Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1886

U I I Co - Complainant(s)

Versus

M/s Kapson Distributers - Opp.Party(s)

V.P.Sharma

12 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1886
( Date of Filing : 02 Nov 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. U I I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Kapson Distributers
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Jun 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1886/2010

यूनाइटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कं0लि0, 896, स्‍टेशन रोड, लखीमपुरी खीरी, द्वारा ब्रांच मैनेजर।

बनाम

मैसर्स कैप्‍सन डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स, द्वारा प्रोपराईटर आत्‍म प्रकाश वर्मा (मृतक) द्वारा प्रतिनिधि श्रीमती गीता वर्मा एवं उनकी पुत्री आदिती वर्मा

समक्ष:-                                                  

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित     : श्री वी.पी. शर्मा,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : श्रीमती गीता वर्मा, स्‍वंय

दिनांक : 12.06.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-43/2009, मै0 कैप्‍सन डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स बनाम यूनाइटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, लखीमपुर-खीरी द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.9.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी.पी. शर्मा तथा प्रत्‍यर्थी की ओर से श्रीमती गीता वर्मा, व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं। अत: अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         विद्वान जिला आयोग ने बीमित व्‍यापारिक परिसर में चोरी होने पर अंकन 3,46,573/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश बीमा कंपनी के विरूद्ध पारित किया है साथ ही इस राशि पर 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज भी अदा करने के लिए आदेशित किया है।

-2-

3.         अपीलार्थी, बीमा कंपनी को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादी का व्‍यापारिक परिसर बीमित किया गया था। यह तथ्‍य भी स्‍वीकार किया गया कि बीमित परिसर में चोरी हुई, बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया तथा सर्वेयर नियुक्‍त किया गया और सर्वेयर द्वारा क्षति का आंकलन किया गया। अत: इन सभी बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत विवेचना की कोई आवश्‍यकता नहीं है।

4.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सर्वेयर द्वारा क्षति का आंकलन अंकन 2,17,345/-रू0 किया गया और यह राशि अपील के लम्‍बन के दौरान उपभोक्‍ता को प्राप्‍त भी करायी जा चुकी है, परन्‍तु चूंकि यह राशि अंतिमता में स्‍वीकार नहीं की गयी है। अत: इस राशि को प्राप्‍त कराये जाने के आधार पर अपील का निस्‍तारण नहीं किया जा सकता। इस स्‍तर पर यह निष्‍कर्ष देना आवश्‍यक है कि क्‍या विद्वान जिला आयोग द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि उच्‍च दर से एवं बगैर पर्याप्‍त आधार के अदा करने का आदेश पारित  किया  गया है ?  इस प्रश्‍न का उत्‍तर नकारात्‍मक है, क्‍योंकि स्‍वंय सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह उल्‍लेख किया गया है कि परिवादी द्वारा जो बिल सामान क्रय से संबंधित प्रस्‍तुत किये गये थे, उनका मूल्‍य रू0 3,22,103.91 पैसे निकलता है, यद्यपि सर्वेयर द्वारा अन्‍य कई मदो में कटौती की गयी, जिसके पश्‍चात अंकन 2,17,345/-रू0 की क्षति निर्धारित की गयी है। इस कटौती को एक मानक के आधार पर लिया गया है। परिवादी द्वारा सम्‍पूर्ण मूल्‍य के सामान का बीमा नहीं कराया गया था, अपितु सामान अधिक था एवं बीमा कम मूल्‍य का कराया गया। बीमा पालिसी के अवलोकन से जाहिर होता है कि कुल 10 लाख रूपये की राशि का बीमा कराया गया, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि परिवादी द्वारा कम राशि का बीमा कराया गया।

 

-3-

5.         विद्वान जिला आयोग ने वर्ष 2007-08 एवं वर्ष 2008-09 में क्रय किये गये सामान के आधार पर क्षतिपूर्ति का आंकलन किया है और जो सामान मौके पर सर्वेयर द्वारा बचा पाया गया, इस सूची पर परिवादी के हस्‍ताक्षर नहीं हैं। तदनुसार विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधिसम्‍मत है। प्रस्‍ुतत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है, सिवाय इसके कि ब्‍याज राशि 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज के स्‍थान पर 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज दिलाये जाने का आदेश दिया जाना चाहिये। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

6.         प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान  जिला  आयोग  द्वारा  पारित  निर्णय/आदेश दिनांक 21.9.2010 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को देय राशि पर केवल 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्‍याज की दर से ही ब्‍याज देय होगा। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित  जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

    

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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