Rajasthan

Kota

CC/220/2011

Govind suman - Complainant(s)

Versus

M/S Kalkata Machinery Agencyies, Prop. - Opp.Party(s)

Rakesh Kumar Sharma

10 Mar 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, कोटा (राजस्थान)।

पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमति हेमलताभार्गव व श्री महावीरतंवर सदस्यगण।
प्रकरण संख्या-220/2011    
गोविन्द सुमन पुत्र श्री छीतरलाल सुमन, आयु 35 साल जाति माली निवासी-मार्फत कुलदीप कपूर का मकान, खातियों का मोहल्ला, कोटडी गोरधनपुरा,कोटा, राजस्थान।    -परिवादी।
                     बनाम
मैसर्स कलकत्ता मषीनरी एजेन्सीज जरिये प्रोपराईटर,32,षोपिंग सेन्टर, कोटा (राज0)                                                      -विपक्षी।
   परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री राकेष कुमार षर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
   2  विपक्षी के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
   
          निर्णय                 दिनांक 10-03-2015  
(1)       प्रस्तुत परिवाद दिनांक 20-07-2011 को परिवादी ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उसने विपक्षी से 2000/- रूपये में एक मोटर जरिये बिल दिनांक 11.05.09 को क्रय की थी, जिसकी एक वर्श की वारंटी दी थी। मषीन ठीक से कार्य नहीं कर रही थी, जिसकी षिकायत उसने विपक्षी से की तथा परिवादी के द्वारा दिनांक 12.06.09 को विपक्षी को नोटिस दिलवाये जाने के बाद भी उसने नई मषीन नहीं दी और  सेवा में कमी की है। अतः प्रार्थना की गई है कि विपक्षी से परिवादी को नई मोटर अथवा उसका मूल्य, मांसिक संताप की प्रतिकर राषि, खर्चा मुकदमा दिलवाया जावे।                               
(2)    विपक्षी को पर्याप्त अवसर दिये जाने के पष्चात भी उसने जवाब पेष नहीं किया एवं दिनांक 09.03.15 को उसके खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही की गई। 
(3)    परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का षपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेज प्रदर्ष-1 लगायत प्रदर्ष-5 पेष किये गये है। 
(4)    बहस एक तरफा सुनी गई। मामले में निम्न विचारणीय बिन्दु है:-
(अ)    क्या परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है ?
(ब)    क्या परिवाद मियाद बाहर है ?
(स)    क्या विपक्षी ने सेवा दोश किया है ?
(द)    अनुतोश ?
(5)    बहस सुनी जाकर परिवादी द्वारा प्रस्तुत तर्को, षपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में परिवाद व परिवादी के षपथ-पत्र, मोटर क्रय करने के दस्तावेज बिल प्रदर्ष-1 के अवलोकन से यह साबित होता है कि परिवादी ने विपक्षी से 2,000/- रूपये में दिनांक 11.05.09 को एक मोटर क्रय की थी, जिसकी एक वर्श की वारंटी थी। अतः परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। 
(6)    परिवादी ने अपने परिवाद में यह अभिकथन नहीं किया कि सर्व प्रथम मोटर खराब होने की षिकायत उसने विपक्षी से की थी। परिवादी ने विपक्षी को नोटिस प्रदर्ष-3 दिनांक 12.06.09 को प्रेशित किया था। अतः उक्त दिनांक से भी परिवाद में कारण उत्पन्न होने की उपधारणा की जावे तब भी प्रस्तुत परिवाद दिनांक 12.06.09 के पष्चात दिनांक 20.06.11 को अर्थात् 2 वर्श की अवधि के पष्चात पेष किया गया है जो कि कालातीत अवधि समाप्त होने के पष्चात पेष किया गया है । अतः चलने योग्य नहीं है। 
(7)    उपरोक्त विवेचन के बाद परिवादी का परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कालातीत अवधि का होने के कारण चलने योग्य नहीं है। अतः अन्य बिन्दुओ पर विचार किया जाना आवष्यक नहीं है। 
(8)    परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।       
                              आदेष   
(9)      परिणामतः परिवादी गोविन्द सुमन का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 

(महावीर तंवर)                   (श्रीमति हेमलता भार्गव)           (मोहम्मद अनवर आलम)  
  सदस्य                               सदस्या                      अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
मंच, कोटा।                    मंच,कोटा।                       मंच, कोटा।
(6)     निर्णय  आज दिनंाक 10-03-2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

(महावीर तंवर)                    (श्रीमति हेमलता भार्गव)                 (मोहम्मद अनवर आलम)  
  सदस्य                            सदस्या                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
मंच, कोटा।                    मंच,कोटा।                        मंच, कोटा।

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