राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-45/2016
(जिला उपभोक्ता फोरम, इटावा द्वारा परिवाद संख्या 13/2009 में पारित आदेश दिनांक 18.12.2015 के विरूद्ध)
M/s Jaswant Nagar Cold Storage Pvt. Ltd. Through the Director, Chimara Road, Etawah.
....................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
Prem Singh s/o Sadan Singh R/o, Vill. Parsoua, Post Jaswant Nagar, Distt. Etawah.
...................प्रत्यर्थी/परिवादी
एवं
अपील संख्या-226/2016
(जिला उपभोक्ता फोरम, इटावा द्वारा परिवाद संख्या 13/2009 में पारित आदेश दिनांक 18.12.2015 के विरूद्ध)
प्रेम सिंह पुत्र साधन सिंह निवासी – ग्राम परसौआ, पोस्ट- जसवन्तनगर, जिला-इटावा। ....................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0 लि0 द्वारा प्रबन्धक, छिमारा रोड, इटावा। ...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी कोल्ड स्टोरेज की ओर से उपस्थित : श्री वीर राघव चौबे,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 06.07.2018
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-13/2009 प्रेम सिंह बनाम मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 जिला फोरम, इटावा ने निर्णय और आदेश दिनांकित 18.12.2015 के द्वारा निर्णीत किया है और
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निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवाद विपक्षी के विरुद्ध 2,33,704/-रुपया की वसूली हेतु स्वीकार किया जाता है इस धनराशि पर वाद योजन की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देना होगा। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करे।''
जिला फोरम के निर्णय से परिवाद के दोनों पक्ष सन्तुष्ट नहीं हैं। अत: परिवाद के विपक्षी मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 ने उपरोक्त अपील संख्या-45/2016 मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 बनाम प्रेम सिंह और परिवादी प्रेम सिंह ने उपरोक्त अपील संख्या-226/2016 प्रेम सिंह बनाम मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
दोनों अपील एक ही निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ संयुक्त निर्णय के द्वारा
किया जा रहा है।
दोनों अपील में परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा और विपक्षी कोल्ड स्टोरेज की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वीर राघव चौबे उपस्थित आए हैं।
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मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
दोनों अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी प्रेम सिंह ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने विपक्षी मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 में दिनांक 06.04.2008 से दिनांक 11.04.2008 तक की अवधि में कुल 424 पैकेट आलू भण्डारित किए, जिसकी बाजारू कीमत व वारदाना मय ढुलाई 316/-रू0 प्रति पैकेट की दर से 1,31,704/-रू0 थी।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने उसके 404 पैकेट आलू की बिक्री कर दिया और उसे वापस नहीं किया। परिवाद पत्र के अनुसार उसने कुल आलू बीज के रखे थे। अत: आलू न मिलने के कारण वह खेतों की बुआई करने से वंचित हो गया, जिससे करीब एक लाख रूपए का उसका नुकसान हुआ है। अत: परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत कर कुल 2,31,704/-रू0 की क्षतिपूर्ति की मांग की है और उस पर ब्याज व वाद व्यय भी मांगा है।
विपक्षी कोल्ड स्टोरेज की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्तुत कर कहा गया है कि परिवादी ने 424 पैकेट आलू उनके कोल्ड स्टोरेज में भण्डारित किया था, जिसका भण्डारण भाड़ा 22,260/-रू0 था, जिसमें से उसने विपक्षी को
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दिनांक 01.10.2008 को 1200/-रू0 अदा किया था और गेट पास संख्या-3369 से 20 पैकेट की निकासी की थी।
लिखित कथन में विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने कहा है कि वर्ष 2008 में भण्डारण भाड़ा 105/-रू0 प्रति कुन्तल दिनांक 31.10.2008 तक की अवधि हेतु था और नवम्बर-दिसम्बर में आलू निकालने पर 10/-रू0 प्रति पैकेट अधिक किराया लगना था।
लिखित कथन में विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने कहा है कि वर्ष 2008 में आलू का भाव इतना कम था कि भण्डारण भाड़ा 105/-रू0 प्रति कुन्तल भी नहीं मिल पा रहा था। अत: दिनांक 19.11.2008 को विपक्षी ने विज्ञप्ति जारी की जिसमें दिनांक 25.11.2008 तक सभी किसानों से अपना आलू लेकर भण्डारण शुल्क जमा करने की अपील की। तब दिनांक 19.12.2008 को परिवादी ने कहा कि आलू बिक्री होने के बाद ही रूपए दे पायेंगे। उसी दिन उसने 61 पैकेट की डिलीवरी गेट पास सं0 7476 कटाकर आलू निकासी कराकर बेचने का प्रयास किया, परन्तु वह नहीं बिका। उसने 4-5 दिन बाद पुन: आलू बेचने का प्रयास किया फिर भी आलू नहीं बिका। तब उसके कहने पर 343 पैकेट आलू का गेट पास बनाया गया, जिसमें से छटटा 292 झांसी के लिए भेजा गया और 51 पैकेट आलू छोड़ दिया गया। झांसी में इस माल की कीमत 1931/-रू0 आयी। ड्राफ्ट कमीशन कटने के बाद 1914/-रू0 शेष रहा, जिसे भण्डारण के खाते में जमा
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करने पर 19,146/-रू0 विपक्षी के जिम्मा शेष बचा है। इसके साथ ही दिसम्बर में निकाले गये 404 पैकेट का 20/-रू0 प्रति पैकेट की दर से 8080/-रू0 और बना।
लिखित कथन में विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने कहा है कि 112 पैकेट आलू परिवादी ने कोल्ड स्टोरेज में ही छोड़ दिए थे, जिसे लेने वह नहीं आया और सूचना के बाद भी माल नहीं उठाया।
लिखित कथन में विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने कहा है कि उसने सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है।
जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त आक्षेपित निर्णय और आदेश उपरोक्त प्रकार से पारित किया है, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी ने उपरोक्त अपील इस अनुरोध के साथ प्रस्तुत की है कि परिवाद में याचित सम्पूर्ण अनुतोष उसे प्रदान किया जाए।
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने उपरोक्त अपील इस अनुरोध के साथ प्रस्तुत की है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय त्रुटिपूर्ण है अत: उसे अपास्त किया जाए।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में याचित अनुतोष प्रदान न कर गलती की है। अत: जिला फोरम का निर्णय संशोधित कर परिवाद पत्र में याचित सम्पूर्ण अनुतोष प्रदान किया जाए।
विपक्षी कोल्ड स्टोरेज के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि
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जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने सेवा में कोई त्रुटि नहीं की है। परिवादी स्वयं अपना आलू नहीं ले गया है क्योंकि उस वर्ष आलू का मूल्य कोल्ड स्टोरेज को देय भाड़े से भी कम था।
मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
परिवादी का 424 पैकेट आलू विपक्षी कोल्ड स्टोरेज में रखा जाना निर्विवाद है। परिवादी ने 20 पैकेट आलू की निकासी की है। परिवादी द्वारा शेष आलू विपक्षी कोल्ड स्टोरेज से वापस प्राप्त नहीं किया गया है। विपक्षी कोल्ड स्टोरेज द्वारा आलू की बिक्री व निस्तारण उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज विनियम अधिनियम 1976 की धारा-17 के प्राविधान का पालन कर सार्वजनिक नीलामी के द्वारा जिला उद्यान अधिकारी को पूर्व सूचना देकर नहीं की गयी है। अत: यह मानने हेतु उचित आधार है कि विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने परिवादी के आलू के निस्तारण में नियम का पालन नहीं किया है और सेवा में त्रुटि की है। अत: मैं इस मत का हूँ कि परिवादी द्वारा भण्डारित आलू के मूल्य के भुगतान हेतु विपक्षी कोल्ड स्टोरेज उत्तरदायी है। परिवादी ने अपने 424 पैकेट आलू का मूल्य ढुलाई और वारदाना सहित 1,31,704/-रू0 बताया है, जिस पर अविश्वास करने हेतु उचित आधार नहीं दिखाई देता है। परिवादी द्वारा भण्डारित आलू का कोल्ड स्टोरेज भड़ा 22,260/-रू0 विपक्षी ने बताया है, जिसमें 1200/-रू0 प्राप्त करना विपक्षी ने स्वीकार किया है। अत: कोल्ड स्टोरेज के शेष भाड़े की धनराशि 21060/-रू0
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आलू के मूल्य में समायोजित कर शेष धनराशि 1,10,644/-रू0 परिवादी को अदा करने हेतु विपक्षी कोल्ड स्टोरेज को आदेशित किया जाना उचित है।
आलू कोल्ड स्टोरेज से न मिलने पर परिवादी बाजार से आलू क्रय कर अपने खेतों की बुआई कर सकता था और उसने परिवाद पत्र में यह नहीं कहा है कि वह उस वर्ष अपने खेतों में आलू की बुआई नहीं कर सका है। अत: आलू न मिलने के कारण आलू के मूल्य के अतिरिक्त जो 1,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति परिवादी ने मांगा है और जिला फोरम ने स्वीकार किया है वह उचित नहीं है।
सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त यह उचित प्रतीत होता है कि विपक्षी कोल्ड स्टोरेज द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-45/2016 आंशिक रूप से स्वीकार की जाए और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए विपक्षी कोल्ड स्टोरेज को परिवादी को 1,10,644/-रू0 परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्याज सहित अदा करने हेतु आदेशित किया जाये। जिला फोरम ने जो 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया है, वह उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-226/2016 निरस्त किए जाने योग्य है।
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आदेश
विपक्षी कोल्ड स्टोरेज द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-45/2016 मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 बनाम प्रेम सिंह आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हुए विपक्षी कोल्ड स्टोरेज को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को 1,10,644/-रू0 परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित अदा करे।
परिवादी प्रेम सिंह द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-226/2016 प्रेम सिंह बनाम मैसर्स जसवन्तनगर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 निरस्त की जाती है।
दोनों अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील संख्या-45/2016 में अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय के अनुसार निस्तारण हेतु जिला फोरम को प्रेषित की जाएगी।
इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्या-226/2016 में भी रखी जाए।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1