3- दि न्‍यू इंडिया इन्‍श्‍योरेन्‍स कंपनी लि0, ब्रांच आफिस, आर्य समाज भवन बुद्ध बाजार, स्‍टेशन रोड, मुरादाबाद।

                                                 .........प्रत्‍यर्थीगण 

समक्ष:

       1. मा0 श्री चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य ।

  2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित            : विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती ऊषा चावला के

                                     सहयोगी श्री अवनीश पाल।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित          : विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती अनीता तिवारी।

 

दिनांक  26-6-2015

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

    

     प्रस्‍तुत अपील परिवाद सं0 111/2011 मेसर्स कुमार रेडिया एण्‍ड इलेक्ट्रिकल्‍स बनाम भारतीय स्‍टेट बैंक व अन्‍य जिला पीठ मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12/02/2013 से क्षुब्‍ध होकर योजित किया गया है।

     प्रश्‍नगत परिवाद में जिला पीठ ने आदेश दिया है कि ‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0 1 व 2 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह अंकन 6,50,000/ रूपये 08 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से वाद योजित करने के दिनांक से भुगतान के अंतिम तिथि तक एक माह के अंदर विपक्षी बैंक परिवादी को पूर्ण धनराशि अदा करे। यदि विपक्षी उक्‍त आदेश का अनुपालन समयावधि के अंदर सुनिश्चित नहीं करते हैं तो 08 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज परिवादी विपक्षी बैंक से पाने का अधिकारी होगा। मानसिक क्षतिपूर्ति स्‍वरूप अंकन 3000/ रूपये तथा वाद व्‍यय अंकन 2000/-

2

रूपये परिवादी विपक्षी बैंक से पाने का अधिकारी होगा। विपक्षी सं0 3 के विरूद्ध परिवाद खण्डित किया जाता है।‘’

     परिवाद का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि मेसर्स कुमार रेडियों एण्‍ड इलेक्ट्रिकल्‍स के नाम की इलेक्ट्रिक सामान (फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर) आदि का अधिकृत विक्रेता है तथा परिवादी का यह व्‍यवसाय व रोजी-रोटी का एक मात्र साधन है। परिवादी विपक्षी सं0 1 व 2 बैंक में खाता सं0 10896588235 का खाता धारक है। परिवादी को पिछले 05 वर्षों से विपक्षी बैंक से कैश क्रेडिट सुविधा प्राप्‍त है। विपक्षी बैंक द्वारा संबंधित ऋणी खाते से प्रीमियम का भुगतान विपक्षी सं0 3 बीमा कंपनी को अदा किया जाता है तथा परिवादी को दिया गया ऋण सुविधा का भी बीमा करवाया जाता रहा। विपक्षी बैंक द्वारा कभी भी परिवादी से सहमति नहीं थी और न ही विपक्षी बीमा सं0 3 द्वारा जारी बीमा पालिसी व प्रीमियम की रसीद नहीं दी गई तथा परिवादी विपक्षी सं0 1 व 2 से लगातार अनुरोध करता रहा उसकी बीमा पालिसी व उसकी प्रीमियम रसीद परिवादी को प्राप्‍त नहीं करायी गई। परिवादी का गोदाम पूर्व में बी0 11, जिगर कालोनी, मुरादाबाद में था जो विधिवत सूचना विपक्षी बैंक को दिनांक 05/04/2010 में परिवादी ने प्राप्‍त कराई तथा बाद में एफ0आई0जी0 ए-52 दीन दयाल नगर द्वितीय मुरादाबाद में स्‍थानांतरित कर दिया गया। परिवादी ने विपक्षी बैंक से आग्रह किया कि परिवादी की बीमा पालिसी में उक्‍त परिवर्तित पते को दर्ज करा दिया जाय विपक्षी बैंकने आश्‍वासन दिया तथा परिवादी को विपक्षी बैंक ने नजरअंदाज कर दिया तथा उक्‍त पत्र दिनांकित 05/04/2010 की छायाप्रति अनुलग्‍नक 1 है। सन 2010 सितम्‍बर माह में बाढ़ आ गई परिवादी का गोदाम एच0आई0जी0 ए-52 दीन दयाल नगर में द्वितीय मुरादाबाद में स्थित गोदाम में पानी भर गया उसमें समस्‍त स्‍टाक सामान जिसका मूल्‍य 6,50,000/- रूपये का था वह सब नष्‍ट हो गया। जिसकी सूचना तत्‍काल परिवादी ने विपक्षी बैंक को दिया। विपक्षी बैंक ने परिवादी को शीध्र कार्यवाही करने का आश्‍वासन दिया परन्‍तु विपक्षी बैंक ने कोई कार्यवाही नहीं की तब परिवादी मजबूर होकर 04 दिसम्‍बर सन 2010 को परिवादी ने विद्वान अधिवक्‍ता के माध्‍यम से विपक्षी बैंक को नोटिस प्रेषित किया तथा विपक्षी बैंक ने उक्‍त नोटिस का न तो कोई कार्यवाही की और न ही कोई उत्‍तर दिया। परिवादी को जब कोई क्‍लेम धनराशि विपक्षी से प्राप्‍त नहीं हुई तब परिवादी ने विपक्षीगण से बीमा पालिसी की मांग की विपक्षीगण द्वारा परिवादी को पालिसी दी गई उसे देखकर परिवादी को अचम्‍भित था क्‍योंकि विपक्षी बैंक को सूचना देने के

3

उपरान्‍त भी परिवादी की बीमा पालिसी में परिवादी की दुकान के सही पते के साथ-साथ परिवर्तित गोदाम के पते को भी नहीं दर्शाया गया था तथा दुकान को ताड़ो खाना चौराहा दर्शाया गया जब कि विपक्षी बैंक के प्रतिनिधि अनेकों बार परिवादी के गोदाम का निरीक्षण किया तथा विपक्षी को परिवादी की दुकान व गोदाम के सही पतों का ज्ञान रहा है। परिवादी को दिनांक 23/07/2011 को विपक्षी सं0 3 के द्वारा एक पत्र दिनांक 19/07/2011 प्राप्‍त हुआ जिसमें परिवादी के गलत पते के कारण उक्‍त क्षति को नो क्‍लेम कर दिया गया। विपक्षीगण ने उपरोक्‍त कृत्‍यों से सेवा में कमी व लापरवाही की है जिससे परिवाद प्रस्‍तुत करने की आवश्‍यकता हुई।

     विपक्षी सं0 1 व 2 की ओर से लिखित उत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षी सं0 1 व 2 का कथन है कि परिवादी का परिवाद झूठे एवं मनगढ़न्‍त कथनों पर आधारित है। विपक्षी सं0 1 व 2 ने अपने लिखित उत्‍तर के पैरा 13 में परिवाद के साथ दाखिल अनुलग्‍नक नं0 2 को स्‍वीकार किया है तथा शेष कथनों को अस्‍वीकार किया है तथा कहा गया कि परिवाद सव्‍यय निरस्‍त होने योग्‍य है।

    विपक्षी सं0 3 बीमा कंपनी की ओर से लिखित उत्‍तर दाखिल किया गया जिसमें कहा गया कि परिवादी अपने कथनों की पुष्टि में डाक्‍यूमेंट्री साक्ष्‍य दाखिल करना चाहिए  तथा लिखित उत्‍तर में परिवादी की केवल शॉप कीपर्स बीमा पालिसी नं0 421804/48/09/34/0000139 एकाउन्‍ट मेसर्स कुमार रेडिया एण्‍ड इलेक्ट्रिकल्‍स का बीमा शर्तों नियमों व अपवादों के अधीन जारी किया जाना स्‍वीकार किया है तथा कथनों को अस्‍वीकार किया है तथा प्रश्‍नगत उपरोक्‍त पालिसी के अंतर्गत विपक्षी बीमा कंपनी का कोई दायित्‍व क्षतिपूर्ति अदा करने का नहीं है तथा परिवाद विपक्षी बीमा कंपनी के खिलाफ सव्‍यय खण्डित होने योग्‍य है। बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर श्री अभय कुमार रस्‍तोगी को नियुक्‍त किया गया तथा उनके द्वारा सर्वे किया गया। सर्वेयर को बीमा धारक द्वारा कहा गया उसका नुकसान ए-52 दीन दयाल नगर फेस-2 मुरादाबाद में स्थित गोदाम में हुआ है तथा पालिसी के अंतर्गत वर्णित बीमा कवरेज स्‍थल में परिवादी का कोई नुकसान होना नहीं पाया गया तथा कहा गया कि वहां पर बाढ़ नहीं आई थी तथा दीन दयाल नगर फेस-2 मुरादाबाद स्थित गोदाम के अंतर्गत रखे समान के बाबत केवल 2,65,898/- रूपये की क्षति हुई है तथा बीमा कवरेज में न आने के कारण भुगतान होने योग्‍य नहीं है तथा नो क्‍लेम करने की संस्‍तुति की गई है तथा परिवादी का परिवाद सव्‍यय निरस्‍त होने योग्‍य है।

    

4

    अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता एवं प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस को विस्‍तार से सुना गया।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि जिला फोरम ने निष्‍कर्ष दिया है कि बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर नियुक्‍त किया गया है वह गलत है। बीमा कंपनी द्वारा क्‍लेम नो क्‍लेम कर दिया गया है। बैंक द्वारा क्‍लेम अस्‍वीकार नहीं किया गया है बल्कि बीमा कंपनी द्वारा क्‍लेम को अस्‍वीकार किया गया है। जिला फोरम ने यह भी आदेश देने में गलती किया है कि प्रत्‍यर्थी सं0 2 को गोदाम का पता बदले की सूचना दी गई थी। प्रत्‍यर्थी सं0 2 ने क्षति को साबित करने में कोई साक्ष्‍य नहीं दिया है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी सं0 2 उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। इस प्रकार जिला फोरम का निर्णय/आदेश सही एवं उचित नहीं है, खण्डित करने योग्‍य है।

     प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों का खण्‍डन करते हुए कहा कि जिला फोरम का निर्णय/आदेश सही एवं उचित है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी के बैंक से वित्‍तीय सहायता लिया था। अपीलार्थी ऋण को सुरक्षित करने के लिए न्‍यू इंडिया इन्‍श्‍योरेन्‍स कं0 से बीमा कराया था। इसलिए बैंक स्‍वयं जिम्‍मेदार है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा गोदाम बदलने की सूचना तत्‍काल 05 अप्रैल 2010 में दे दिया गया था। वर्तमान प्रकरण में स्‍वतन्‍त्र सर्वेयर नियुक्‍त किया जाना बैंक द्वारा आवश्‍यक नहीं था। परिवादी ने व्‍यक्तिगत रूप से शाखा बैंक मैनेजर से मिलकर गोदाम ट्रांसफर की सूचना दी। अपीलार्थी बैंक की डयूटी होती है कि बीमा कंपनी को गोदाम ट्रांसफर की सूचना दे। इस प्रकार अपीलार्थी/बैंक की सेवा में कमी स्‍पष्‍ट रूप से है। अपीलार्थी की अपील खारिज होने योग्‍य है।

     आधार अपील एवं संपूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रत्‍यर्थी सं0 2/परिवादी ने विपक्षी बैंक से ऋण लेकर मेसर्स कुमार रेडियो एण्‍ड इलेक्ट्रिकल्‍स के नाम से दुकान खोला था। अपीलार्थी/बैंक द्वारा बीमा कराया गया था। परिवादी की संपत्ति बंधक के रूप में रखी गई थी। प्रीमियम की धनराशि अपीलार्थी/बैंक द्वारा अदा किया जा रहा था। बीमा की प्रीमियम की धनराशि परिवादी के खाते से डेविट कर प्रत्‍यर्थी सं0 3 को अदा कर दी जाती थी। बैंक/अपीलार्थी ने बीमा कराने के संबंध में परिवादी से सहमति नहीं लिया था। परिवादी का गोदाम पूर्व में बी0 11 डिगर कालोनी, मुरादाबाद में था जिसका ट्रांसफर करके

5

एच0आई0जी0ए0 52 दीन दयाल नगर, द्वितीय मुरादाबाद में कर दिया गया था। जिसकी सूचना अपीलार्थी बैंक को दिया गया था। अपीलार्थी बैक द्वारा बीमा कंपनी को गोदाम ट्रांसफर की सूचना देनी चाहिए थी परन्‍तु अपीलार्थी/बैंक द्वारा ऐसा नहीं किया गया। बीमा कंपनी को सूचना न देना अपीलार्थी बैंक के सेवा में कमी है। बाढ़ आने से गोदाम में रखे सामान क्षतिग्रस्‍त हो गये। जिला फोरम ने सभी तथ्‍य एवं परिस्थितियों पर सम्‍यक रूप से विचार करने के बाद जो निर्णय/आदेश दिया है वह विधि अनुरूप है। अपीलार्थी के अपील में बल नहीं पाया जाता है। अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

 

      अपील निरस्‍त की जाती है। जिला मंच मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0 111/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 12/02/2013 की पुष्टि की जाती है। उभय पक्ष अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे। इस निर्णय/आदेश की एक एक सत्‍य प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाय।

 

 

                                                                                           (चन्‍द्रभाल श्रीवास्‍तव)

                                                        पीठा0 सदस्‍य

                                               

                                                     

                                                    

                                                         (संजय कुमार)

                                                            सदस्‍य                                                                  

सुभाष कोर्ट 2

                                                                                                                                         

           

 

 

                                 

 

 
 
[HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.